Text of opening statement of Defence Minister on Inter-Service Organisations Bill 2023

माननीय सभापति महोदय, आपकी अनुमति से मैं, Inter-services Organisations (Command, Control & Discipline) Bill – 2023, को माननीय सदस्यों के बीच रखने के लिए उपस्थित हूँ। जैसा कि सदन को विदित है, वर्तमान में जो वैश्विक परिस्थितियाँ हमारे समक्ष हैं, उस को ध्यान में रखते हुए हमारी सेनाओं को सशक्त करना बेहद आवश्यक है। बेहतर jointness, और integration से ही हमारी सेनाएँ वांछित परिणाम हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ सकती हैं। इसलिए सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल व Integrated Structure को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से ही इस bill को लाया गया है। मैं इस बिल पर विचार किए जाने का प्रस्ताव रखता हूँ।

माननीय सभापति महोदय, जब भी कोई राष्ट्र प्रगति पथ पर आगे बढ़ रहा होता है, तो समय की मांग के अनुसार उसे अपने भीतर बदलाव करने पड़ते हैं।

कानूनों के संबंध में भी यही बात पूरी तरह लागू होती है। माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने, देश की प्रगति में बाधा डाल रहे अनेक पुराने कानूनों को खत्म किया, और जहां आवश्यकता पड़ी वहाँ हमने नए कानूनों को introduce भी किया। लोकसभा में पारित होने के बाद, राज्यसभा में पेश किया गया ‘Inter-services Organisations (Command, Control & Discipline) Bill – 2023’ भी उन्हीं प्रयासों में एक अहम प्रयास है।

इस बिल का उद्देश्य हमारे सैन्य बलों में निहित अनुशासन की महान परंपरा को और मजबूती देना है। यह अनुशासन ही है, जो हमारे सैनिकों के अंदर न सिर्फ आत्मविश्वास को बढ़ाता है बल्कि एक unit या establishment के रूप में उनके अंदर एकता की भावना को भी मजबूत करता है। इसलिए यदि अनुशासनहीनता का कोई प्रकरण आता है, तो उसका त्वरित निराकरण करना अत्यंत आवश्यक हो जाता है। ‘Inter-services Organisations (Command, Control & Discipline) Bill – 2023’ यह प्रावधान करता है कि Inter-service Organisation में discipline बनाए रखने के लिए त्वरित कार्रवाई की जा सके।

यह bill एक ऐसा environment create करने में मदद करेगा, जो हमारे Inter-services Organisations में अनुशासन को मजबूत करेगा।

महोदय, वर्तमान में जो व्यवस्था है, उसके अनुसार भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के personnel, अपने Respective Act, अर्थात Army Act 1950, Navy Act 1957 तथा Air-Force Act 1950 और  उसके तहत बनाए गए rules & regulations के अनुसार govern होते हैं।

इन Acts के तहत, Commander-in-Chief या Officer-in-Command, अपनी disciplinary या administrative powers का प्रयोग, अपनी ही Service के personnel पर कर सकते हैं। उन्हें दूसरी services से संबंधित personnel, जो उनके संगठन में कार्य कर रहे हैं, पर disciplinary या administrative powers का प्रयोग करने का अधिकार नहीं है।

ऐसे provisions से, Inter-services Organisations में कई बार समस्याएँ आती हैं।

खासकर तब, जब किसी incident में विभिन्न Services के personnel involve होते हैं, और उन पर disciplinary या administrative action के लिए, Inter-services Organisations में कार्यरत personnel को, उनके parent Service units में वापस भेजने की आवश्यकता पड़ती है। ऐसी स्थिति में पूरा process न केवल time consuming हो जाता है, बल्कि इसमें personnel की आवाजाही के कारण धन-व्यय भी अधिक होता है। इसके अतिरिक्त यह भी समस्या सामने आती है, कि कई बार एक ही Offence के लिए अलग-अलग जगहों की Authorities द्वारा अलग-अलग निर्णय दे दिए जाते हैं, जिनसे विसंगतियां उत्पन्न होती हैं।

इसलिए सभी Inter-Service Organisations के ‘Commanders-in-Chief’ या ‘Officers-in-Command’ के लिए, उनके Organisations में discipline को बनाए रखने हेतु एक enabling act बनाया जा रहा है। अतः Army, Navy और Air Force से inputs लेकर, Ministry of Law and Justice के परामर्श से, Inter-Services Organisations (Command, Control & Discipline) Bill – 2023 को draft किया गया है।

यह बिल हमारी सेना के अंदर proper integration and jointness को promote करेगा। इसके साथ ही यह bill Inter-services Organisations के Chiefs को बेहतर Disciplinary या Administrative powers प्रदान करता है, जिससे वे अपने organisations में प्रभावी Command, Control और Discipline ला सकेंगे, और हमारे सुरक्षा ढांचे को और भी मजबूत बनाएंगे। मैं सदन को यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि यह bill भारत के सैन्य सुधारो के दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

माननीय सभापति महोदय, आपकी अनुमति से, मैं Inter-Services Organisations (Command, Control & Discipline) Bill – 2023 विधेयक पर विचार करने का प्रस्ताव करता हूँ।