Text of RM’s speech at the ‘Bandhan’ and Valedictory Ceremony of Aero India in Bengaluru

 

आदरणीय…,

एशिया के, अब तक के सबसे बड़े Aero-India के ‘समापन समारोह’ में, आप सब लोगों के बीच उपस्थित होकर मुझे बड़ी प्रसन्नता हो रही है। इस आयोजन की अभूतपूर्व सफलता पर, न केवल एक रक्षामंत्री, बल्कि भारत का एक नागरिक होने के नाते भी मैं बड़े गर्व का अनुभव कर रहा हूँ।

 

कर्नाटक हमारे देश के उन ऐतिहासिक प्रदेशों में से एक है, जो राष्ट्र की आर्थिक प्रगति में बड़े लंबे समय से अपना योगदान देता आ रहा है। इसके अलावा, देश का चाहे आध्यात्मिक क्षेत्र हो, राजनीतिक क्षेत्र हो, वैज्ञानिक क्षेत्र हो, या फिर औद्योगिक क्षेत्र हो, वह कर्नाटक से जरूर प्रेरित और प्रभावित रहा है।

 

Defence & Aerospace sector में भी कर्नाटक ने, अपने robust R&D manufacturing ecosystem के कारण, देश और दुनिया भर की industries का ध्यान आकर्षित किया है। ऐसे में आज जब यह sector, हमारी economy में अपना और अधिक योगदान देने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, तो इस sector के महत्त्वपूर्ण प्रतीक, Aero-India के आयोजन के लिए कर्नाटक से बेहतर शायद ही कोई जगह हो सकती थी।

 

आज, ‘Aero-India-2023’ का समापन हो रहा है, पर मैं समझता हूँ इस समापन के साथ ही, Indian Defence Industry की strengthening की एक नई राह प्रशस्त हो रही है। यह एक नई शुरुआत है, Indian Defence Sector की आत्मनिर्भरता के एक नए युग का, जिसमें यह Sector एक नई ऊर्जा, नए संकल्प और नए उत्साह के साथ अपनी प्रगति की राह पर मजबूती के साथ आगे बढ़ेगा। Aero-India ने पूरी दुनिया को दिखा दिया,
कि नए भारत का नया defence sector,
पिछले कुछ वर्षों में लगातार capable और enrich ही नहीं हुआ है, बल्कि दुनिया के अग्रणी देशों के defence sector के साथ कदमताल करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

 

इस event के inauguration में, हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी जी का स्वयं यहां उपस्थित होना, और बड़े interest के साथ यहां की activities देखना, stalls visit करना, इस बात का प्रतीक है कि इस आयोजन को लेकर वह अत्यंत उत्साहित और आशान्वित थे। Inaugural address में प्रधानमंत्री जी का यह कहना, कि Aero India केवल एक Show नहीं है, ये India की strength भी है, इस event की महत्ता को स्पष्ट करता है।

 

साथियों, आज संपन्न हो रहे बंधन को मैं, न केवल Aero-India के एक महत्त्वपूर्ण event, बल्कि इसे मैं एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि के तौर पर देखता हूँ। अभी हमने देखा, कि इस समारोह में, लगभग ढाई सौ MoUs sign किए गए हैंI इसके साथ DRDO द्वारा Transfer of Technology, Private और Public Sector द्वारा नए-नए products को develop और manufacture करने के लिए महत्त्वपूर्ण घोषणाएँ भी की जा रही हैंI इन B to B engagements में अपार business potential है, और ये Indian Defence Companies के global engagement को बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएँगेI ये MoUs और ToTs, Defence sector में FDI को बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करेंगे, और देश में defence manufacturing को नई ऊँचाइयों पर ले जाएँगेI

 

बंधन event का नाम ‘बंधन’, मैं समझता हूँ बहुत ही उपयुक्त है। बंधन का सामान्य अर्थ तो किसी से बंधना होता है, अपनी स्वतंत्रता को किनारे रख किसी दूसरे के नियमों, क़ानूनों के अनुरूप चलना होता है। पर बंधन का एक दूसरा अर्थ बहुत ही सकारात्मक है। बंधन का अर्थ होता है किसी के विचारों, मान्यताओं और मूल्यों से जुड़ना, उसे अपनी पहचान, या identity का हिस्सा बनाना, और अपने आप को और अधिक मजबूत बनाना। ठीक वैसे ही, जैसे पेड़ों की जड़ें मिट्टी को अपने में बांधे रहती हैं। इससे पेड़ स्वयं तो मज़बूत होता ही है, पेड़ के कारण मिट्टी भी मज़बूत बनी रहती है; और दोनों का संबंध सालों-साल चलता रहता है। हमारा देश भारत, तो बंधन को भी एक उत्सव के तौर पर मनाता है; रक्षाबंधन के रूप में। हर तरह का प्रेम, वह चाहे व्यक्तिगत हो, पारिवारिक हो या राष्ट्र प्रेम हो, हमें एक बंधन में बांधकर अपनी identity देता है, एक sense of pride देता हैI

