यह पंजाब की धरती पंज-प्यारों की धरती है। यह पंजाब की धरती पसीना बहाने वाले किसानों व बलिदानियों की धरती है। देश की आन-बान-शान में दुनिया की किसी ताकत ने अगर आंख उठाकर देखने की कोशिश की है तो सबसे पहले पंजाब राज्य की जनता ने उसका मुकाबला किया है। इसिलए मैं कहता हूं कि यह पंजाब की धरती शहादत की धरती है।
कोगामाटा मारू से लेकर शहीद भगत सिंह तक ऐसे बलिदानियों की एक लंबी परंपरा रही है। पंजाब ही नहीं, हिन्दुस्तान की धर्म और संस्कृति पर जब कभी आंच आई है, तो हमारे गुरुनानक देव से लेकर गुरु गोविंद सिंह ने जिस प्रकार से उसका मुकाबला किया है और भारत की धर्म व संस्कृति पर आक्रमण करने वालों की चुनौती को स्वीकार कर उन्हें परास्त किया है, उसी कारण से आज तक भारत में हमारी धर्म और संस्कृति पूरी तरह सुरक्षित है। आज अगर मैं पंजाब की धरती पर खड़ा हूं, तो मुझे सरदार भगत सिंह की याद आती है।
जब मुझे यह जानकारी प्राप्त होती है कि ब्रिटेन में, इंग्लैंड में, वहां की किताबों में, वहां के इतिहास में हमारे सरदार भगत सिंह के बारे में जब टेररिस्ट लिखा जाता है तो हमारे दिल पर गहरी चोट पहुंचती है। आज इस पंजाब की धरती पर भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष होने के नाते मैं यह विश्वास दिलाता हूं कि यदि आपने श्री नरेंद्र मोदी को भारत का प्रधानमंत्री बना दिया तो संसद से अगर प्रस्ताव पारित कराने की जरूरत भी हुई तो प्रस्ताव पारित कराएंगे और इंग्लैंड पर हम दबाव बनाएंगे कि वहां सरदार भगत सिंह के ऊपर जो टेररिस्ट लिखा गया गया है, उसे किताबों से हटाया जाना चाहिए।
आप सभी सौभाग्यशाली हैं कि आपको आदरणीय प्रकाश सिंह बादल जैसा नेतृत्व मिला है। शालीनता, कर्मठता और विनम्रता के मामले में उनकी कोई मिसाल नहीं है। जब यह पंजाब पहले बहुत अशांत था तो उस समय लोग यह मानकर चलते थे कि यह पंजाब पहले जैसा एक विकसित राज्य अब नहीं बन पाएगा, लेकिन इसे विकसित राज्य बनाने का काम हमारे सरदार प्रकाश सिंह बादल जी ने किया है। पिछले साल ही दिल्ली में एग्रीकल्चर पालिसी लीडरशिप अवॉर्ड भी सरदार प्रकाश सिंह बादल के नेतत्व वाले पंजाब को प्राप्त हुआ है। कृषि के क्षेत्र में यहां की प्रगति सराहनीय है।
अभी हाल ही में लगभग 65,000 करोड़ रूपए से अधिक के मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टेंडिंग पर पंजाब सरकार और उद्योगपितयों के बीच हस्ताक्षर हुए। मैं इसका श्रेय सुखबीर सिंह बादल को भी देना चाहता हूं जिन्होंने इस काम को कराने में अथक प्रयास किया है। मैं यह मानता हूं कि कृषि ही नहीं, बल्कि औद्योगिक मामलों में भी कुछ ही वर्षों के अंदर हमारा ये पंजाब अग्रणी राज्यों की कतार में खड़ा हो जाएगा।
मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं। 60 से 70 के दशक के बीच में जब हिन्दुस्तान भुखमरी के दौर से गुजर रहा था, तो आपने ही अपना खून – पसीना बहाकर इतना अनाज इस पंजाब की धरती पर पैदा किया कि जिसके परिणामस्वरूप इस हिन्दुस्तान की भुखमरी की चुनौती भारत ने स्वीकार की और उस पर हमलोगों ने विजय प्राप्त की।
