आदरणीय…,
आज, Aero-India 2023 में हो रहे Start-Up Manthan आयोजन में, आप सभी के बीच उपस्थित होकर मुझे बड़ी खुशी हो रही हैI
सबसे पहले, इस आयोजन के लिए, मैं आयोजन से जुड़े सभी लोगों को अपनी बधाई और शुभकामनाएँ देता हूँI
साथियों, हमारे देश में start-ups को लेकर पिछले कुछ वर्षों, में जो एक environment बना है, मैं देख रहा हूँ कि हमारे युवाओं के लिए वह किसी वरदान से कम नहीं हैंI Defence sector ही नहीं, सभी sectors की बात मैं कर रहा हूँI 7-8 साल पहले हमारे देश में start-ups की संख्या उँगलियों पर गिनी जा सकती थीI पर आज इनकी संख्या लगभग एक लाख तक पहुँचने वाली हैI
सौ से ऊपर तो Unicorns हमारे देश के युवाओं ने खड़े कर दिए हैंI यह हमारे देश में newly created start-up ecosystem की importance तो बताता ही है, साथ ही हमारे youth के भीतर भी आए नए जोश, और कुछ नया कर गुजरने के जूनून को भी showcase करता हैI
जब मैं यहाँ youth कह रहा हूँ, तो उससे मेरा मतलब नई उम्र से ही नहीं हैI मेरा मतलब नई सोच के लोगों से भी है, जो उचित अवसर पाते ही देश के लिए कुछ नया करने का हौंसला रखते हैंI जो यह नहीं देखते कि सामने समस्याएँ क्या-क्या हैं, संसाधन क्या-क्या हैंI जो बस यह देखते हैं कि सामने लक्ष्य क्या है, और वे अपना लक्ष्य पाने के लिए धरती-आकाश एक कर देते हैंI
Defence sector में तो मैं देख रहा हूँ, कमाल कर रहे हैं हमारे युवाI iDEX जैसे initiative के माध्यम से, देश के कोने-कोने से ऐसे talent सामने आ रहे हैं, जो कभी सोचे भी नहीं गए थेI हमारी Services, DPSUs,
Coast Guard सब एकजुट होकर चुनौतियाँ दिए जा रहे हैं हमारे युवाओं कोI अब तो Home-Ministry के organizations भी शामिल हो गए हैं problem statement जारी करने मेंI बावजूद इसके, हमारे युवाओं का ज़ज्बा देखिए, कि क्या मजाल कोई problem उनके प्रयासों से अछूती रह जाएI क्या Army, क्या Navy, क्या Air-force, क्या DPSUs, क्या Cyber, क्या Space, यानी हर problem का जवाब पाने का जज़्बा है उनके पासI
साथियों, Human-being की, कुछ नया करने की tendency के कारण ही, यह nature के बाकी creations से श्रेष्ठ है। Humans ने अगर इतना progress किया है, तो उसके पीछे उनका innovative talent ही है। Human-kind में भी, वही societies अधिक developed होती हैं, जो कुछ नया खोज पाने में समर्थ होती हैं। Science & Technology के क्षेत्र में तो यह बात सबसे अधिक लागू होती है।
पहले एक कहावत कही जाती थी, कि ‘नया नौ दिन का, पुराना सौ दिन का।’ पर Science & Technology के क्षेत्र में रोज़ाना नए होते innovations ने, इस कहावत को कहीं पीछे छोड़ दिया है। यहाँ नया, नौ तो क्या, सौ तो क्या, पिछले सदियों तक के ज्ञान पर भारी पड़ता है। नई-नई खोजों और आविष्कारों ने अतीत से अब तक चले आ रहे ज्ञान में आमूल-चूल परिवर्तन करने का कार्य किया है। नई-नई खोजों और आविष्कारों ने नया इतिहास लिखने का कार्य किया है।
जेम्स वॉट, न्यूटन, एडिसन और आइंस्टाइन की खोजों और आविष्कारों ने, तत्कालीन बड़े-बड़े intellectuals के मस्तिष्क को आंदोलित कर दिया था। शुरुआत में लोगों ने, इनके कामों को सनक, और दिमागी खुराफ़ात के अलावा कुछ नहीं समझा। पर समय के साथ इन्होंने अपने आपको साबित किया, और पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवाया। हमारे देश में C.V. Raman, J.C. Bose से लेकर डॉ. होमी जहाँगीर भाभा जैसे अनेक Scientists की परंपरा रही है, जिन्होंने दुनिया को न केवल नया ज्ञान दिया, बल्कि समस्त ज्ञान-विज्ञान की धारा को एक नई दिशा दी, और हमारे देश का नाम विश्वपटल पर लाने में अपना योगदान दिया। यह सब, कुछ नया करने के ज़ज़्बे के कारण ही सम्भव हो सका।