 

इस प्रकार, आज होने वाला बंधन महज़ कोई समझौता भर नहीं है, जो कुछ आर्थिक लाभ तक ही सीमित हो। यह संबंध दो parties या दो organizations के बीच का agreement भर नहीं है, बल्कि हमारे राष्ट्र को रक्षा क्षेत्र में strengthen करने के लिए एक नया संकल्प है। इस event में, बड़ी संख्या में हमारे मित्र देश भी नए बंधन में बंध रहे हैं। आप लोगों के साथ शुरू हो रहा यह बंधन, business collaboration को मजबूत करने के साथ-साथ, लंबे समय तक हमारे बीच के भरोसे को कायम रखेगा, और हमारी partnership को और मज़बूत करेगा, ऐसा मेरा विश्वास है।

 

साथियों, आज मैं आप सभी के बीच एक और महत्त्वपूर्ण बात रखना चाहता हूँI Curtain raiser में मैंने वादा किया था, कि मैं एक बड़े announcement के साथ सामने आऊँगाI जब से मैंने देश के Defence Minister का दायित्व संभाला है, मेरा पूरा प्रयास रहा है, कि मैं देश की defence industry के हितों की रक्षा के लिए कुछ करूँI मेरी नज़र में हमारी Defence industry को आगे बढ़ाने का मतलब,  देश की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मज़बूत करने के साथ-साथ, देश की economy को भी मज़बूत करना है। इसलिए हमने पिछले कुछ वर्षों में Indian Defence Industry, खासकर Private industry को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया है।

 

शुरू-शुरू में मैंने देखा, कि defence industry के हमारे साथी इस sector में पैर रखने से हिचकिचाते थे। माहौल ऐसा नहीं था कि वे इस sector में आ सकें। प्रयास तो पहले भी शुरू हुए थे, कुछ कदम आगे भी बढ़ा गया था, पर ऐसा environment नहीं बन सका था जैसा कि हमारी domestic defence industry के लिए आवश्यक था। मैंने feel किया, कि सरकार और industrialists के बीच, कहीं तो कुछ gap है, जिसे खत्म करना जरूरी हैI कुछ चीज़ें तो पता थीं ही हमें, पर हम चाह रहे थे कि इस संबंध में हम हर वह चीज़ जानें-समझें, जिसकी हमें जरूरत है।

 

इसके लिए हमने business fraternity से सीधा संवाद स्थापित किया; ताकि पता तो चले कि उनकी जरूरते क्या-क्या हैं, और सरकार से उनकी expectations क्या-क्या हैं। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों, और स्वयं मैंने, industry के हमारे साथियों से बहुत closely बात-चीत की। चाय और Coffee के अनेक cups हमारी बात-चीत के गवाह बने हैं। उनमें से अनेक organizations के representatives को मैं यहाँ देख भी रहा हूँ।

 

कहना मैं यह चाहता हूँ साथियों, कि हमने एक-एक करके, बिंदुवार तरीके से hurdles को हटाने का प्रयास किया और उसमें सफल भी रहे। आप लोगों ने कहा, तो हमने आपके लिए अनुकूल नीतियाँ बनाईं। सरकार ने आपके लिए environment create किया। Business entities के लिए technology पर invest करना थोड़ा मुश्किल होता है, हमने उसे उपलब्ध कराने के भी कई मार्ग खोले। आप लोगों ने कहा, तो हम Strategic Partnership model ले आए, और आपने कहा तो हमने FDI की limit में भी बढ़ोत्तरी कर दी। कहने का मतलब Indian defence industry को मजबूत करने के लिए हमने हर वे कदम उठाए, जो उठाए जा सकते थे।

 

यहाँ तक कि, हमने उनके लिए demand भी assure किया। जैसा कि हम सभी जानते हैं, Defence sector ऐसा sector है जिसमें आमतौर पर Seller ज्यादा और Buyer कम होते हैं। एक मोनोप्सोंनी जैसी स्थिति बनी रहती है। यह भी संभव नहीं होता, कि कोई organization production शुरू करे और तुरंत ही Global market में अपनी पहुँच बना ले। विश्वस्तर पर एक अलग ही level का competition है इस sector में। ऐसे में हमने यह समझा, कि Indian Defence Industry को आगे बढ़ाना है, उन्हें प्रोत्साहित करना है, तो उनके products का domestic demand भी assure होना आवश्यक है। इसके लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए, सन 2020-21 के दौरान, हमने Defence budget में से capital procurement के लिए 58% हिस्सा Indian defence industry के लिए reserve कर दिया। Indian Defence Industry के favour में यह एक लंबी छलांग थी।

