Text of RM’s speech at the Air Force Station in Bhuj (Gujarat).
भारत माता की जय
साथियो अगर मैं आज आपके बीच आया हूँ तो आप लोगों का अभिनंदन करने के लिए आया हूँ। ऑपरेशन सिंदूर में आप लोगों ने करिश्माई काम किया है। भारत का मस्तक आपने सारी दुनिया में ऊँचा किया है। पहलगाम में मारे गए सभी निर्दोष नागरिकों को, और ‘Operation Sindoor’ के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए हमारे सैनिकों को नमन करता हूँ। मैं हमारे घायल सैनिकों के साहस को भी नमन करता हूँ, और ईश्वर से यह प्रार्थना करता हूँ, कि वो जल्द से जल्द स्वस्थ हों।
हमारे देश की मज़बूत भुजा, भुज में, आप सबके बीच आकर मुझे बड़ा गर्व हो रहा हैI यह भुज, 1965 में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ हमारी जीत का साक्षी रहा है। यह भुज, 1971 में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ हमारी जीत का साक्षी रहा है। और आज एक बार फिर, यह भुज, पाकिस्तान के ख़िलाफ़ हमारी जीत का साक्षी बना है। इसकी मिट्टी में देशभक्ति की खुशबू है, और यहाँ के जवानों में भारत की सुरक्षा का अडिग संकल्प। मैं आप सभी Air warriors समेत, Armed forces और BSF के सभी जाँबाजों को सलाम करता हूँ।
अभी कल ही, मैं श्रीनगर में, सेना के अपने वीर जवानों से मिलकर लौटा हूँ। और आज, मुझे आपके बीच आने का अवसर मिला है। कल मैं भारत के उत्तरी भाग में जवानों से मिला। आज मैं भारत के पश्चिमी भाग में Air warriors और जवानों से मिल रहा हूं। दोनों ही fronts पर high energy और high josh देखकर, मैं फिर से आश्वस्त हो गया हूँ, कि भारत की सीमाएं, आप सभी की मजबूत भुजाओं में पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
ऑपरेशन सिंदूर में बताना चाहता हूँ — ऑपरेशन सिंदूर, ये नाम किसने दिया? ये नाम हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने दिया। ‘Operation Sindoor’ के दौरान आपने जो कुछ किया, उसने पूरे देश को गर्व से भर दिया है। भारतीय वायुसेना के लिए, सिर्फ 23 मिनट काफी थे, पाकिस्तान की सरज़मीं पर पल रहे आतंक के अजगर को कुचलने के लिए। मैं यह कहूं तो गलत नहीं होगा, कि जितनी देर में लोग नाश्ता-पानी निपटाते हैं, उतनी देर में आपने दुश्मनों का निपटारा कर दियाI आपने दुश्मन की सीमा के भीतर जाकर जो missiles गिराए, उसकी गूँज पूरी दुनिया ने सुनी। और वास्तव में वह गूँज, सिर्फ missiles की ही नहीं थी, वह गूँज आपके शौर्य और भारत के पराक्रम की थी।
ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय वायुसेना ने जो प्रभावी भूमिका निभाई है, उसकी सराहना इस देश में ही नहीं दूसरे देशों में भी हो रही है। आपने इस ऑपरेशन में न केवल दुश्मन को dominate किया है बल्कि उन्हें decimate करने में भी कामयाबी हासिल की है। आतंकवाद के ख़िलाफ़ चलाये गए इस अभियान को spearhead हमारी airforce ने किया। हमारी एयरफोर्स एक ऐसी ‘स्काइफ़ोर्स’ है, जिसने अपने शौर्य, पराक्रम और प्रताप से आसमान की नई और बुलंद ऊंचाइयों को छू लिया है।
यह कोई छोटी बात नहीं है कि हमारी एयरफोर्स की पहुँच पाकिस्तान के हर कोने तक है, यह बात पूरी तरह साबित हो चुकी है। आज स्थिति यह है कि भारत के फाइटर प्लेन बिना सरहद पार किए ही, यहीं से उनके हर कोने तक प्रहार करने में सक्षम है। पूरी दुनिया ने देख लिया है कि कैसे आपने पाकिस्तान की धरती पर मौजूद, आतंकवाद के नौ ठिकानों को ध्वस्त कर दिया; बाद में की गई कारवाई में उनके अनेक एयरबेस तबाह कर दिए।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान इंडियन एयरफोर्स ने केवल पराक्रम ही नहीं दिखाया है, बल्कि पूरी दुनिया के सामने प्रमाण भी दिया है। प्रमाण इस बात का कि अब भारत की युद्ध नीति और तकनीकी दोनों बदल चुकी है। आपने नए भारत का संदेश पूरी दुनिया तक पहुंचाया है।
यह संदेश है कि अब भारत केवल विदेशों से import किए गए हथियारों और प्लेटफॉर्म्स पर निर्भर नहीं है,बल्कि भारत में बने अस्त्र और शस्त्र भी हमारी सैन्य शक्ति का हिस्सा बन चुके हैं। अब भारत में बने और भारतीय हाथों से बने हथियार भी अचूक और अभेद हैं, यह पूरे विश्व ने देख लिया है।
