Inter-State Council की 16 जुलाई, 2016 को 11वीं बैठक में माननीय गृहमंत्री जी का उद्बोधन

माननीय प्रधानमंत्री जी,  Council of Ministers के मेरे सहयोगी मंत्रीगण, विभिन्‍न राज्‍यों के माननीय मुख्‍यमंत्रीगण, UTs के Administrators एवं अन्‍य विशिष्‍ट अतिथिगण।

Inter State Council की आज की 11वीं बैठक में आप सभी का स्‍वागत करते हुए, मुझे हार्दिक प्रसन्‍नता हो रही है। दस वर्षों के अन्‍तराल के पश्‍चात, आयोजित हो रही यह बैठक, हमारी सरकार की underlying philosophy, ”सबका साथ, सबका विकास” की भावना के ही अनुरूप है।

The Union Home Minister, Shri Rajnath Singh presenting a Bonsai plant to Prime Minister, Shri Narendra Modi, at the eleventh Inter-State Council Meeting, in New Delhi on July 16, 2016.

संविधान सभा ने जब लगभग एकमत से राष्‍ट्र के लिये ‘Federal form of Governance’ की आधारशिला रखी, तो भारत की ”अनेकता में एकता” के वैशिष्‍ट्य को ध्‍यान में रखा था।

बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्‍बेडकर जी ने संभवत: इसीलिये यह कहा था कि,

“Though the country and the people may be divided into different states for convenience of administration, the country is one integral whole, its people living under a single imperium derived from a single source.”

 विभि‍न्‍न राज्‍यों तथा केन्‍द्र और राज्‍य सरकारों के मध्‍य बेहतर coordination के लिये, सरकारिया commission की report के अनुसार, संविधान की धारा 263 के अनुरूप, एक presidential order के माध्‍यम से 1990 में Inter State Council का गठन किया गया। किन्‍तु पिछले 25 वर्षों में केवल 10 बार ही council की बैठक हो पायी है और अब यह 11वीं बैठक 10 वर्षों के अन्‍तराल पर हो रही है।

राज्‍यों के मघ्‍य एवं राज्‍य एवं केन्‍द्र सरकार के बीच विभिन्‍न विषयों पर एकमत न होने से, development projects के execution समेत तमाम ऐसे मुद्दे है जिनपर प्रतिकूल असर पड़ना स्‍वभाविक है। इसी को ध्‍यान में रखते हुए, State Reorganization Act, 1956 के अन्‍तर्गत, केन्‍द्रीय गृह मंत्री की अध्‍यक्षता में Zonal Councils बनाये गये हैं।

 मुझे यह बताते हुए प्रसन्‍नता हो रही है कि पिछले वर्ष 2015 में सभी पाँच Zonal Councils की बैठक हुई है। इनमें से कुछ एक दशक के पश्‍चात हुई है। वर्ष 2016 में भी Eastern Zonal Council की बैठक हो चुकी है। यह हमारे लिये संतोष का विषय है कि इन बैठकों में 150 से ज्‍यादा मुद्दों पर चर्चा हुई है और अधिकांश मामलों में हम समाधान की दिशा में आगे बढ़े हैं।

हमारे लिये यह सौभाग्‍य की बात है कि हमारे देश का नेतृत्‍व एक ऐसे प्रधानमंत्री के हाथों में है, जो बारह वर्ष से भी अधिक समय तक स्‍वयं मुख्‍यमंत्री रहे हैं। देश का नेतृत्‍व संभालते ही, अपने व्‍यक्तिगत अनुभवों के आधार पर उन्‍होंने केन्‍द्र एवं राज्‍यों के मध्‍य संबंधों को एक नई दिशा देने की शुरूआत की है।

 पिछले दो वर्षों की हमारी सरकार का मूलमंत्र सही मायनों में Federalism को promote करना रहा है: चाहे वह Cooperative Federalism के द्वारा हो अथवा Competitive Federalismके माध्‍यम से। Cooperative Federalism से हमारा  तात्‍पर्य है कि Centre और States साथ मिलकर के development related policies के formulation  एवं implementation में actively participate एवं closely collaborate करें। Inter-State Council की यह बैठक एवं Zonal Councils की बैठकें इसी प्रयास का हिस्‍सा हैं।

हमारी सरकार का दृढ़मत है कि राष्‍ट्र के विकास में केन्‍द्र एवं राज्‍य सरकारों, दोनों की अहम भूमिका हो। यही कारण है कि केन्‍द्र सरकार ने 14th Finance Commission की recommendation को स्‍वीकार करते हुए राज्‍यों का fund allocation percentage काफी हद तक बढ़ा दिया है। साथ-ही, Planning Commission को disband करके NITI Aayog का गठन भी, इसी cooperative federalism की अवधारणा को strengthen करने के लिये किया गया है। NITI Aayog  के बनने से “One size fits all” की Planning Commission की inherent कमी को दूर किया गया है और अब राज्‍य सरकारें अपने local necessities को ध्‍यान में रखते हुए schemes के formulation एवं implementation कर सकेंगी।

