श्री राजनाथ सिंह द्वारा गोवा के विजय संकल्प रैली में दिया गया पूरा भाषण (12/01/14)

भारतीय जनता पार्टी, गोवा प्रदेश के अध्यक्ष श्री विनय तेंदुलकर जी। जिन्हें पूरा हिन्दुस्तान प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहता है, ऐसे आदरणीय नरेंद्र मोदी जी। हमारे सरलता, सादगी तथा सज्जनता जिनका आभूषण है ऐसे गोवा के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री मनोहर परिकर जी और यहां के डिप्टी चीफ मिनिस्टर मि. फ्रेंसिस डिसूजा। भारतीय जनता पार्टी की ऑल इंडिया वाइस प्रेसिडेंट, यहां की प्रभारी श्रीमती स्मृति इरानी। यहां के लोकप्रिय सांसद श्री पटनाइक जी, श्री वी. सतीश, श्री दयानंद मांडरेकर, श्री दीपक धावलकर, श्री लक्ष्मी नारायण पारशेखर और श्री सुरीन धारलेकर और यहां उपस्थित मेरे सभी बहनों एवं भाइयों।

बहनों-भाइयों जब मैं एयरपोर्ट से इस रैली में भाग लेने के लिए नरेंद्र भाई के साथ आ रहा था, तो सड़क के किनारे मैंने समुद्र देखा जिस समुद्र में जल था, लेकिन आज जब इस रैली में मैं पहुंचा, तो मैंने देखा कि एक छोटा समुद्र यहां भी है और इस समुद्र में जल नहीं बल्कि जनता है। एक ऐसा समुद्र मैं अपनी आंखों के सामने देख रहा हूं। आपलोगों ने हमलोगों का बहुत ही गर्मजोशी के साथ स्वागत किया है। फूलों की हार पहनाकर, तालियां बजाकर आपलोगों ने स्वागत किया है। लेकिन स्वागत व अभिनंदन कभी एकतरफा नहीं होना चाहिए, इसलिए मैं भी भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते गोवा के बहनों-भाइयों का शीश झुकाकर अभिनंदन करता हूं, स्वागत करता हूं। बहनों-भाइयों आप सबको याद दिलाना चाहता हूं, आज 12 जनवरी है। स्वामी विवेकानंद जी की 150वीं वर्षगांठ हम मना रहे हैं। सबसे पहले अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत का ध्वज फहराने का काम अगर किसी ने किया, तो हमारे स्वामी विवेकानंद ने किया था। मुझे अगर कोई पूछे कि भारत का ‘ग्लोबल यूथ’ अगर किसी को कहना हो तो आप किसको कहेंगे तो मैं कहूंगा कि भारत का पहला ग्लोबल यूथ अगर किसी को कहा जाना चाहिए तो स्वामी विवेकानंद जी को कहा जाना चाहिए। वह सचमुच पहले वैश्विक युवा इस भारत के हैं। जहां तक इस गोवा का सवाल है, मैं जानता हूं, सारे हिन्दुस्तान में ही नहीं, बल्कि सारी दुनिया में गोवा एक ऐसा स्थान माना जाता है कि लोग यह समझते हैं- सैर-सपाटा करना हो, मनोरंजन करना हो तो हमें गोवा में चलना चाहिए। लेकिन मैं समझता हूं कि गोवा के इतिहास से, गोवा की परंपराओं से और गोवा की जो पुरानी संस्कृति है, उससे लोग अच्छी तरह परिचित नहीं हैं। गोवा का इतिहास केवल 451 वर्षों का इतिहास ही नहीं है। जब से यहां पर पुर्तगालियों का अधिपत्य था, तब से ही गोवा का इतिहास नहीं माना जाना चाहिए। बल्कि मैं जानता हूं कि गोवा के इतिहास की जड़ें महाभारत और पुराण के युगों तक जाती हैं, इतनी गहराई यहां के इतिहास की जड़ों तक जाती हैं। यदि मैं पुराणों को देखता हूं तो पुराणों में भी गोवा के संबंध में कहा गया है कि गोवा सचमुच एक देवभूमि है, एक तपोभूमि है। इस रूप में गोवा की चर्चा की गई है। हम सभी जानते हैं कि जब महादेव शंकर पार्वती से रूठ गए थे, तो भगवान शिव ने तपस्या करने के लिए अगर किसी जगह को चुना, तो इसी गोवा की धरती को चुना। यह भी गोवा के बारे में कहा जाता है कि गोवा सारे पापों को नाश करने वाली धरती है, ऐसा यह पवित्र क्षेत्र है। लेकिन जहां गोवा के इस खासियत जहां सारी दुनिया को परिचित होना चाहिए, मैं मानता हूं कि यह विडंबना है कि दुनिया इससे परिचित नहीं है। और इस गोवा की एक और बात याद दिलाना चाहता हूं- 9 जून 2013 की। यहां पर भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही थी। बहनों-भाइयों 9 जून को ही हमलोगों ने यह सिलसिला प्रारंभ किया था। भारत का प्रधानमंत्री अगर किसी को होना चाहिए तो इस देश का सर्वाधिक लोकप्रिय नेता श्री नरेंद्र मोदी को होना चाहिए और उसी बैठक में मैंने भारतीय जनता पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं की सहमति के आधार पर इलेक्शन कैंपेन कमेटी के चेयरमैन की रूप में इसकी घोषणा की थी और उसी समय से यह सिलसिला प्रारंभ हुआ था। उसी के ठीक 3 महीने के बाद 13 सितंबर को भाजपा की सेंट्रल पार्लियामेंटरी बोर्ड ने आम सहमति के आधार पर फैसला कर लिया कि इस देश का प्रधानमंत्री अगर किसी को होना चाहिए तो श्री नरेंद्र मोदी को होना चाहिए।

