भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी जी, हमारे इस हिन्दुस्तान के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता जिन्हें पूरा हिन्दुस्तान 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद भारत के प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती है, ऐसे हमारे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार आदरणीय नरेंद्र मोदी जी, उत्तर प्रदेश के अभूतपूर्व मुख्यमंत्री आदरणीय कल्याण सिंह जी, आदरणीय कलराज मिश्र जी, टंडन जी, ओम प्रकाश जी, श्री विनय कटियार जी, डॉ. रामापत राम जी त्रिपाठी, हमारे राष्ट्रीय महासचिव श्री अमित शाह, हमारे विधानमंडल दल के नेता श्री हुकूम सिंह जी, यहां के महापौर और लोकप्रिय सांसद श्री राजेंद्र कुमार जी और अन्य सभी सांसद, विधायकगण तथा सभी सम्मानित पदाधिकारी, यहां उपस्थित मेरे सभी सम्मानित बहनों एवं भाइयों।
बहनों-भाइयों, जिस समय हमलोग हेलीकॉप्टर से इस मीटिंग के स्थान पर आ रहे थे, तो ऊपर से उड़ते समय जब हमलोग अपनी आंखों के सामने ये दृश्य देख रहे थे, तो ऐसा लग रहा था कि किसी जनसभा को संबोधित करने नहीं जा रहे हैं, बल्कि मेरठ की जो ऐतिहासिक धरती है, वहां जनसमुद्र को संबोधित करने जा रहे हैं। मोदी जी, जो हमारा ये मेरठ और जो पूरा पश्चिमी उत्तर प्रदेश है, इसका ऐतिहासिक महत्व है। और इस स्थल का नाम महाभारत और रामायण में भी पढ़ने को मिलता है। यह ऐतिहासिक रूप के इतना महत्वपूर्ण है कि सन् 1857 में जब प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का प्रारंभ हुआ था तो उस समय पहला बिगुल अगर अंग्रेजों के खिलाफ बजा था तो हमारी यह मेरठ की धरती है जहां से लोगों ने ‘अंग्रेजों बाहर जाओ’, यह नारा देते हुए शंखनाद भरने का काम किया था। यह एक ऐतिहासिक धरती है। और यही मेरठ और अगल-बगल की क्षेत्र की जनता ने अंग्रेजों से कहा था कि ‘तुम दिल्ली छोड़ो’। और जैसा दृश्य मैं अपनी आंखों के सामने देख रहा हूं, इसे देखने के बाद सहज रूप से मैं कह सकता हूं कि शायद हमारे इस पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता ने अपना मन बना लिया है कि विगत 10 वर्षों से कांग्रेस नेतृत्व यूपीए सरकार ने जैसा यहां पर शासन किया है, यह देश की जनता संदेश देना चाहती है कि ऐ कांग्रेस की सरकार वालों, अब तुम दिल्ली छोड़ो और भारतीय जनता पार्टी के लिए जगह खाली करो।
जहां तक आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सेनापति का प्रश्न है, तो आप जानते हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने सेनापति के बारे में फैसला कर लिया है। ऐसी शख्सियत से मुझे परिचय कराने की आवश्यकता नहीं है। जिसने लगातार 12 वर्षों तक गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में काम करते हुए गुजरात को हिन्दुस्तान का मॉडल स्टेट बनाने का ही काम नहीं किया है, बल्कि गुजरात को दुनिया में ख्याति दिलाने का काम किया है। ऐसे ही सेनापति के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी चुनाव लड़ने जा रही है। लेकिन कांग्रेस यह साहस नहीं जुटा पाई कि अपने सेनापति के बारे में फैसला कर ले और हमारे प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी ने तो साफ दो टूक शब्दों में कह दिया है कि अब मैं प्रधानमंत्री नहीं बनूंगा, यानी कांग्रेस ने अब अपनी पराजय को स्वीकार कर लिया है। लेकिन आप सभी जानते हैं कि इस समय चाहे महंगाई हो, भ्रष्टाचार हो, चाहे आंतरिक और बाह्य सुरक्षा का सवाल हो, किसी भी मोर्चे की बात हो, हर मोर्च पर यह सरकार विफल रही है। अब कांग्रेस जनता का सारा ध्यान इन मुद्दों से बंटाना चाहती है और कांग्रेस ने जनता ध्यान भटकाने के लिए पूरी कोशिश कर भी ली है।