आज मुझे किसानों की हालत को देखकर काफी दुख होता है। मैं किसानों के दर्द को अच्छी तरह समझता हूं। आज आप जो अनाज पैदा करते हैं, उसकी उचित कीमत आपको नहीं मिल पाती है। आप जो भी अनाज खरीदते हैं, उसकी खरीद को लेकर भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार को जो धन उपलब्ध कराया जाना चाहिए, वह भारत सरकार द्वारा नहीं कराया जाता है। इसलिए चाहते हुए भी कोई सरकार पूरा का पूरा आपका अनाज न्यूनतम समर्थन मूल्य जिसे मिनिमम सपोर्ट प्राइस कहते हैं, उस पर खरीद नहीं पाती है । भारत सरकार का कृषि मंत्री रहते हुए मैंने एक योजना बनाई थी। उसका नाम था- फार्मर्स इन्कम इंश्योरेंस स्कीम- यानी-कृषि आमदनी बीमा योजना। यह ऐसी योजना है जिसकी भारत सरकार के वित्त मंत्री ने 2004 में बजट पेश करते हुए तारीफ की थी और कहा था कि हमारी कांग्रेस की सरकार भी कुछ संशोधनों के साथ इसे लागू करेगी। लेकिन किसानों के प्रति यह सरकार कितनी असंवेदनशील है कि उसने इस प्रस्ताव को रद्दी की टोकरी में डाल दिया। हमारी सरकार आएगी तो इस योजना को हम लागू करेंगे। खेत की बुआई से पहले खेत की न्यूनतम आमदनी सरकरार के द्वारा पहले ही तय कर दी जाएगी, यदि उतनी आमदनी उस खेत में नहीं हुई तो उसके लिए हमारा किसान जिम्मेदार नहीं होगा, बल्कि उसकी भरपाई बीमा कंपनी के द्वारा की जाएगी। मैं तो यह मानता हूं कि जैसे रेल का बजट अलग पेश किया जाता है, वैसे ही कृषि के लिए भी अलग से बजट पेश किया जाना चाहिए।
एन डी ए सरकार में जब मैं भारत का कृषि मंत्री था तो मैंने किसानों के लिए अलग टीवी चैनल की शुरूआत की थी। वह योजना तीन महीने तक चली, लेकिन सरकार बदलते ही योजना समाप्त हो गई। जब हमारी सरकार आएगी तो किसानों के लिए एक अलग टेलीविजन का चैनल प्रारंभ किया जाएगा ताकि अलग से खेतीबाड़ी के सिलसिले में किसानों को जानकारियां मिल सके। मैं यह भी महसूस करता हूं कि आप खेतीबाड़ी के लिए ट्रैक्टर या कोई मशीन या पंपसेट लेते हैं तो आपको बैंकों से कर्ज लेना पड़ता है। इस कर्ज लेने के दौरान आपकी जितनी जमीन होती है, सब के सब बैंकों के पास Mortgage कर देनी होती है। लेकिन हमारा यह मानना है कि किसानों को कर्ज लेने पर अपनी सारी जमीन बैंक को Mortgage करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि किसान बैंकों से जितना कर्ज लेता है, उतनी ही कीमत की जमीन बैंक को Mortgage करनी चाहिए, उससे ज्यादा जमीन नहीं।
जहां तक कांग्रेस का प्रश्न है, यह बताने की जरूरत नहीं है, जब-जब कांग्रेस आई है, महंगाई बढ़ी है। 10 वर्षों से फिर से यहां कांग्रेस आई है, महंगाई बढ़ने का सिलसिला निरंतर जारी है। आप लोगों ने वह भी छह वर्षों का समय देखा है जब भारत के प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी थे। छह वर्षों में उन्होंने महंगाई को बढ़ने नहीं दिया था। जब से केन्द्र में कांग्रेस की सरकार आई है, तब से महंगाई और भ्रष्टाचार बढा है। जल, थल और नभ तीनों में भ्रष्टाचार हुआ है।
