श्री राजनाथ सिंह जी का देहारादून में दिया गया पूरा भाषण (15/12/13)

भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष श्री तीरथ सिंह रावत और जिन्हें हम आप और सारा हिंदुस्तान प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहता है, ऐसे आदरणीय नरेंद्र मोदी जी, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल भुवनचंद जी खंडूरी, पूर्व मुख्यमंत्री आदरणीय भगत सिंह जी कोशियारी और पूर्व मुख्यमंत्री श्री रमेश पोखरियाल जी “निशंक”, यहां के प्रभारी श्री राधामोहन सिंह जी और इस रैली के संयोजक भूतपूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री हरिवंश जी कपूर, यहां उपस्थित मेरे सभी सम्मानित बहनों एवं भाइयों। मैं लगभग 25- 30 वर्षों से यहां उत्तराखंड आ रहा हूं, लेकिन  ऐसा दृश्य  मैंने अपनी आंखों के आगे कभी नहीं देखा था जो आज मैं ये दृश्य देख रहा हूं। सचमुच ये जनसभा नहीं है बल्कि मैं कहना चाहूंगा कि यह जन सैलाब इस समय अपनी आंखों के सामने उत्तराखंड की धरती पर इस देवभूमि पर मैं देख रहा हूं। बहनों-भाइयों आप लोगों ने बहुत ही गर्मजोशी के साथ हम लोगों का स्वागत किया है, अभिनन्दन किया है, फूलों की हार पहनायी है और यहां की पहचान ये टोपी भी हमलोगों के सर पर पहनाई है, लेकिन आप जानते  हैं यह  भारत की परंपरा है और शिष्टाचार का तकाजा भी है स्वागत और अभिनन्दन कभी एकतरफा नहीं होना चाहिए। इसलिए इस देवभूमि पर मैं भी अपनी तरफ से शीश झुकाकर आप सभी भाइयों-बहनों का अभिनन्दन करता हूं। आप सभी का स्वागत करता हूँ. आप यह भी जानते हैं सरदार बल्लब भाई पटेल की आज पुण्यतिथि है. सरदार बल्लब भाई पटेल जिन्होंने  हिंदुस्तान  की 565 रियासतों को एक करके भारत की एकता और अखंडता को कायम करने में कामयाबी हासिल की थी, उस सरदार बल्लब भाई पटेल की आज पुण्यतिथि है। मैं अपनी तरफ से भी और भारतीय जनता पार्टी की तरफ से भी स्वर्गीय सरदार बल्लब भाई पटेल के प्रति हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। बधाई देना चाहता हूं अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र भाई को। इनकी सोच थी और इनकी पहल थी कि आज हिंदुस्तान की तरुणाई में, आज हिंदुस्तान की सड़कों पर आकर लाखों करोड़ों की संख्या में लोग दौड़ें। और साढ़े ग्यारह सौ स्थानों पर आज दौड़ हुई है जिसका  नाम  दिया गया  है- रन फॉर यूनिटी यानि देश की एकता के लिए दौड़। स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार एक ऐसी सोच देने का काम किया है तो हमारे नरेंद्र भाई मोदी ने किया है। ऐसी पहल भारत के इतिहास में यदि किसी ने किया है तो नरेंद्र भाई ने किया है और आपको जानकर ये बेहद ख़ुशी होगी कि उन्हीं की सोच और उन्हीं की पहल का ये परिणाम हुआ है कि आज जो हिंदुस्तान की सड़कों पर दौड़ हुई है, बहनों-भाइयों भारत के इतिहास में ही यह सबसे बड़ी दौड़ नहीं मानी जा रही है बल्कि सारी दुनिया की सबसे बड़ी दौड़ रन फॉर यूनिटी मानी जा रही है, जिसकी कल्पना नरेंद्र भाई आपने दी है. आप बधाई के पात्र हैं और इस बात को  आपने सिद्ध कर दिया है। सन्देश देने में सिद्ध कर दिया है कि जहां पर राष्ट्रीय मान