कहा जा रहा है कि मोदी जी के शासनकाल में जो कुछ हुआ, मोदी जी को उसके लिए क्षमा मांगनी चाहिए। मैं यह पूछना चाहता हूं कांग्रेस के दोस्तों से कि 12 वर्षों में केवल एक बार गुजरात में ऐसा हुआ, लेकिन जहां-जहां कांग्रेस की सरकार होगी, समाजवादी पार्टी होगी अथवा बहुजन समाज पार्टी की सरकार होगी, वहां एक बार नहीं, सैकड़ों बार सांप्रदायिक दंगे हुए हैं और कांग्रेस के शासनकाल में तो हजारों बार सांप्रदायिक दंगे हुए हैं। मैं कांग्रेस के दोस्तों से कहना चाहता हूं कि अगर क्षमा मांगनी चाहिए तो आपको मांगनी चाहिए। और जहां तक नरेंद्र मोदी जी का प्रश्न है तो नरेंद्र मोदी ने तो, केवल एक दुर्भाग्यपूर्ण वह घटना हो गई थी, उसे कभी भी उन्होंने उचित नहीं ठहराया था। दंगा चाहे जिस रूप में भी हो, जहां भी हो, उस दंगे की आलोचना की जानी चाहिए। उस समय भी उन्होंने उस घटना की निंदा की और कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और आज हालात ऐसे पैदा हो गए हैं कि हिन्दुस्तान में दूसरे जगहों पर रहने वाले अल्पसंख्यकों की सर्वाधिक प्रति व्यक्ति आमदनी से गुजरात में रहने वाले अल्पसंख्यकों की आमदनी कई गुने अधिक है। यह करिश्मा करके दिखाया है। सीमा पर तनाव होने के बावजूद सारे सैन्य बल को बुलाकर जिस तरीके से उस समय के दंगे को नियंत्रित करने का काम किया गया, शायद कांग्रेस की सरकार यह चाहती है कि उस ओर जनता का ध्यान न जाने पाए। लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि श्रीमती सोनिया गांधी जी, प्रधानमंत्री जी और राहुल गांधी जी, सचमुच क्षमा तो आपको मांगनी चाहिए। 1984 में दंगा हुआ, वह किसी ने किया तो वह कांग्रेस के नेताओं ने दंगा भड़काने का काम किया। हिन्दुस्तान की जनता इस सच्चाई को जानती है कि जिस समय इंदिरा गांधी की हत्या हुई तो उस समय राजीव गांधी ने कहा था कि जब बड़ा वृक्ष गिरता है तो धरती हिलती ही हिलती है। उसी के बाद यह सांप्रदायिक दंगा भड़का था। तो सचमुच 1984 के उस सांप्रदायिक दंगे के लिए किसी को क्षमा मांगनी चाहिए तो कांग्रेस को क्षमा मांगनी चाहिए। यही नहीं, 1947 में भारत के विभाजन के लिए भी क्षमा अगर मांगनी चाहिए तो कांग्रेस को मांगनी चाहिए। भारतीय जनता पार्टी क्यों क्षमा मांगेगी ? भारतीय जनता पार्टी ने कोई अपराध नहीं किया है। इस हिन्दुस्तान में रहने वाला कोई भी व्यक्ति, चाहे वो किसी भी जाति, पंथ, धर्म अथवा मजहब या किसी भी मां की कोख से क्यों न पैदा हुआ हो, सबको सामान नजरिए से हमने देखा है। हम यह मानकर चलते हैं कि जब समाज का कोई भी तबका कमजोर रह जाएगा, गरीब रह जाएगा, तब जैसा हम भारत को बनाना चाहते हैं, वैसा शक्तिशाली भारत, स्वावलंबी भारत, ऐसा भारत बनाने का हमारा स्वप्न कभी पूरा नहीं हो सकता है।
