श्री राजनाथ सिंह जी का रांची के धुर्वा मैदान पर विजय संकल्प रैली में दिया गया पूरा भाषण (29/12/13)

झारखंड की राजनीति बिगाड़ने में कांग्रेस का हाथः राजनाथ सिंह

रांची। 29 दिसंबर। आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह जी ने रांची के धुर्वा मैदान पर विजय संकल्प रैली को संबोधित किया। श्री सिंह ने कहा कि इतनी संख्या में झारखंड के किसी रैली में भीड़ उमड़ना मैंने पहली बार देखा है, इसलिए यह ‘रैली’ नहीं ‘रैला’ है। झारखंड के साथ मेरा गहरा रिश्ता रहा है। झारखंड वीरों की धरती है, प्रतिभाशील नौजवानों की धरती है। वर्ष 1771 में तिलकामांझी समेत कई वीर जवानों ने अंग्रेजों के खिलाफ जो लड़ाई में जो योगदान दिया है उसे याद किए बिना हम देश की आजादी की कल्पना नहीं कर सकते हैं। बिरसा मुंडा जैसे महापुरुषों के बिना आजादी की परिकल्पना की ही नहीं जा सकती थी। मैं झारखंड की महिला तीरंदाज खिलाड़ी दीपिका कुमारी को भी बधाई देता हूं। पहली बार जब पंडित जवाहर लाल नेहरू के शासनकाल में झारखंड को अलग करने की मांग उठी थी तो उन्होंने इसे हास्यास्पद करार दिया था। लेकिन जब श्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार आई तो उन्होंने इसे आवश्यक समझा और यहां की जनता की मांग को वाजिब बताया। झारखंड को अलग हुए करीब 13 वर्षों का समय बीता और इस दौरान कई मुख्यमंत्री बदले, यहां बहुत बार राष्ट्रपति शासन लगा। झारखंड में हमेशा राजनैतिक अस्थिरता का माहौल रहता है, हमेशा जोड़-तोड़ की राजनीति होती रहती है। जब तक यहां की विस सीटों को नहीं बढ़ाया जाएगा, तब तक झारखंड का भला नहीं होने वाला। अर्जुन मुंडा ने 81 से 150 सीटों को करने को लेकर भारत सरकार से अनुशंसा की थी, लेकिन भारत सरकार इस पर चुप्पी साधे है। जब-जब झारखंड के हक की बात आती है, तब-तब भारत सरकार यहां की जनता को झुनझुना पकड़ा देती है। झारखंड की बदहाली के लिए अगर कोई जिम्मेदार है तो वह कांग्रेस है। यहां राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस है, उसे एम्स के बराबर दर्जा मिलना चाहिए, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इस ओर कोई पहल नहीं की। इन मामलों पर पहल न होने का ही नतीजा है कि यहां इलाज के लिए लोगों को दर-दर ठोकरें खानी पड़ती हैं। यहां के लोगों को बिजली की समस्या से निजात दिलाने के लिए अब तक पावर प्लांट का निर्माण क्यों नहीं किया गया। अगर झारखंड सरकार को बिजली लेनी तो बताए, छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार वहां से हम बिजली की व्यवस्था करवा देंगे, लेकिन झारखंड सरकार को बिजली खरीदने के लिए पहल भी तो करना चाहिए। जब यह सरकार बनी थी तो 6 हजार करोड़ रुपए सरकार पर कर्ज था जो अब 34 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है। कांग्रेस की गलत नीतियों ने हर सरकार को हिलाया है। हर राज्य में एक सीएम होता है, यहां तक तो ठीक है, लेकिन कांग्रेस ने यहां ‘सुपर सीएम’ बनाकर रखा है, यह बात समझ में नहीं आती।

झारखंड में बेरोजगारी, नक्सलवाद और भ्रष्टाचार सबसे बड़ी समस्या है। प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि नक्सलवाद गंभीर समस्या है, लेकिन उनको बताना भी तो चाहिए कि इसका समाधान क्या है। वे हमेशा समस्या ही गिनाते रहते हैं। दोस्तों, जल, जमीन, जंगल की लड़ाई के लिए बंदूक नहीं लोकतंत्र को हथियार बनाइए, वोट को अपना अधिकार बनाइए।

झारखंड में ऐसी मजबूत सरकार चाहिए जो यहां की समस्याओं को यथास्थिति समझ सके। जब-जब कांग्रेस की सरकार आती है, महंगाई बढ़ती चली जाती है। आज हालात यह है कि महंगाई आगे-आगे है तो हमारे प्रधानमंत्री जी पीछे-पीछे भाग रहे हैं। अगर महंगाई पर कोई सरकार काबू पाने में सफल रही है, तो वह अटल जी की सरकार थी। कांग्रेस के लोग कहते हैं कि हमारे पास जादू की छड़ी है, मैं कहता हूं कि वो जादू की छड़ी अटल जी के पास थी और अब हमारे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी जी के पास है। अब तो दुनिया के राजनीतिक विश्लेषकों का भी मानना है कि भारत में अगर कोई सरकार बेहतर चला सकती है तो वह भाजपा है। जनलोकपाल बिल का श्रेय लेने की होड़ मची है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी कहते हैं कि हमने जनलोकपाल पास करवा दिया, लेकिन मैं कहता हूं कि अगर जनलोकपाल पर किसी को श्रेय जाता है तो वह अन्ना हजारे हैं। मैं आप झारखंड की जनता से एक अपील करना चाहता हूं कि आप कुछ मत सोचिए। किसी पार्टी के बहकावे में मत आइए। आप नरेंद्र मोदी को बस प्रधानमंत्री बनाइए।

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