सम्मान और स्वाभिमान का सवाल खड़ा होगा, इस हिंदुस्तान का नौजवान केवल खड़ा ही नहीं होगा बल्कि भारत की मान, सम्मान और स्वाभिमान के लिए वह अपने सीने का बटन खोलकर दौड़ने को भी देश का जवान  तैयार रहेगा। यह सन्देश देने में भी आपने कामयाबी हासिल की है। आज इतनी बड़ी जनसभा को जब मैं सम्बोधित कर रहा हूं, बहनों-भाइयों उत्तराखंड आपदा के दौरान जो तबाही मची थी, इसकी आप सब को जानकारी है, सारे  देश को जानकारी है। आज मुझे याद आ रही है उन पांच हज़ार से अधिक लोगों की जो उत्तराखंड की तबाही में, उत्तराखंड के प्रलय में कालकल्वित हो गए. आज मुझे उनकी भी याद आ रही जो आज भी गुमशुदा हैं। पता नहीं चल पा रहा है कि कहां से आये थे और कहां चले गए, उनकी भी हमको याद आ रही है। मैं भूल नहीं सकता अपने सेना के जवानों को, मैं भूल नहीं सकता आईटीबीपी के जवानो को, मैं भूल नहीं सकता एनडीआरएफ़ के जवानों को, मैं भूल नहीं सकता उन अर्धसैनिक बल  के जवानों को जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर जो लोग भी इस आपदा में फंसे  हुए थे, 37 हज़ार से ज्यादा लोगों को जो फंसे  हुए थे उन्हें बाहर निकालने में कामयाबी हासिल की. बड़ी संख्या में हमारे ऐसे सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ़ और अर्धसैनिक बल शहीद हो गए. बहनों-भाइयों इस अवसर पर जबकि उत्तराखंड के इतिहास की पहली इतनी बड़ी रैली हो रही है, मैं अपनी तरफ से एवं भारतीय जनता पार्टी की तरफ से शीश झुकाकर उनके प्रति भी ह्रदय की गहराइयों से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.

लेकिन हो क्या रहा है। क्या किया है यहां की कांग्रेस की सरकार ने. आज भी लोग पुनर्वास और राहत की बांट जोह रहे हैं. 10,000 से अधिक परिवार ऐसे हैं जिन्हें राहत और पुनर्वास का जो लाभ मिलना था, वो नहीं मिला। 300 से अधिक ऐसे गांव हैं जो आज भी संपर्क मार्गों से कटे हुए हैं। क्या इसीलिए बहुगुणा जी को इस उत्तराखंड की जनता ने कांग्रेस की सरकार बनायीं थी? केवल एक विधायक कांग्रेस  के भारतीय जनता पार्टी से अधिक थे, भाइयों और बहनों लेकिन हमलोगों ने फैसला किया कि भारतीय जनता पार्टी हिंदुस्तान की ऐसी राजनितिक पार्टी है जो सुचिता की राजनीति करने वाली है, जो सिद्धांतों की राजनीति करने वाली पार्टी है, यदि हमें बहुमत हासिल नहीं हुआ है तो हम जोड़-तोड़कर सरकार नहीं बनाएंगे। हमने विपक्ष में बैठने का फैसला किया और हमारे अजय भट्ट इस समय नेता प्रतिपक्ष के रूप में अपनी भूमिका का निर्वाह कर रहे हैं। हम चाहते तो जोड़-तोड़कर सकते थे, लेकिन ऐसी गन्दी राजनीति में हमारा विश्वास नहीं है, यकीन नहीं है और इस कांग्रेस पार्टी ने तोड़-फोड़कर जोड़-तोड़कर यहां सरकार बनायीं है और आज उत्तराखंड की जनता त्राहि-त्राहि कर रही है. कब इन्हें सुविधाएं प्राप्त होंगी ? लेकिन मैं यहीं पर याद दिलाना चाहता हूं, आप सबको इस बात की जानकारी होगी कि 2001 में बहनों-भाइयों गुजरात के कच्छ और भुज में भी इससे बड़ी प्राकृतिक आपदा आयी थी। भूकम्प आया था, हज़ारों की संख्या में लोग कालकवलित हो गए थे। कच्छ और भूज के शहर मैदान बन गए थे। मैदान ही नहीं बल्कि खंडहर बन