विडंबना है कि यहां की समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी दोनों दिल्ली में कांग्रेस की सरकार को समर्थन दे रहे हैं। और उस कांग्रेस की सरकार को समर्थन दे रहे हैं जिसकी जब से सरकार आई है, तब से महंगाई बढ़ने का सिलसिला चालू हुआ है, भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच चुका है। बहनों-भाइयों जल, थल और नभ तीनों क्षेत्रों में भ्रष्टाचार का रिकॉर्ड बनाने का काम यदि स्वतंत्र भारत में किसी ने किया है तो कांग्रेस की सरकार ने किया है।
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बने हुए दो वर्षों का समय गुजर गया है, आप सभी जानते हैं कि आज यहां की कानून-व्यवस्था की हालत क्या हो गई है। गुंडे और बदमाशों के मनोबल बढ़ गए हैं। महिलाओं व बेटियों की आबरू सुरक्षित नहीं है। बराबर हिन्दु और मुसलमान के बीच भेदभाव व दूरी पैदा कर इन्होंने सरकार बनाने की कोशिश की है। इन्हें उत्तर प्रदेश बनाने की चिंता कभी नहीं रही है, केवल सरकार बनाने की चिंता रही है। भ्रष्टाचार का बोलबाला कैसा इस उत्तर प्रदेश में है। किसी भी दफ्तर में चले जाइए, मैं समझता हूं कि बिना पैसा दिए आपकी फाइल आगे नहीं बढ़ सकती है।
बहनों-भाइयों, मुजफ्फरनगर में भी जो कुछ हुआ है। उसके लिए मुजफ्फरनगर की जनता, मेरठ की जनता जिम्मेदार नहीं है। मैं पुलिस के अधिकारियों को भी इसके लिए जिम्मेदार नहीं मानता हूं। मुजफ्फरनगर में जो कुछ हुआ है, उसके लिए कोई जिम्मेदार है तो यह सपा की सरकार जिम्मेदार है, इसे दंडित किया जाना चाहिए। उस दंगे में जो पीड़ित हैं, उन्हें भी मदद धर्म और मजहब के आधार पर दिया जा रहा है। ऐसे हालात इस उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार ने पैदा कर दिए हैं।
समाजवादी पार्दी की सरकार ने वादे बहुत सारे किए थे। आप इतने अधिक संख्या में नौजवान मौजूद हो, आपसे पूछना चाहता हूं कि मुलायम सिंह जी ने कहा था कि सरकार बनते ही सभी नौजवानों को लैपटॉप दिया जाएगा, मैं पूछना चाहता हूं कि लैपटॉप मिल गया है या नहीं मिला है ? एक भी अपने वादे को इन्होंने पूरा नहीं किया है।
यह किसानों की धरती है। यदि मैं किसानों का नाम लेता हूं। और मैं इस क्षेत्र से सभा करने के लिए यदि खड़ा होता हूं तो यहां दो नेताओं की याद मुझे आ जाती है- एक तो चौधरी चरण सिंह जी की, और साथ ही साथ महेंद्र सिंह टिकैत की याद आ जाती है। बहनों-भाइयों, किसानों के हक में अगर किसी ने जंग करने का काम किया है तो इन दोनों नेताओं ने किया है। मैं उनके प्रति भी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। बड़ी संख्या में यहां पर किसान मौजूद हैं, मैं आप सबसे यह पूछना चाहता हूं कि गन्ने की कीमत का भुगतान हो गया है कि नहीं हो गया है ? नहीं हुआ है। मोदी जी, लगभग ढाई हजार करोड़ रुपया गन्ना किसानों का बकाया पड़ा है। लेकिन इस सपा की सरकार इसके भुगतान की चिंता नहीं है, इन्हें केवल वोट की चिंता है। ऐसे हालात यहां पर हैं।