कहना मैं ये चाहता हूँ साथियों, कि आपके भी मस्तिष्क की कोई एक खुराफ़ात, पूरी दुनिया की अब तक की चली आ रही ज्ञान-विज्ञान, और उद्योग-धंधे की धारा को बदलने, और उसे नई दिशा देने की क्षमता रखता है। आप सभी हेनरी फोर्ड की Assembly Line Manufacturing process के बारे में जानते होंगे। इसके innovation ने, तब तक चले आ रहे production system में transformational change कर दिया था। इसलिए आज हमारा देश, युवाओं को अगर कुछ नया सोचने, और कुछ नया कर दिखाने के लिए support कर रहा है, तो इसका कोई छोटा मतलब नहीं है। इसका बस यह मतलब नहीं है कि हमारे युवा अपने पैरों पर खड़े हो जाएं।
इसका मतलब बस यह भी नहीं है कि हमारे युवाओं को रोजगार मिल जाए, और वे कुछ रोजगार औरों के लिए भी पैदा कर सकें। इसका मतलब बस यह भी नहीं है, कि हमारे युवा स्वदेशी सामान बना सकेंगे, और बाहर देशों पर से हमारी निर्भरता कम हो सकेगी, या खत्म हो सकेगी।
यह सभी अपने आप में महत्त्वपूर्ण हैं। बड़े महत्त्वपूर्ण हैं। पर कुछ है, जो इन सबसे भी महत्त्वपूर्ण है, जिसे हमारे देश को तलाश हैI और वह महत्त्वपूर्ण चीज़ है, हमारे युवाओं के भीतर से एक जेम्स वॉट, एक न्यूटन, एडिसन, आइंस्टाइन, C.V. Raman, J.C. Bose या डॉ. होमी जहाँगीर भाभा को खोज निकालना, जो इतिहास की धारा को मोड़ सकें, और मानवता को कुछ नई और meaningful चीज़ दे सकें। और जिस तरह आप लोगों का response हमें मिल रहा है, मैं इस बात को लेकर पूरा आश्वस्त हूँ, कि जल्द ही हमारा देश, innovations के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में से एक होगा,
और अतीत की भांति ही भविष्य में भी, समस्त विश्व के लिए एक light house बनकर उभरेगा। Start-up मंथन जैसे आयोजन, इस light house को नई चमक प्रदान करेंगे, ऐसा मेरा विश्वास है।
साथियों, Start-up मंथन, Indian Defence start-up ecosystem के विकास की यात्रा का एक शानदार उत्सव है। यह हमारे initiative “Innovations for Defence Excellence” यानी iDEX की सफलता का सूचक है। iDEX ने अब तक अनेक home-grown technologies को develop होने और आगे बढ़ने में मदद की है। इसने start-ups के लिए innovations, और technological developments को showcase करने का एक important platform प्रदान किया है। इसके साथ-साथ defence sector में Artificial Intelligence, Augmented reality, और Block-chain जैसी futuristic technologies को भी, हमारे professionals को अच्छी तरह से जानने-समझने का, एक अवसर iDEX ने उपलब्ध कराया है। iDEX के माध्यम से शुरू हुए Start-Ups को अब Orders भी मिलने शुरू हो गए हैं, जिससे start-up ecosystem को और अधिक प्रोत्साहन मिला है।
साथियों, iDEX अब तक सैकड़ों की संख्या में innovators को market में introduce कर चुका हैI इस प्रकार हजारों skilled, और semi-skilled भारतीयों को direct, और indirect रूप से employment generation में मदद मिली है। इन सबके चलते ही, iDEX को Innovation category के तहत PM Award से सम्मानित किया गया हैI iDEX Winners का business expand होगा, तो देश में लाखों लोगों को रोजगार मिल सकेगाI इस तरह यह हमारे देश के अनेक नागरिकों की, socio-economic condition को बेहतर करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम हैI
इसे ध्यान में रखते हुए, मंत्रालय ने iDEX start-ups और MSMEs से procurement के लिए एक simplified, और fast track procedure को भी मंजूरी दी है। iDEX ने Defence ecosystem में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए रास्ते खोले हैंI हमारे नए entrepreneurs को, larger projects के development के लिए encourage करने के लिए, हमने अब तक दी जा रही grants को भी बढ़ाने का निर्णय लिया है। यह हमारे innovators, और start-ups की मेहनत, लगन, और उनके प्रोत्साहन के लिए सरकार के support को दिखाता हैI As a government, यह हमारी जिम्मेदारी है, कि हम अपने policy intervention के माध्यम से इन technologies के development को support करें, ताकि नए entrepreneurs नए अवसरों का लाभ उठा सकें।