‘ब्रह्मोस’ मिसाइल की ताक़त को तो पाकिस्तान ने ख़ुद स्वीकार किया है। हमारे देश में एक कहावत काफ़ी पुरानी है और वह है – “दिन में तारे दिखाना”। मगर भारत मे बनी ब्रह्मोस मिसाइल ने पाकिस्तान दुश्मन को रात के अँधेरे में दिन का उजाला दिखा दिया है। भारत के जिस एयर डिफेंस सिस्टम की तारीफ़ हर तरफ़ हो रही है, उसमें DRDO द्वारा बनाये गए ‘आकाश’ और अन्य राडार सिस्टम की जबरदस्त भूमिका रही है।
साथियों, आपने पाकिस्तान में मौजूद terror infrastructure के ख़िलाफ़ प्रभावी कारवाई की मगर पाकिस्तान फिर से इस कोशिश में लग गया है कि ध्वस्त हुए आतंकी ढाँचे को फिर से खड़ा किया जाये। वहाँ की सरकार, पाकिस्तानी आम नागरिकों से लिया गया टैक्स, ‘जैश ए मुहम्मद’ जैसे आतंकी संगठन के आका मसूद अजहर को करीब चौदह करोड़ रुपए देने में खर्च करेगी। जबकि वह UN Designated terrorist घोषित है।
इतना ही नहीं, ‘लश्कर ए तैयबा और जैश ए मुहम्मद’ के मुरीदके और बहावलपुर स्थित terror infrastructure को फिर से खड़ा करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने आर्थिक सहायता देने के ऐलान किया है। निश्चित रूप से IMF से आने वाले एक बिलियन डॉलर के बड़े हिस्से को terror infrastructure को फंड करने में इस्तेमाल होगा। क्या यह IMF द्वारा जो कि एक international organisation द्वारा indirect funding नहीं माना जाएगा?
इसलिए मैं मानता हूँ कि आज के समय में पाकिस्तान को किसी भी तरह की आर्थिक सहायता terror financing से कम नहीं है। भारत यही चाहेगा कि IMF पाकिस्तान को अपनी एक बिलियन डॉलर की assistance पर पुनर्विचार करे और आगे भी किसी भी तरह की सहायता देने से परहेज करे। भारत नहीं चाहता कि जो फंडिंग हम IMF को करते हैं, वह direct या indirect किसी भी तरीके से पाकिस्तान या किसी भी देश में terror infrastructure को बनाने में इस्तेमाल की जाये।
साथियो, अब यह स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तान में आतंकवाद और वहाँ की सरकार का चोली-दामन का संबंध है। ‘स्टेट’ और ‘नॉन-स्टेट एक्टर्स’ के बीच का नक़ाब अब पूरी तरह से उतर चुका है।अब ऐसी परिस्थिति में, अगर वहाँ परमाणु हथियार मौजूद हैं, तो इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि कभी वे आतंकवादियों के हाथ लग जाएँ। यह स्थिति न सिर्फ पाकिस्तान की जनता, बल्कि पूरे विश्व को समझनी होगी कि वे कितने बड़े ख़तरे पर बैठे हैं— यह सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर खतरे की बात है। मैं पाकिस्तान की फौज को एक सन्देश देना चाहूँगा-
”कागज़ का है लिबास…चिरागों का शहर है,
चलना संभल-संभल कर क्योंकि तुम नशे में हो”।
अभी आपने जो पराक्रम दिखाया, उसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। आज भारत को वैश्विक मंच पर, जो सम्मान मिल रहा है, उसकी बुनियाद में आपका यही पराक्रम है। यही कारण है, कि भारत का बच्चा-बच्चा आपको, अपना idol मानता है।
आपने पूरे देश को यकीन दिलाया है, कि नया भारत अब सहन नहीं करता, बल्कि वह पलटकर जवाब देता है। मैं चाहे जितना कुछ भी बोलूँ, लेकिन मेरे शब्द आपके कार्यों को मापने में असमर्थ होंगे। मैं कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से, आप सबके प्रति आभार व्यक्त करने आया हूँ।
साथियों, हमारे प्रधानमंत्री जी ने पूरी स्पष्टता के साथ, आतंकवादी गतिविधियों को, “Act of War” घोषित कर दिया है। यह निर्णय, दिखाता है, कि अब हर आतंकवादी हमला, हमारी संप्रभुता, और क्षेत्रीय अखंडता पर, सीधा आघात माना जाएगा, और इसका उत्तर भी उतना ही तीव्र, और निर्णायक होगा।
साथियों, अब आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई, केवल सुरक्षा का विषय नहीं, बल्कि national defense doctrine का हिस्सा बन चुकी है। हम आपके साथ मिलकर इस hybrid और proxy warfare को जड़ से समाप्त करेंगे।