सपा की सरकार ने कहा था कि हमारी सरकार बनते ही 24 घंटे बिजली मिलेगी। लेकिन नहीं मिल रही है। और मोदी जी, इस क्षेत्र की जनता इस बात की साक्षी है कि यहां का मुख्यमंत्री रहते हुए मैंने शाम को यहां पर बिजली मुहैय्या कराने काम किया था, ताकि हमारा किसान और मजदूर शाम में जब थका हारा घर पहुंचे तो हमारा किसान और मजदूर चमचमाती बिजली में कम से कम अपनी घरवाली का चेहरा तो देख सके। लेकिन इस सुख से भी समाजवादी पार्टी की सरकार ने उत्तर प्रदेश की जनता को वंचित कर दिया है। लेकिन मेरे किसान भाइयों, मैं यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि जिस दिन भारतीय जनता पार्टी को बहुमत दे देंगे आप, जिस दिन मोदी जी भारत के प्रधानमंत्री बन जाएंगे, किसानों के लिए हम मुकम्मल व्यवस्था करेंगे। क्योंकि हम जानते हैं कि जब तक हिन्दुस्तान का यह किसान खुशहाल नहीं होगा, तब तक यह हमारा हिन्दुस्तान खुशहाल नहीं हो सकता है। इस देश का सबसे बड़ा उत्पादक, सबसे बड़ा उपभोक्ता, सबसे बड़ा ग्राहक यदि कोई है तो इस हिन्दुस्तान का किसान है। जब हिन्दुस्तान के किसान की जेब में पैसा होगा, तभी व्यापारी का व्यापार चलेगा, डॉक्टर की डॉक्टरी चलेगी, मास्टर की मास्टरी चलेगी, वकील की वकालत चलेगी और सारा हिन्दुस्तान अपने-आप चलने लगेगा। इसलिए हमलोगों ने यह फैसला किया है कि सरकार आने के बाद हम एक ऐसी योजना लागू करेंगे कि आपकी खेत की बुआई के पहले आपके खेत की आमदनी तय कर दी जाए, यह कोई करेगी तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार करेगी। जहां पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, वहां पर जाकर देख लीजिए- एक फीसदी, शून्य फीसदी ब्याज दर पर किसानों को खेती-बाड़ी के कामकाज को लेकर कर्ज मुहैया कराने का काम अगर इस हिन्दुस्तान की सरकार में किन्ही सरकारों ने किया है तो भारतीय जनता पार्टी की सरकारें कर रही हैं और कोई दूसरी सरकार नहीं है।
जहां तक सैन्य व बाह्य सुरक्षा का सवाल है- हमारे कुछ सैनिक अधिकारी, पूर्व सैनिक अधिकारी यहां पर बैठे हुए हैं। मैं जानता हूं कि किसान परिवारों से, व्यापारी परिवारों से निकले हुए लोग, ऐसे जवान भारत की सीमा पर अपने सीने का बटन खोलकर भारत की सीमा को रक्षा प्रदान करने का काम करते हैं। यह बहादुरों व वीरों की धरती है, लेकिन आज क्या हो रहा है। चीन जब मन होता है तब भारत को आंख दिखाने का काम करता है। अरुणाचल प्रदेश जो भारत का हिस्सा करता है, उसके बारे में चीव दावा करता है कि अरुणाचल तो यह चीन का हिस्सा है। कभी कश्मीर घाटी पर भी तरह-तरह की हरकतें चीन करता है। पाकिस्तान हमारा पड़ोसी देश है। हम चाहते हैं कि पाकिस्तान के साथ हमारे बेहतर रिश्ते हों, क्योंकि अटल जी कहा करते थे कि दोस्त बदल सकता है लेकिन पड़ोसी नहीं बदल सकता। लेकिन जब पाकिस्तान के जवान भारत की सीमा में घुस आते हैं, भारतीय सेना के जवानों का सिर धड़ से अलग कर देते हैं। इतना ही नहीं, भारत के सेना के जवानों की हत्या करने के बाद उनका सिर कुचल देते हैं। इस पर भी प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी, सोनिया जी, आप एक लब्ज नहीं बोलते हैं। क्या हमारे भारत के सेना के जवानों पर, आपको जो नाज और गौरव होना चाहिए, वो नाज और गौरव आपको नहीं है ? मैं याद दिलाना चाहता हूं कि अटल जी हमारे भारत के प्रधानमंत्री थे। करगिल का युद्ध हुआ था। यही भारत के जवानों ने अपने शौर्य और पराक्रम का परिचय देते हुए पाकिस्तान के जवानों को पराजित करने का काम किया था। पाकिस्तान को अपने मुंह की खानी पड़ी थी। कब तक भारत इस तरह का अपमान सहता रहेगा ?