लेकिन मैं जानता हूं कि इस सच्चाई को कोई भूल नहीं सकता कि 1961 में जब स्वाधीनता संग्राम चल रहा था, उस समय आजादी दिलाने के लिए यहां भारत के सेना के तीनों अंगों के जवानों ने जिस शौर्य, पराक्रम और क्षमता का परिचय दिया था, उसे भी कोई भुला नहीं सकता है। ऐसे सारे सैनिकों को इस रैली के माध्यम से मैं सैल्यूट करता हूं। उनका भी मैं अभिनंदन करना चाहता हूं जिन्होंने गोवा को आजादी दिलाने में अपने शौर्य, पराक्रम और बहादुरी का परिचय दिया था। मैं कभी-कभी सोचता हूं भारत को.आजादी तो 1947 में मिल गई, लेकिन हमारा गोवा 1947 में आजाद क्यों नहीं हुआ ? क्यों 14 वर्षों का समय गुजर गया ? जबकि इसके पहले जब मैं गोवा का इतिहास पढ़ता हूं तो इस नतीजे पर पहुंचता हूं कि 1787 में पिंटो विद्रोह हुआ था जिसमें हमारे इसी गोवा के ईसाई पादरियों ने विद्रोह का बिगुल बजा दिया था, बगावत का झंडा बुलंद कर दिया था कि गोवा हमारा आजाद होना चाहिए। यानी 18वीं शताब्दी से ही गोवा को आजाद कराने का सिलसिला प्रारंभ हुआ था, लेकिन उस गोवा को आजाद होने में 14 वर्षों का समय गुजर गया। मैं समझता हूं कि उस समय के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने यदि सूझ-बूझ का परिचय दिया होता तो हमारा यह गोवा भी 1947 में आजाद हो गया होता।

इस कांग्रेस की सरकार की लचर नीतियों के कारण ही जम्मू-कश्मीर की हालत भी वही बनी है। जम्मू-कश्मीर को भी जो मुख्यधारा में आ जाना चाहिए था, उसी कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण, इसी कांग्रेस की धारा-370 के कारण आज तक जम्मू-कश्मीर भारत की मुख्यधारा से जुड़ नहीं पाया, इसके लिए भी अगर कोई जिम्मेदार है तो मैं कांग्रेस की सरकार को जिम्मेदार मानता हूं। बहनों-भाइयों, 67 वर्षों की आजादी में 55 वर्षों से अधिक समय तक अगर किसी एक पार्टी ने शासन किया है तो वह कांग्रेस पार्टी ने किया है। लेकिन ये कैसी विडंबना है कि कांग्रेस के 55 वर्षों के शासन के बावजूद आज भारत की गिनती दुनिया के गरीब देशों में होती है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है। इसके लिए अगर कोई एक पार्टी जिम्मेदार है तो कांग्रेस पार्टी है। पिछले 10 वर्षों से फिर से कांग्रेस की हुकूमत इस हिन्दुस्तान में है। जब से कांग्रेस आई है, तब से महंगाई बढ़ने का सिलसिला निरंतर जारी है। भ्रष्टाचार ने अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। आंतरिक और बाह्य सुरक्षा का संकट भी निरंतर गहरा होता जा रहा है। कौन इसके लिए जिम्मेदार है ? प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और श्रीमती सोनिया गांधी, मैं दोनों का नाम इसलिए ले रहा हूं, क्योंकि अपनी प्रेस-वार्ता में प्रधानमंत्री ने इस सच्चाई को स्वीकार कर लिया है कि अब भारत में केवल एक पावर सेंटर नहीं है, बल्कि दो-दो पावर सेंटर्स हैं। एक पावर सेंटर प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का है, तो दूसरा पावर सेंटर कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी का है। क्यों महंगाई बढ़ रही है डॉ. मनमोहन सिंह जी ? हमलोगों ने भी इस देश में सरकार चलाई है। कौन इस सच्चाई को नकार सकता है कि आजाद भारत में लगातार छह वर्षों तक महंगाई रोके रखने में अगर भारत माता के किसी लाल ने सफलता प्राप्त की है, तो उस भारत माता के लाल का नाम है पं. अटल बिहारी वाजपेयी।