गए थे। लेकिन मैं बधाई देना चाहता हूं गुजरात की सरकार को जहां के मुख्यमंत्री नरेंद्र भाई है, वहां जाकर कोई देख लें, गुजरात का सबसे विकसित क्षेत्र जो बना हुआ है वो हमारा कच्छ और भुज है। क्या उत्तराखंड के मुख्यमंत्री जी आप यह काम उत्तराखंड में नहीं कर सकते थे? क्यों नहीं किया? बहनों-भाइयों, कांग्रेस इस हिंदुस्तान के लिए बोझ बन गयी है। बोझ को उतारो। आप जानते हैं विगत साढ़े नौ वर्षों से केंद्र में कांग्रेस नेतृत्व की यूपीए सरकार काम कर रही है। इस सरकार ने किया क्या है? दिल्ली में भी इनकी सरकार है और उत्तराखंड में भी इनकी सरकार है। जब से आये हैं महंगाई बढ़ने का सिलसिला निरंतर जारी है। हमारी माताएं-बहनें यहां पर बैठीं हैं। गैस के सिलिंडर की कीमत बढ़ाई है, साग-सब्ज़ी की कीमत बढ़ाई है। कीमत बढ़ने का सिलसिला निरंतर जारी है। चूल्हे की आग भी जा रही है डॉक्टर मनमोहन सिंह जी, सोनिया जी। क्या किया है यहां के लोगों के साथ। अरे इस हिंदुस्तान में 6 वर्षों तक हमने भी सरकार चलायी है बहनों और भाइयों। कौन मां का लाल इस सच्चाई को नकार सकता है कि आज़ाद भारत के इतिहास में लगातार 6 वर्षों तक महंगाई को पूरी तरह से बांधे रखने में यदि किसी भारत मां के लाल ने सफलता प्राप्त की तो उस भारत माता के लाल का नाम है- श्री अटल बिहारी वाजपेयी। भारत ही नहीं, दुनिया का अर्थशास्त्री उस समय कहने को मजबूर हो गया था कि यदि हिंदुस्तान में ऐसे ही भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व की और श्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व की सरकार आगे भी अगर आ जाये तो दावे के साथ कहा जा सकता है कि 2020 तक भारत विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बन जायेगा। पूरे विश्व के अर्थशास्त्रियों ने यह विश्वास व्यक्त किया, लेकिन आप निराश मत होना और इसलिए मैं ये कह रहा हूं कि जैसे अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत की प्रतिष्ठा को, भारत के मान-सम्मान को अंतर्राष्ट्रीय जगत में बढ़ाने का काम किया है। वैसे ही आज हमको एक शख्सियत मिल गयी है जो गुजराती मां की कोख से पैदा हुआ है और हिंदुस्तान की जनता का लाडला बन गया है, प्यारा बन गया है। ऐसे हैं हमारे नरेंद्र भाई। मैं तो समझता हूं कि नरेंद्र भाई जैसे शख्सियत को, दृढ़ इच्छाशक्ति के धनी व्यक्ति को सचमुच पांच से लेकर दस वर्षों का अवसर ये हिंदुस्तान की जनता दे दे तो दस वर्षों के अंदर ही हमारा भारत विश्व की आर्थिक महाशक्ति बन जाएगा। महंगाई बढ़ाई है कांग्रेस की सरकार ने। भ्रष्टाचार… जल, थल, नभ तीनों में भ्रष्टाचार के एक नए कीर्तिमान इस कांग्रेस की हुकूमत ने कायम किए। मैं सारे भ्रष्टाचारों की चर्चा नहीं करना चाहता हूं। मिला-जुलाकर लोग बताते हैं कि साढ़े पांच लाख करोड़ रूपए से अधिक का भ्रष्टाचार इस कांग्रेस की सरकार ने किया है। आज मैं इस देवभूमि, वीरभूमि पर खड़ा हूं बहनों-भाइयों। रक्षा सौदों में, रक्षा उपकरणों की खरीद में, रक्षा सौदों में भी दलाली कब से खाई जा रही है। बोफोर्स का मामला हो, चाहे वह हेलीकॉप्टर की खरीद का मामला हो अथवा जलवाहक होते हैं, पोर्ट जिन्हें कहते