मैं यही कहूंगा सोनिया जी, क्योंकि सचमुच डॉ. मनमोहन सिंह जी इस देश की सरकार नहीं चला रहे हैं, रिमोट कंट्रोल से यह सरकार चलाई जा रही है। ऐसी सरकार आपने इस हिन्दुस्तान में नहीं देखी होगी। इसलिए मैं कहना चाहता हूं- सोनिया जी, मनमोहन सिंह जी, हमारे सेना के जवानों को कमजोर मत समझो, अरे एक बार फैसला करने के लिए हमारे सेना के जवानों को दे दो, किसी मां के लाल में यह हिम्मत नहीं है जो भारत की ओर आंख उठाकर देख सके। और आज इस कार्यक्रम को माध्यम से मैं सेना के जवानों को और जितने भी सैन्य अधिकारी हैं, उनको भी भरोसा दिलाना चाहता हूं, सबसे बड़ी जो उनकी मांग है- वन रैंक, वन पेंशन। यह कोई सरकार करेगी तो मोदी जी के नेतृत्व में जब यहां पर सरकार बनेगी तो हम इस मुराद को पूरा करेंगे। और हम इस देश के सेना के जवानों को सम्मानित करने का काम भी करेंगे।
बहनों-भाइयों, इससे ज्यादा न अपील करते हुए मैं आप सबसे एक अपील और करना चाहता हूं और अपील इसलिए क्योंकि कांग्रेस सोच रही है कि किसी भी सूरत में भारतीय जनता पार्टी की ताकत न बढ़ने पाए। बता दूं कि केवल इसी रैली में नहीं, बल्कि नरेंद्र मोदी हिन्दुस्तान में चाहे कहीं जाते हैं, चाहे व भारत का उत्तर हो या दक्षिण हो, पूरब हो, पश्चिम हो, उत्तर पश्चिम हो, नरेंद्र मोदी के स्वागत में ऐसी ही भीड़ उमड़ती दिखाई पड़ती है। कांग्रेस के हौंसले पस्त हो चुके हैं। जैसे शकुनी महाभारत के काल में पाश चाल चलता था, वैसे ही कांग्रेस पाश चाल चलने में पीछे नहीं रहेगी। जैसा कि आप दिल्ली में देख रहे हैं। कांग्रेस एक ऐसी ही सरकार को समर्थन दे रही है। कांग्रेस सोचती है कि चाहे जैसे भी हो, भारतीय जनता पार्टी की ताकत को नहीं बढ़ने देना है। इस सच्चाई को आपको समझना है कि क्या आप इस हिन्दुस्तान में एक स्थाई सरकार चाहते हैं कि नहीं। एक मजबूत और दृढ़इच्छाशक्ति के नेता का नेतृत्व चाहते हैं कि नहीं चाहते हैं। इस सवाल का जवाब मैं आपसे चाहता हूं।
बहनों-भाइयों, एक वचन मैं आपसे ले लूं ? वचन देंगे ? आज यहां 14 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों से जनता यहां आई है। अगर आप चाहते हैं कि यहां पर स्थायी और मजबूत सरकार आए तो हाथ फैलाकर आपसे यह याचना करने आया हूं कि इस बार प्रत्याशी मत देखना। इस बार जांचा हुआ, परखा हुआ, मजबूत कलेजे वाला नरेंद्र मोदी को देखना। और अपने हाथ फैलाकर मैं आपसे यही वचन मांगता हूं कि 14 के 14 जितने लोकसभा हैं, इसमें आप प्रत्याशियों को नहीं देखेंगे, बल्कि विजय पताका फहराएंगे, हम आपको दिल्ली में एक मजबूत सरकार देंगे। इन्हीं शब्दों के साथ पुनः आप सबका स्वागत करते हुए, अभिनंदन करते हुए अपना निवेदन समाप्त करता हूं।