 

और जैसा कि आप जानते हैं, छलांग लंबी होती है तो गिरने का भी खतरा कम नहीं होता है। मुझे मालूम नहीं कि यहाँ पर यह बोलना उचित होगा या नहीं, पर इस कदम पर सरकार को क्या-क्या सुनने को नहीं मिला था। तरह-तरह की आशंकाएँ जताई थीं लोगों ने; कि पहली बार में ही इतना बड़ा हिस्सा अपनी defence industry के लिए उचित है कि नहीं। पर हमारे सामने पहला विकल्प था, कि संशय करके हम अपने आप को shell में बंद रखें, और दूसरा विकल्प था कि अपनी industry पर भरोसा करके, risk लेकर एक नई उड़ान भरने के लिए पंख फैलाएँ, और हमने यही किया। और मुझे यह कहते हुए खुशी होती है, कि हमारी industry ने ऐसी performance दिखाई, कि 58% खर्च का हमने जो target रखा था, वह सीधे 64% पर जाकर रुका। इसे देखते हुए हमने 2021-22 के लिए Indian defence industry के लिए हिस्सा 64% कर दिया, पर इस बार पिछले record को तोड़ते हुए यह procurement 65% तक पहुँच गई। फिर इस बार, यानि 2022-23 के लिए हमने यह हिस्सा 68% कर दिया। अभी आँकड़े आए तो नहीं हैं, पर इस बात की पूरी संभावना है कि हमारी defence industry से procurement इससे कहीं अधिक ही होगा।

 

आप लोगों को लग रहा होगा कि आज यह सब आँकड़े गिनाने का भला कौन सा time है। पर आप लोगों के सामने मुझे यह कहते हुए गर्व होता है, कि हमारी defence industry पर सरकार और समाज का भरोसा इतना बढ़ता जा रहा है, इतना बढ़ता जा रहा है, कि पिछले साल Indian vendors से procurement के लिए जो हिस्सा 68% किया गया था, ‘अमृत काल’ से प्रेरित हुए वह हिस्सा आगामी वर्ष के लिए सीधेसीधे 75% कर दिया गया है। I repeat, यह हिस्सा तीनचौथाई कर दिया गया है, जो कि लगभग 1 लाख करोड़ रूपए बनता हैI हमारे defence sector को, और अधिक मजबूत करने के लिए, यह सरकार का एक अभूतपूर्व फैसला है। स्वयं को मजबूत करने के लिए, आप अगर एक कदम बढ़ाते हैं, तो सरकार का यह वादा है, कि सरकार उसके लिए दस कदम आगे बढ़ाएगी। आपने हमसे, विकास की राह पर दौड़ने के लिए जमीन की बात की थी। पर आपकी speed, और height को देखते हुए, हम आपको भरा-पूरा आसमान उपलब्ध कराने की ओर आगे बढ़ रहे हैं। Defence Capital Procurement Budget का तीन चौथाई हिस्सा domestic industry के लिए earmark करना, उसी दिशा में एक बड़ा कदम है।

 

मुझे पूरी आशा ही नहीं, पूरा विश्वास है कि इस कदम के बाद हमारी defence industry, और भी अधिक जोश और उत्साह के साथ सामने आएगी, और देश के defence sector को और अधिक सशक्त और समृद्ध करने में अपना योगदान देगी। यह बड़ी खुशी की बात है, कि Aero-India 2023 इस अभूतपूर्व फैसले का साक्षी बना।

 

यह Aero-India इतने भव्य तरीके से संपन्न हुआ, इसके लिए Aero-India से जुड़े सभी लोग बधाई के पात्र हैंI यह event हमें एक संकल्प लेने के लिए प्रेरित करता है, कि अपनी प्रगति की राह पर न तो हम कहीं थकेंगे, न ही कभी थमेंगे। न ही किसी भी बाधा के सामने रुकेंगे, न ही किसी समस्या के सामने झुकेंगे। मुझे विश्वास है, कि हमारे मन में यह संकल्प हमेशा बना रहेगा।

 

इस अवसर पर अधिक कुछ न कहते हुए, मैं Aero-India 2023 को एक बड़ी सफलता बनाने के लिए, एक बार फिर आप सभी को धन्यवाद देता हूं।

जय हिन्द!