हैं, उनकी खरीद का मामला हो एक लंबी फेहरिश्त है। लेकिन सच्चाई ये है कि आप भी अपने कलेजे पर हाथ रखकर खुद से ये सवाल अपने दिल से पूछना बहनों-भाइयों, जब-जब कांग्रेस की हुकूमत आई है इनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, लेकिन 6 वर्षों तक जब अटल बिहारी वाजपेयी जी ने सरकार चलाई कोई मां का लाल उंगली उठाकर नहीं कह सकता है कि किसी मंत्री अथवा प्रधानमंत्री के ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लगा हो। आपने देखा एक ताबूतों के खरीद के मामले का आरोप लगाया था इन लोगों ने। सीबीआई जांच चल रही थी। सीबीआई ने रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी अदालत में, अदालत ने उसे ख़ारिज कर दिया कहा कि ये पूरी तरह से बेबुनियाद और निराधार है। मैं कांग्रेस के लोगों से कहना चाहता हूं देश के सैनिकों से आपको क्षमा याचना करनी चाहिए। आपको माफी मांगनी चाहिए। क्या किया आपने? लेकिन देश के जवानों का न तो जिंदा रहते हुए, न उनके शहीद होने जाने के बाद भी ये उनका सम्मान नहीं करते हैं। सम्मान करना नहीं जानते हैं। पाकिस्तान देखा है आपने, पाकिस्तान हमारा पड़ोसी देश है हमारे सेना के जवान उनका पाकिस्तान के सेना के जवान घुसकर सिर धड़ से अलग कर के चले जाते हैं और एक हमारे सेना के जवान की हत्या करने के बाद उसका शरीर कुचल देते हैं और यह सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है। क्या यही हिंदुस्तान है? बहनो-भाइयों सोनिया जी और प्रधानमंत्री जी मैं आपसे कहना चाहता हूं देश के मान, सम्मान, स्वाभिमान देश के सुरक्षा का सवाल जब भी देश के सामने खड़ा हुआ है, हमारे देश के जवानों ने सीने का बटन खोलकर उसका मुकाबला किया है। विजय हासिल की है। अरे, एक बार हमारे सेना के जवानों को खुला हाथ छोड़ दो दुनिया के किसी देश की हिम्मत नहीं है कि भारत की ओर आंख उठाकर देखने की जुर्रत कर सके। क्या कर रखा है आपने?

वन रैंक हमारे सेनावृत सेना के जवान मेजर जनरल भुवनचंद जी खंडुरी बैठे हैं। वन रैंक वन पेंशन इसकी भी सुविधा साढ़े नौ वर्ष गुजर गए आज तक हमारे सेना के जवानों को नहीं मिली। यही सेना के जवानों का सम्मान है? आपका राज्य बहनों-भाइयों नेपाल और चीन का पड़ोसी है। यह आपका ही राज्य नहीं मानता हूं बल्कि मैं अपना राज्य भी मानता हूं क्योंकि मैं यहां का भी मुख्यमंत्री रह चुका हूं। इस राज्य के साथ हमारे रिश्ते हैं, इस राज्य के साथ हमारे संबंध हैं। जो संबंध थे, वो हैं और रहेंगे। वह संबंध और रिश्ते कभी टूट नहीं सकते हैं बहनों-भाइयों। मैं जानता हूं चीन क्या कर रहा है। 1962 में विजय प्राप्त की भारत के ऊपर। कैसे भारत पराजित हुआ? इसके लिए हेंडरशन और ब्रुक्स की एक इंक्वायरी कमिटी बनाई गयी थी। रिपोर्ट आ चुकी है। बहनों-भाइयों आज तक देश की जनता के सामने नहीं रखा गया। किन कारणों से 1962 में पराजित हुआ? आज भी 50 वर्षों के बाद भी 1962 से 50 वर्ष हो चुके हैं। आज भी हम पराजय का दंश झेल रहे हैं। क्यों नहीं हेंडरशन और ब्रुक्स की इंक्वायरी कमिटी की रिपोर्ट इस देश के लोगों के सामने प्रस्तुत की जाती है? कौन-कौन से कारण थे जिन कारणों से हमारी पराजय हुई