हमारी सरकार की यह स्‍पष्‍ट मान्‍यता है कि सभी राज्‍यों के equitable development के बिना, राष्‍ट्र का विकास अधूरा है। राज्‍यों के विकास में केन्‍द्र सरकार के सहयोग के साथ-साथ, यह भी आवश्‍यक है कि राज्‍यों के बीच एक healthy competitive atmosphere  बने, इसके लिए राज्‍य एक-दूसरे की best practices को adopt करें। उदहारण के लिए जब हम Ease of doing Business की बात करते हैं, social parameters पर राज्‍यों की ranking की बात करते हैं, Make in India अथवा स्‍वच्‍छ भारत अभियान के क्रम में राज्‍यों की बात होती है, तो हमें राज्‍यों के बीच जो healthy competition दिखायी देता है वह competitive federalism का हिस्‍सा होने के साथ-साथ overarching development framework का भी हिस्‍सा है।

जब मैं development framework की बात करता हूँ, तो मेरा तात्‍पर्य विकास की उस धारा से है, जो सभी राज्‍यों को साथ लेकर चलती है। विकास की प्रतिस्‍पर्धा में जो पीछे छूट जाते हैं, उनको भी साथ लेकर चलने की आवश्‍यकता है। हमारी सरकार की यह कोशिश होगी कि उन राज्‍यों को, जो इस developmental trajectory में पीछे छूट रहे हैं, उनकी मदद करें और adequate legal, procedural तथा structural reform लाने में सहयोग करें।

इस अवसर पर मैं आपको council की पहले के बैठकों में हुए discussions के विषय में भी बताना चाहता हूँ। First fourth एवं sixth तथा seventh बैठकों में इस फोरम पर सरकारिया commission के रिपोर्ट, उसके implementation एवं अन्‍य संबंधित विषयों पर चर्चा की गयी, जबकि fifth meeting में emergency provisions,  Council के business के लिए guidelines  इत्‍यादि पर चर्चा की गयी। eighth एवं ninth meeting में Administrative Relations, Good Governance एवं Disaster  Management आदि पर चर्चा हुई। पिछली बैठक 2006 में हुई, जिसमें SCs/STs पर होनेवाली atrocities एवं उनके लिए Act के implementation पर discussion हुआ।

आज हम, 04 Agenda Items पर चर्चा करेंगे जो हम सभी के common interest का है। केन्‍द्र और राज्‍यों के संबंध में Justice M.M. Pu की अध्‍यक्षता में गठित Commission की सिफारिशों का status और उसके आगे का रास्‍ता।

Punchhi Commission ने अपनी रिपोर्ट, 2010 में सौंपी थी, जिसमें 273 recommendations थीं, जिसे सभी राज्‍यों, UTs, केन्‍द्रीय मंत्रालयों को comments के लिए भेजा गया था। मैंने स्‍वयं भी सभी मुख्‍यमंत्रियों को 31 मार्च, 2016 तक comments भेजने का निवेदन किया था। Inter-State Council Secretariat ने राज्‍यों और केन्‍द्रीय मंत्रालयों से प्राप्‍त views को analyse किया है। Secretary, Inter-State Council अपने presentations में इसपर प्रकाश डालेंगी। सरकारिया Commission की recommendations की तर्ज पर हम चाहेंगे कि Punchhi Commission की recommendations पर भी पहले Standing Committee में विस्‍तार से चर्चा होकर यह Inter-State Council के समक्ष आये, तो Council को अपना मत बनाने में आसानी होगी और समय भी कम लगेगा।

 दूसरा बिन्‍दु सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ targeted beneficiaries को मिले, इसके लिए ‘आधार’ के उपयोग के संबंध में है। जैसा कि आप जानते ही हैं कि direct benefit transfer में delivery of subsidy/benefits के ‘आधार’ से लिंक होने के कारण कुल 1.2 लाख करोड़ रूपये के fund disbursement में 36,500 करोड़ रूपये की savings हुई है।

Learning outcome को फोकस करते हुए quality of education को improve करना, हमारे discussion का तीसरा बिन्‍दु है। और अन्‍त में, Internal security with focus on intelligence sharing & co-ordination for combating Terrorism/insurgency and Police Reforms & Police Modernization.

हमारा यह मानना है कि केन्‍द्र और राज्‍य सरकारों के सहयोग से ही देश का विकास सम्‍भव है। इसके लिए, जैसाकि हमारे प्रधान मंत्रीजी कहते हैं, हमें Team India के रूप में साथ मिलकर काम करना होगा। हमारे संविधान निर्माताओं ने भारतीय संविधान में ऐसे provisions किये हैं कि राज्‍य और केन्‍द्र साथ-साथ चलते हुए एक-दूसरे की ताकत बनते हुए आगे बढ़े। परन्‍तु, यह तभी संभव है, केन्‍द्र सरकार और आपके नेतृत्‍व में राज्‍य सरकारें, Team India बनकर, बेहतर समन्‍वय व सहयोग के साथ प्रगति की दिशा में आगे बढ़ते रहें।

 आज देश में जो वातावरण है, उसमें यह आवश्‍यक है कि हम सभी का focus development और good governance  के साथ-साथ job creation पर भी हो। मुझे पूरा विश्‍वास है कि Team India की इस भावना से सभी राज्‍य केन्‍द्र सरकार के साथ सहयोग करते हुए आगे बढ़ेंगे।

मैं आप सभी लोगों से निवेदन करूंगा कि आप अपने विचार, Agenda Points पर ही केन्द्रित करें, जिससे    Inter-State Council के सभी सदस्‍यों को अपनी बात रखने का मौका मिल सके। आपके विचार, हमें सही निर्णय तक पहुँचने में सहयोग प्रदान करेंगे।

इसी विश्‍वास के साथ आप सभी लोगों का धन्‍यवाद।

जय हिन्‍द!