बहनों-भाइयों, भारत का पाकिस्तान के युद्ध हुआ था जिसे हम कारगिल युद्ध के नाम से  जानते हैं। भारत के सेना के जवानों ने अपने शौर्य और पराक्रम का परिचय देते हुए पाकिस्तान पर विजय प्राप्त की। उस कारगिल युद्ध के बावजूद हमलोगों ने महंगाई को नहीं बढ़ने दिया। इतना ही नहीं, एटॉमिक टेस्ट, दुनिया के जितने डिवेलप्ड कंट्रीज हैं, उनके विरोध के बावजूद हमलोगों ने पांच-पांच एटॉमिक बम्स का धमाका करके अपने एटॉमिक टेस्ट का काम पोखरण में पूरा किया था। दुनिया की सारी डिवेलप्ड कंट्रीज ने भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिया था, फिर भी हमलोगों ने महंगाई को बढ़ने नहीं दिया।

आज देश की अर्थव्यवस्था जर्जर हो चुकी है। रुपए की कीमत लगातार गिरती जा रही है। एक वह समय था जब श्री अटल बिहारी वाजपेयी की भारतीय जनता पार्टी की नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार थी। उस समय भारत करंट अकाउंट डेफिसिट कंट्री नहीं, बल्कि करंट अकाउंट सरप्लस कंट्री बन गया था, ऐसे हालात श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पैदा किए थे। लगातार विदेशी कर्ज बढ़ता जा रहा है, करंट अकाउंट डेफिसिट बढ़ती जा रही है। उस कारण से रुपए की वेल्यू गिरती जा रही है। दोस्तों, जिस दिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार आएगी, नरेंद्र भाई भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे, बहनों-भाइयों, मैंने देखा है नरेंद्र भाई के पास एक विजन है, एक दृष्टि है, कन्विक्शन है। वह जानते हैं कि भारत को एक ताकतवर भारत कैसे बनाया जा सकता है। भारत को एक सुपर इकोनॉमिक पावर कैसे बनाया जा सकता है, इसे नरेंद्र भाई अच्छी तरह जानते हैं।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को हम बढ़ावा देंगे और इतना ही नहीं, बल्कि हम लो-कॉस्ट आइटम्स भी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर्स में तैयार करेंगे। हम अपना एक्सपोर्ट बढ़ाएंगे और इंपोर्ट कम करेंगे और ऐसा करने से भारत करंट अकाउंट डेफिसिट कंट्री नहीं रहेगा, बल्कि भारत करंट अकाउंट सरप्लस कंट्री बन जाएगा।

सचमुच, मैं बधाई देना चाहता हूं आपके मुख्यमंत्री श्री मनोहर परिकर को। महंगाई बढ़ने के बावजूद, मनोहर परिकर ने यह फैसला कर लिया कि हमें भले ही हिन्दुस्तान के दूसरे राज्यों में महंगाई का असर देखने को मिले, लेकिन गोवा की जनता पर महंगाई का असर नहीं होने दूंगा। यदि यह फैसला किसी ने किया है तो मनोहर परिकर ने किया है। हिन्दुस्तान का यह अकेला राज्य है गोवा, जहां सबसे सस्ता पेट्रोल मिलता है। जब हम दूसरे राज्यों में इसकी चर्चा करते हैं तो लोग आश्चर्य व्यक्त करते हैं। इतना ही नहीं, बल्कि 250 स्टॉल लगाकर फल-सब्जी बेचने का काम भी सरकार करा रही है, ताकि सस्ती दरों पर फल-सब्जी गोवा के नागरिकों को मिल सके। यदि आपके गोवा में प्राइस-प्रोटेक्शन देने का काम कोई कर रहा है तो आपका मुख्यमंत्री मनोहर परिकर कर रहा है। सचमुच मुख्यमंत्री होना चाहिए तो ऐसा होना चाहिए। क्या करिश्मा किया है। गरीबी को अगर मैं देखता हूं तो गरीबी कम करने में अगर किसी राज्य ने सफलता हासिल की है तो उस राज्य का नाम है- गोवा। और उस गोवा के मुख्यमंत्री का नाम है- मनोहर परिकर। मनोहर परिकर जी आप बधाई के पात्र हैं।