साथियों, आज मुझे Defence India Start-up Challenge, यानी DISC-9 के launch की घोषणा करते हुए भी खुशी हो रही है। हर बार की तरह इस बार भी, युवाओं के सामने अनेक चुनौतियाँ रखी गई हैंI मैं
DISC-9 की सफलता की कामना करता हूं। आज जब हमारे अनेक युवा साथी इस आयोजन में उपस्थित हैं, तो मैं आप लोगों के सामने अपनी कुछ बातें रखना चाहूँगाI
साथियों, दुनिया के अग्रणी देशों के कतार में अगर हमें आना है तो हमें बस चलने की नहीं, बल्कि हमें दौड़ने और एक लंबी छलांग लगाने की जरूरत है। हम सभी जानते हैं, कि 18th century में industrial revolution के चलते Britain आदि देशों ने अच्छी खासी तरक्की की। चूँकि उस समय हम राजनैतिक रूप से पराधीन थे, हमारी आर्थिक और सामाजिक स्थिति उतनी अनुकूल नहीं थी, इसलिए industrial revolution का हम वैसा फायदा नहीं उठा पाए, जैसा फायदा हमें उठाना चाहिए था। इसका परिणाम यह हुआ, कि हम आज भी अनेक क्षेत्रों में उनकी बराबरी नहीं कर पाए हैं।
हालाँकि हमें 75 साल पहले आज़ादी मिली। देश में एक नई भावना का संचार हुआ। राष्ट्र कुछ नया करने की सोच के साथ आगे बढ़ा। पर सैकड़ों वर्षों की गुलामी की छाया को कुछ ही समय में मिटा देना संभव नहीं था। देश में आर्थिक बदहाली थी। देश में Capital की समुचित व्यवस्था नहीं थी। शिक्षा और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। Technology के मामले में हम काफी पीछे खड़े थे। ऐसे में देश को संभलने में बड़ा वक्त लगा। आज भी developed countries, colonialism से प्रभावित third world countries से कहीं बहुत आगे हैं।
अब प्रश्न उठता है, कि जो countries race में बहुत आगे हैं, उनसे बराबरी कैसे की जा सकती है, या उनसे आगे कैसे निकला जा सकता है। प्रगति की राह में जो दौड़ उन्होंने ढाई-तीन सौ साल पहले शुरू की, वह दौड़ हमने अब कहीं जाकर शुरू की। यानी हमारी starting line अलग-अलग है, तो दोनों के बीच fair race कैसे होगी। ज़ाहिर है यह race हमारे लिए adverse होगी। इसे एक उदाहरण के तौर पर समझें। किसी व्यक्ति ने अपनी journey, Formula-one की racing car से शुरू की। साथ में एक दूसरा व्यक्ति अपनी journey, एक bi-cycle से शुरू कर रहा है। अब दोनों में समानता कहीं दूर-दूर तक नहीं है। पर journey एक साथ complete करनी है। यह कैसे संभव होगा? यह विचार करने वाली बात है।
मैं जो कहना चाहता हूँ वह यह, कि competition के स्वरूप को अगर बदल दिया जाए, उसके parameter बदल दिए जाएँ, तो क्या यह game changer नहीं हो सकता है? ठीक वैसे ही, कि कछुआ, यानि Tortoise, और ख़रगोश, यानि Rabbit की दौड़ में, पहली बार हार जाने के बाद कछुआ, जमीन की बजाए पानी में race का प्रस्ताव रखे। जाहिर सी बात है, कि यह बाज़ी पलटने वाली race होगी। ठीक उसी तरह, Formula-one racing car और bi-cycle के बीच competition में, अगर parameter, जल्दी दूरी तय करने की बजाय यह रखा जाए, कि कौन अधिक environment friendly, और, अधिक healthy way में performance दे सकता है, तो ज़ाहिर है, जीत cyclist की होगी।