हम, हमारे आराध्य श्रीराम के उस मार्ग का अनुसरण करते हुए आगे बढ़ रहे हैं, जिसमें वह आसुरी शक्तियों के विनाश का प्रण लेते हैंI “निसिचर हीन करउँ महि, भुज उठाइ पन कीन्ह।” अर्थात जिस प्रकार भगवान राम ने, अपनी भुजाओं को उठाकर, धरती को राक्षस विहीन करने का प्रण लिया था। ठीक उसी प्रकार, प्रभु श्री राम के आदर्शों का पालन करते हुए, हमने भी आतंकवाद को, जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया है।
साथियों, एक और बात मैं यहां साफ कहना चाहूंगा। ‘Operation Sindoor’ अभी खत्म नहीं हुआ है। जो कुछ भी हुआ, वह सिर्फ एक ट्रेलर मात्र था। जब सही समय आएगा, तो हम पूरी पिक्चर भी दिखाएंगे।
आप सब तो जानते ही होंगे, कि भारत में जब भी कोई उपद्रवी तत्व होता है, जिसको लेकर यह आशंका रहती है, कि यह भविष्य में कुछ उपद्रव कर सकता है, तो उसको magistrate एवं police द्वारा, good behavior के probation पर रखा जाता है। अगर वह व्यक्ति, probation के दौरान कोई भी शरारत करता है, तो उसे उचित दंड दिया जाता है। ठीक उसी तरह, वर्तमान ceasefire में, हमने पाकिस्तान को behavior के आधार पर, अभी probation पर रखा हुआ है। यदि उसका behavior सुधरता है, तब तो ठीक; और यदि behavior में फिर से गड़बड़ी आती है, तो उसको कड़े से कड़ा दंड दिया जाएगा। मैं repeat कर रहा हूँ, पाकिस्तान को हमने probation पर रखा है।
वैसे भी, माननीय प्रधानमंत्री जी ने हाल ही में एक बात बहुत साफ कही है, कि आतंक पर प्रहार अब न्यू नॉर्मल है। ये New India का New Normal है।
अब हमने यह साफ़ कर दिया है, कि हमारी संप्रभुता को यदि कोई नुकसान पहुंचाएगा, तो वह प्रहार भी झेलेगा। आतंकवाद का हम, louder और stronger जवाब देंगे।
साथियों, मैं जब देश के अलग-अलग हिस्सों में जाता हूँ, तो एक बात हर जगह सुनने को मिलती है, कि “हमारी सेनाओं पर हमें गर्व है।” और क्यों न हो? आप सबने अपने पराक्रम से, अपने शौर्य से, पूरे देश के दिल में, एक खास जगह बनाई है। लेकिन क्या सिर्फ गर्व और सम्मान ही काफी है? मेरा मानना है—नहीं।
सोचिए, कुछ साल पहले हम दुनिया से हथियार खरीदते थे। आज हम खुद बना रहे हैं। Artillery systems, Radar systems, missile shields, drones और counter drones जैसे साजो-सामान, आज हम भारत में ही manufacture कर रहे हैं। हम importer से exporter बन रहे हैं; और यह केवल शुरुआतभर है।
मैं आप सबको, एक बार फिर, ‘Operation Sindoor’ की सफलता पर बधाई देता हूँ। मैं बस इतना कहूँगा, कि आपके पराक्रम ने यह दिखा दिया, कि यह वो सिन्दूर है, जो श्रृंगार का नहीं, बल्कि शौर्य का प्रतीक है। यह वो सिन्दूर है, जो सौंदर्य का नहीं, बल्कि संकल्प का प्रतीक है। यह सिन्दूर, खतरे की वह लाल लकीर है, जो भारत ने अब आतंकवाद के माथे पर खींच दी है।
मैं इस अवसर पर, आप सभी के साथ-साथ, देश की जनता का भी आभार प्रकट करता हूं। भारत की जनता ने, एकजुटता और समझदारी का परिचय देते हुए, आपका सहयोग किया। इस लड़ाई में न केवल सरकार, Armed forces और सुरक्षाबल एकजुट थे, बल्कि भारत का हर नागरिक, एक सिपाही की तरह इसमें भागीदार बना। मुझे ऐसा लगता है, कि यदि इस लड़ाई में आप अपराजेय रहे, तो इसके पीछे देश की जनता की प्रार्थनाओं का भी बड़ा योगदान था।
मैं, देश की, उन माताओं को भी प्रणाम करता हूँ, जिनकी कोख से आप जैसे वीरों ने जन्म लिया। मैं उन परिवारों को भी नमन करता हूँ, जिन्होंने आपको पाला-पोसा, और फिर बिना किसी हिचक के, राष्ट्र की सेवा में समर्पित कर दिया।
मैं आपको यह आश्वासन देता हूं, कि सरकार और देश की जनता, हर कदम पर, हर स्थिति में, आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। मुझे पूरा विश्वास है, कि आपके सहयोग से, हम इस पूरे region में, आतंकवाद का समूल नाश करेंगे, ताकि कल को कोई, भारत की संप्रभुता के खिलाफ आंख उठाने की भी हिमाकत न करे।
इसी आशा के साथ, इसी विश्वास के साथ, मैं आप सभी को नमन करते हुए, अपनी बात को समाप्त करता हूं।
धन्यवाद
जय हिंद।