मैं हिन्दुस्तान के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश से आता हूं और मैं कह सकता हूं कि गोवा की पर-कैपिटा स्टेट जीडीपी हमारे उत्तर प्रदेश से सात गुणा है, यह हालत है गोवा की। आप सब बधाई के पात्र हैं दोस्तों। लेकिन आज बस इतना ही कहने के लिए आया हूं कि बहनों-भाइयों चुनाव नजदीक है। अब कांग्रेस अपनी नाकामियों, अपनी विफलताओं की जिम्मेदारी अगर तय करना चाहती है तो वर्तमान प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के ऊपर तय करना चाहती है। अपनी विफलताओं का सारा ठीकरा केवल प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के ऊपर फोड़ना चाहती है। और उस प्रधानमंत्री के ऊपर जिस प्रधानमंत्री ने अपने पूरे जीवन में दो संकल्प लिया- कि जीवनभर मैं कांग्रेस का समर्थन करूंगा और दूसरा संकल्प लिया कि उस मौके पर मैं चुप्पी साध लूंगा जिस मौके पर मुझे बोलना चाहिए। और देखिए जहां बोलने की जरूरत आती है, हमारे प्रधानमंत्री मौन-व्रत धारण कर लेते हैं। पूरी तरह से वह अपनी जुबान को बंद रखते हैं। लेकिन देखा अभी हाल में कुछ दिनों पहले एक प्रेस-वार्ता हुई थी, उस प्रेस-वार्ता में उन्होंने अपना मौन-व्रत तोड़ दिया और कहा कि अगर नरेंद्र मोदी इस देश के प्रधानमंत्री हो गए तो यह देश बर्बाद हो जाएगा। वाह रे प्रधानमंत्री। मैं डॉ. मनमोहन सिंह जी आपसे यह पूछना चाहता हूं- जिस गुजरात की जनता ने अपना तीन-तीन बार मुख्यमंत्री जिस व्यक्ति को चुना हो और जिसने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में गुजरात का ऐसा विकास किया हो कि डिवेलपमेंट के नाम पर वह हिन्दुस्तान का एक मॉडल स्टेट बन गया हो, इसकी सराहना केवल हिन्दुस्तान में ही न होती हो, बल्कि दुनिया के दूसरे देशों में भी होती हो, ऐसे व्यक्ति के भारत के प्रधानमंत्री बनने पर यह भारत बर्बाद हो जाएगा ?

बहनों-भाइयों, इस देश को एक सशक्त नेता की जरूरत है। एक ऐसे नेता की जरूरत है जिसके पास विजन हो, कन्विक्शन हो, करेज हो। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि अगर हिन्दुस्तान में ऐसा नेता है जिसके दिल में कुछ कर गुजरने की तड़पन है, तो उस नेता का नाम है, श्री नरेंद्र मोदी, जिसे भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किया है। बहनों-भइयों, आए दिन आप सुनते होंगे, चीन भारत की सीमा में प्रेवश कर रहा है, वह भी घटना आपने सुनी होगी कि हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान की सेना भारत की सीमा में घुस आते हैं और हमारे सेना के जवानों की हत्या कर चले जाते हैं और हत्या ही नहीं करते, बल्कि एक सेना के जवान की हत्या करने के बाद सिर धड़ से अलग कर दिया और सिर अपने साथ ले गए। मैं दावे के साथ कहता हूं जिस दिन इस देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई बन गए बहनों-भाइयों, दुनिया की वह हिम्मत नहीं है कि वह भारत की तरफ आंख उठाकर देखने की जुर्रत कर सके। ऐसे दृढ़ इच्छाशक्ति के धनी व्यक्ति को हमने प्रधानमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किया है। लेकिन बहनों-भाइयों, मैं आप सभी से एक ही निवेदन करने के लिए यहां पर खड़ा हुआ हूं और मैं आपसे एक एस्योरेंस चाहता हूं, एक आश्वासन चाहता हूं। आप सब आश्वासन देने के लिए तैयार हैं तो मैं बोलूं। बहनों-भाइयों, हम दूसरे राज्यों के लोकसभा सीटों से तो 270 सीटें प्राप्त करेंगे, लेकिन पूर्ण बहुमत से सेंटर में गवर्नेंट बनाने के लिए दो मेंबर ऑफ पार्लियामेंट चाहिए, मैं यही आप सबसे निवेदन करना चाहूँगा  कि हमें दोनों लोकसभा सीटें भाजपा की झोली में दें, हम आपको पूर्ण बहुमत की सरकार देंगे। यही आप सबको विश्वास दिलाते हुए आप सबका अभिनंदन करते हुए अपना निवेदन समाप्त करता हूं। धन्यवाद।

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