कहने का मतलब यह है कि, अगर हमें development करना है, तो competition को हमें re-define करना होगा। अगर हम पुरानी technologies, और production के पुराने systems से आगे बढ़ने के बारे में सोचेंगे, तो हम उन देशों से दो century हमेशा ही पीछे रहेंगे। इसलिए आज आवश्यकता है कि हम नए तरीकों से सोचें और उन तरीकों के अनुसार आगे बढ़े। उदाहरण के लिए, हो सकता है Solar energy या Wind energy के क्षेत्र में हम उन देशों से कुछ ही वर्ष पीछे हों। ऐसे में इन sectors में हम कुछ अच्छा, और नया करके दोनों के बीच के gap को जल्दी खत्म कर सकते हैं।
एक दूसरी बात, कि जो पारंपरिक चीजें चली आ
रही हैं, उसमें हमारा प्रयास हो कि हम कुछ नया करें।
इसका एक बड़ा उदाहरण, हमारे देश में विकसित UPI payment method है। यह method पूरी दुनिया को भारत की देन है, जिसे आप जैसे युवाओं ने ही develop किया है। इसके पहले यह दुनिया में कहीं adopt नहीं किया गया था। अमेरिका जैसे देश भी आज इसकी study कर रहे हैं। कुल मिलाकर, हमें अगर next generation Industrial Revolution लानी है, तो, या तो हम नई चीजें करें, या फिर चली आ रही चीज़ों को नए तरीके से करने का प्रयास करें। Moral of the story, कि हम innovation करें। Innovation यानी, नए तरीके से सोचना, जो कि आप जैसे युवा भलीभाँति कर सकते हैं।
अगर हमें, अन्य देशों से आगे निकलना है, तो नए लोगों, और Start-ups को सामने आना आवश्यक है। मेरी नज़र में Start-up का अर्थ है, new energy, Start-up का अर्थ है, New Commitment, और Start-up का अर्थ है, New Enthusiasm । पुराने और established organizations, अकसर किसी न किसी प्रकार की रूढ़ियों से बंधने लगते हैं, कई बार वे नई technology architecture को adopt करने में असहज होते हैं, वहीं start-ups नए माहौल में शुरू होते हैं और नएपन के साथ ही आगे बढ़ते हैं। इसलिए हमारे राष्ट्र को अगर नई ऊंचाइयों पर ले जाना है, तो नए लोगों, और Start-ups को नए जोश के साथ सामने आना आवश्यक होगाI
आप लोग अवगत हैं, कि जब हमारा देश आज़ाद हुआ था, तब भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने देशवासियों को, ‘Tryst with Destiny’, यानि Destiny से भेंट का आह्वान किया थाI उसका अर्थ था, कि हमारे देशवासी, पिछला दुख-दर्द भुलाते हुए अपनी destiny से मुलाक़ात करेंI चूँकि उस समय हम बहुत सशक्त नहीं थे, समर्थ नहीं थे, इसलिए देश की destiny से सिवाय मिलने, और समझने के कुछ कर भी नहीं सकते थे। पर अब स्थितियाँ बहुत बदल गई हैं। अब हमारे बाजुओं में वह बल आ गया है, जो पहले कभी नहीं था। आज, आज़ादी के 75 सालों के बाद हमें अवसर मिला है, कि ‘Tryst with Destiny’ से आगे जाते हुए, ‘Design our Destiny’ के पथ पर आगे बढ़ें। आगे से हमारा मंत्र होना चाहिए ‘Design our Destiny’ यानि हम अपने पुरुषार्थ, अपनी क्षमताओं और अपने संकल्प से अपनी Destiny के Design की ओर आगे बढ़ें; उसका निर्माण करें। हमारी destiny है आने वाले 25 वर्षों में दुनिया की top economy बनना; हमारी destiny है दुनिया की Science & Technology superpower बनना। ‘अमृत काल’ ही इसके लिए सर्वोत्तम काल है, और आप जैसे युवा ही देश की Destiny के सर्वोत्तम Designer हैं।
मैं पिछले सभी iDEX winners को एक बार फिर अपनी बधाई देता हूँ, और आगामी सभी iDEX participants को अपनी शुभकामनाएँ देता हूँI हमारे यहाँ कहा गया है, कि ‘उद्यमात् सकल समृद्धि:’I यानी उद्यम, अथवा मेहनत और लगन से सभी प्रकार की सिद्धि और समृद्धि संभव है I
आने वाले समय में आप लोगों की सफलता, केवल आप ही नहीं, बल्कि आपके परिवार, समाज और राष्ट्र की सफलता साबित होगीI
मैं इस आयोजन में उपस्थित, आप सभी के प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूं, जो defence sector में innovation को बढ़ावा देने के लिए यहाँ उपस्थित हुए हैंI
इस अवसर पर अधिक कुछ न कहते हुए, मैं आप सबको अपनी शुभकामनाएं देता हूँ, और अपना निवेदन समाप्त करता हूँI
धन्यवाद,
जय हिंद!