लोकसभा में माननीय गृह मंत्री का नेपाल में आए भूकंप के बारे में दिया गया वक्तव्य Apr 27, 2015 .

लोकसभा में 27.04.15 को माननीय गृह मंत्री का नेपाल में आए हालिया भूकंप और उससे होने वाले नुकसान और जीवन क्षति के बारे में स्वैछिक वक्तवय

नेपाल के पोखरा क्षेत्र में 25.04.15 को 11.45 पर भारतीय समयानुसार 7.9 रिक्टर स्केल का भयानक भूकंप आया। इस भूकंप ने न केवल बहुत बडे पैमाने पर नेपाल में विनाश किया बल्कि भारत के कई राज्यों को भी प्रभावित किया।

भारत में अब तक 67 मौतों की जानकारी है-बिहार में 52, उत्तर प्रदेश में 12, पश्चिम बंगाल में 02, राजस्थान में 01। 280 से अधिक लोगों के घायल होने की सूचना है। भवनों और अन्य निर्माणों को सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश में भारी क्षति की सूचना है। संबंधित राज्य सरकारें आवश्यक कदम उठा रही हैं। वैसे तो भारत सरकार द्वारा 5 एन डी आर एफ की टीमें भेजी गई हैं जिनमें से चार बिहार में और एक उत्तर प्रदेश में तैनात हैं। हम भी राज्य सरकारों से लगातार संपर्क में हैं और हमने हर संभव मदद का वादा किया है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति इस पूरी परिस्थ्ति का निरंतर आकलन कर रही है।

सभी भारतीय अपने नेपाली भाई और बहनों के साथ दुख और आपदा की घड़ी में साथ हैं। माननीय प्रधानमंत्री स्वयं इस परिस्थिति का निरीक्षण कर रहे हैं और उन्होंने आदेश दिया है कि हर संभव सहायता हम अपने नेपाली भाई बहनों को देंगे। जहां तक हमारे बचाव और राहत प्रयासों का संबंध है, भारत के 10 एन डी आर एफ के दल काठमांडू पहुंच चुके हैं। एन डी आर एफ टीमों ने अब तक 10 व्यक्तियों को जिंदा निकाला है और 46 शव निकाले हैं। अन्य 6 एन डी आर एफ की टीमें नेपाल के लिए भेजी जा रही हैं। भारतीय सेना ने एक इंजीनियरिंग टास्क फोर्स और 18 चिकित्सा दल काठमांडू में नियुक्त किए हैं। 22 टन खाद्य सामग्री और राशन पैकेट, 50 टन मिनिरल पानी, 02 टन दवाइयां और चिकित्सा उपकरण, 1400 कंबल और 40 तंबू नेपाल भेजे गए हैं। थल सेना, वायु सेना और स्वास्थय एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के कई दल भी चिकित्सीय सहायता के लिए नेपाल भेजे गए हैं। यह सभी दल दवाइयों, स्टेचर, बिस्तर आदि से लैस हैं। एक मानव रहित यान बचाव के लिए नेपाल के लिए रास्ते में है। एक उच्च स्तरीय अंतर मंत्रालय दल वरिष्ठ अतिरिक्त सचिव, गृह मंत्रालय के नेतृत्व में जिसमें विदेश मंत्रालय तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं और संचार विशेषज्ञों के साथ बचाव एवं राहत कार्य में समन्वय के लिए नेपाल भेज दिए गए हैं। यह दल अपने साथ 250 वी एच एफ वायरलैस सैट और 15 एच एफ वायरलैस सैट ले जा रहे हैं।

जहां तक नेपाल में फंसे हुए भारतीयों को निकालने का सवाल है हम ने अब तक 2,000 से ज्यादा भारतीयों को निकाल लिया है। हम उन्हें हवाई एवं सड़क मार्ग से निकालने का प्रबंध कर रहे हैं। हमने उत्तर प्रदेश, बिहार एवं उत्तराखंड की सरकारों से बसों एवं एंबुलैंसों द्वारा सड़क मार्ग से काठमांडू एवं अन्य क्षत्रों से भारतीयों और अन्य विदेशी नागरिकों को जो नेपाल में फंसे हुए हैं, को निकालने के लिए कहा है। हम ने विदेशियों को नेपाल से भारत आने के लिए मुफ्त वीजा देने की भी व्यवस्था की है। इसी तरह की अन्य सुविधाएं उन विदेशियों को जो सड़क मार्ग से भारत नेपाल की सीमा के रास्ते आ रहे हैं को भी प्रदान की जा रही है। उत्तर प्रदेश और बिहार की सरकारों

को उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमाओं पर सड़क से आने वाले लोगों के लिए राहत शिविर लगाने की सलाह दी गई है। सशस्त्र सीमा बल से लोगों के आने जाने को आसान बनाने के लिए कहा गया है और सीमावर्ती इलाकों में भूकंप पीडि़तों के लिए चिकित्सीय राहत शिविर सीमा क्षेत्रों में प्राथमिक चिकित्सा एवं अन्य चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। माननीय प्रधानमंत्री ने भूकंप से मरने वाले हर व्यक्ति के निकट संबंधी को एन डी आर एफ के प्रावधानों के अनुसार चार लाख रूपए तथा अन्य दो लाख रूपए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से देने की घोषणा की है।

माननीय सदन को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि भारत सरकार मरने वालों के परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। मैं ह्रदय से प्रभावित राज्यों के दुखी परिवारों को तथा अपने मित्र पड़ोसी देश नेपाल के दुखी परिवारों को दुख की इस घड़ी में अपनी सांत्वना देता हूं।