आपकी गाढ़ी कमाई का पैसा गलत तरीके से अर्जित कर दुनिया के दूसरे देशों में जमा करने का काम किया गया है। इस हिन्दुस्तान में सबसे पहले भाजपा के आदरणीय लालकृष्ण आडवाणी ने इस समस्या को उठाया था। सरकार ने आश्वासन दिया था कि दुनिया के देशों में जो काला धन जमा है, उसे हम लाएंगे और यहां की गरीबी और बेरोजगारी की समस्या का निदान करेंगे। लेकिन कांग्रेस नेतृत्व की यूपीए सरकार द्वारा इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की गई है। हमारी सरकार बनने पर हम विदेशों में जमा भारत के काले धन को हिन्दुस्तान में वापस लाएंगे, चाहे कितना भी कठोर कानून क्यों न बनाना पड़े।
अभी हाल ही में आपने समाचार पत्रों में पढ़ा होगा कि कांग्रेस के उपाध्यक्ष श्री राहुल गांधी ने कहा है कि भ्रष्टाचार के निपटने के लिए एक स्ट्रॉन्ग मैकेनिज्म बनाया जाना चाहिए। राहुल जी मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि साढ़े नौ वर्षों तक इस भ्रष्टाचार को रोकने की आपको चिंता क्यों नहीं हुई ? क्या कारण है कि जब-जब कांग्रेस आती है, भ्रष्टाचार बढ़ने लगता है ? कांग्रेस के रहते इस हिन्दुस्तान से भ्रष्टाचार समाप्त नहीं हो सकता है। आप यदि यह कल्पना करें कि घर की बिल्ली आपकी दूध की हिफाजत करेगी तो क्या यह कभी संभव है ? जैसे बिल्ली कभी दूध की हिफाजत नहीं कर सकती है, उसी तरह जब तक कांग्रेस इस हिन्दुस्तान में रहेगी, तब तक यह हिन्दुस्तान भ्रष्टाचार मुक्त हिन्दुस्तान नहीं बन सकता है।
यहां बड़ी संख्या में नौजवान भी दिखाई दे रहे हैं लेकिन नौजवानों की सबसे बड़ी समस्या है कि पढ़ाई-लिखाई करने के बावजूद योग्यता, प्रतिभा और क्षमता हासिल करने के बाद उनके मजबूत हाथों के लिए जो रोजगार मुहैय्या होना चाहिए, वह नहीं हो पा रहा है। हमलोगों ने तय किया है कि जिस दिन हमलोगों की एनडीए की सरकार बनेगी, मोदी जी भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे तो हम ऐसी व्यवस्था करेंगे, जिसमें हमारा नौजवान अगर स्व-रोजगार करना चाहता है तो उसे कम से कम ब्याज दरों पर कर्ज मुहैय्या कराया जा सके, ताकि हमारा नौजवान अपने पैरों पर खड़ा हो सके।
पंजाब के बगल में ही पाकिस्तान है, किस तरह वहां से ड्रग्स की स्मग्लिंग होती है, इससे आप अच्छी तरह परिचित हैं। बादल साहब ने अपनी तरफ से उसे रोकने के लिए भरपूर कोशिश की है। लेकिन केन्द्र सरकार की तरफ से जो सहयोग और चौकसी होनी चाहिए, वह नहीं हो रही है। मैं अपील करना चाहता हूं कि ड्रग्स के खिलाफ एक अभियान चलाया जाना चाहिए ताकि हमारा कोई भी नौजवान किसी भी सूरत में ड्रग्स का सेवन न करे।
हमलोगों (एनडीए) ने तो अपने प्राइममिनिस्ट्रियल कैंडिडेट की घोषणा कर दी है। हमसे या एनडीए के नेताओं से अगर कोई पूछता है तो हम कहते हैं कि हमारा प्राइममिनिस्ट्रियल कैंडिडेट लाजवाब कैंडिडेट है। लेकिन कांग्रेस के लोगों से अगर कोई पूछता है तो वह अपना प्राइममिनिस्ट्रियल कैंडिडेट घोषित करने में अपना साहस नहीं जुटा पाते, वो नाजवाब हो जाते हैं। जहां तक भारतीय जनता पार्टी और अकाली दल के रिश्ते का सवाल है, हमलोगों का रिश्ता बहुत पुराना है। यह अटूट और बड़े मन वाला रिश्ता है, यह रहेगा। और पंजाब की जनता को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि यही एनडीए इस बार नरेंद्र भाई के नेतृत्व में सरकार बनाएगी।