है। नहीं किया जा रहा है। समान्यतः 25 वर्षों के बाद कोई भी डॉक्यूमेंट होता है वो जनता के सामने ला दिया जाता है। उसे पब्लिक कर दिया जाता है। आज तक नहीं किया। आज चीन भी जो जो हरकतें हमारे साथ कर रहा है। भारत को चारों तरफ से घेर रहा है। बाराहोती उत्तराखंड का है। क्या 62 में बाराहोती तक चीन की सेना नहीं आ गयी थी? और हमारे प्रधानमंत्री जी 23 अक्टूबर को बीजिंग में जाकर इन्होंने एक समझौता कर लिया चीन की  सरकार से, कि यदि चीन की सेना भारत की सीमा में आ जाती है और भारत की सेना चीन की सीमा में चली जाती हैं उन्हें खदेड़ो मत। उनका पीछा मत करो बल्कि सीधे हाथ जोड़कर कहो, बहुत-बहुत धन्यवाद। आप हमारे यहां पधारे, आप वापस चले जाइए। बहनों-भाइयों इस देश के मान, सम्मान, स्वाभिमान की रक्षा ये लोग नहीं कर सकते। कांग्रेस के जाने का अब समय आ गया है। आपने देखा पांच राज्यों के चुनाव हुए। नरेंद्र भाई आपकी लोकप्रियता की मैं प्रशंसा करना चाहता हूं। हमारे राज्य के नेताओं ने जहां अच्छा काम किया है वहीं पर आपने भी जो कुछ विश्वास इस देश की जनता के सामने पैदा किया। पांच राज्यों में चार राज्यों में बीजेपी अपना विजय पताका फहराने में कामयाब रही है बहनों-भाइयों। कांग्रेस मिज़ोरम में आ गयी है। लेकिन आप जानते हैं कि जब कोई दौड़ होती है तो जो जीत नहीं पाता है उसको एक सांत्वना पुरस्कार दिया जाता है, कंसोलेशन प्राइज़ जिसे बोलते हैं। वह कंसोलेशन प्राइज़ इन्हें मिला है। और कांग्रेस की हालत सुनेंगे, दिल्ली में आठ विधायक उनके जीतकर आए हैं। पिछली बार चालीस से अधिक थे। कांग्रेस के इतने विधायक जीतकर आए हैं कि एक इनोवा गाड़ी अथवा सफारी गाड़ी में बिठाकर उन्हें विधानसभा पहुंचाया जा सकता है। इतनी बड़ी संख्या में उनके विधायक चुनकर आए हैं। सोनिया जी, मनमोहन जी आप इस देश के संकेत को समझिए। देश के संदेश को समझने की कोशिश करिए। देश की जनता ने यह संदेश दे दिया है सिंहासन खाली करो कि देश की जनता आती है, भारतीय जनता पार्टी को साथ लेकर आती है और नरेंद्र मोदी को आगे करके आती है, ये संदेश देने में कामयाबी हासिल की है। आज इससे ज्यादा कुछ ना कहते हुए बहनों-भाइयों, मैं आप सब से यही अनुरोध करना चाहता हूं और आज जितनी बड़ी संख्या मुझे उत्तराखंड के मैदान में दिखाई दे रही है। मैं नरेंद्र भाई से चर्चा कर रहा था, पहले मुझे उम्मीद थी कि शायद थोड़ी-बहुत संख्या 40,000-50,000 उत्तराखंड में हो जाए बहुत बड़ी बात है। आज तो लाखों का दृश्य मैं अपनी आंखों के आगे देख रहा हूं। क्या बहनों-भाइयों, क्या नौजवानों, क्या मेरी माताओं-बहनों, क्या आप हमें ये विश्वास नहीं दे सकते? क्या नरेंद्र भाई को ये विश्वास देकर आप नहीं भेज सकते कि आप जाओ और आपको उत्तराखंड की पांच की पांचों सीटें आपकी झोली में डालकर भेजेंगे ? क्या यह विश्वास आप नहीं दे सकते ? बहनों- भाइयों पांच सीटें हमलोगों की झोली में डाल दीजिये, मैं यही अपील करते हुए और पुनः एक बार शीश झुकाकर आप सभी का अभिनंदन करते हुए अपना निवेदन समाप्त करता हूं। आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

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