लोकसभा में आज आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 संशोधन विधेयक और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के वक्तव्य के संबंध में गृह मंत्री के बयान 02-मार्च, 2015 .

लोकसभा में आज आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 संशोधन विधेयक और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के वक्तव्य के संबंध में गृह मंत्री के बयान

लोकसभा में आज आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 संशोधन विधेयक के संबंध में गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह द्वारा सदन में दिए गए बयान के अंश

आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 संशोधन विधेयक पेश करने को लेकर जो सवाल खड़े किए हैं उस संबंध में मुझे यह कहना है कि मैं यह दावा नहीं करना चाहता हूं कि यह बिल एक कंप्रिहेन्सिव बिल है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के विभाजन को लेकर कई ऐसे मुद्दे हैं, जिनका समाधान किए जाने की आवश्यकता है। एक पहल हम लोगों ने इस बिल के माध्यम से की है। अन्य भी बहुत सारे मुद्दे हैं, उनसे संबंधित बिल आगे लायेंगे और यह प्रक्रिया आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच जो विभाजन हुआ और इसे लेकर जो भी विषमताएं और जो भी विवाद पैदा हुई है, उनका हम लोग समाधान करेंगे।

लोकसभा में आज जम्मू-कश्मीर के मुख्य मंत्री के वक्तव्य के संबंध में गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह द्वारा सदन में दिए गए बयान के अंश

जम्मू-कश्मीर के नवनियुक्त मुख्य मंत्री जनाब मुफ्ती मोहम्मद सईद द्वारा शपथ लेने के बाद जो बयान जारी किया गया था, उसके संबंध में माननीय सदस्य ने सवाल खड़े किए हैं। मैं दो टूक शब्दों में और स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हमारी सरकार और हमारा दल, उनके इस बयान से पूरी तरह से डिसोसिएट करते हैं, हम स्वयं को उस बयान से अलग करते हैं। यह मैं दो टूक शब्दों में कहना चाहता हूं।

प्रधानमंत्री जी से हमारी बात हुई है, प्रधानमंत्री जी से बात होने के बाद ही मैं इस सदन में वक्तव्य दे रहा हूं। इसीलिए मैं समझता हूं कि हमारे वक्तव्य को ले कर किसी भी प्रकार का विवाद अथवा कोई शंका किसी के मन में नहीं होना चाहिए। जो मैं कह रहा हूं, वह सोच समझ कर कह रहा हूं और अपने प्रधानमंत्री जी की सहमति के आधार पर कह रहा हूँ।

जम्मू और कश्मीर में विधानसभा का चुनाव हुआ है वह बहुत ही शांतिपूर्ण माहौल में हुआ है, इसके लिए मैं जम्मू-कश्मीर की जनता को बधाई देना चाहता हूं। जो यह शांतिपूर्ण माहौल रहा चाहे वो जम्मू में रहा हो, चाहे वो कश्मीर में रहा हो, यह जो माहौल बना है उसका श्रेय यदि मैं किसी को देना चाहता हूं तो मैं निर्वाचन आयोग देना चाहता हूं। उसका श्रेय यदि मैं देना चाहता हूँ तो अपनी सेना के जवानों को देना चाहता हूँ, उसका श्रेय यदि मैं देना चाहता हूं तो अपने अर्धसैनिक बलों को देना चाहता हूं, उसका श्रेय यदि मैं देना चाहता हूं तो जम्मू-कश्मीर की जनता को देना चाहता हूं।

बहुत ही शांतिपूर्ण और स्वस्थ माहौल में वहां का चुनाव संपन्न हुआ है और मैं समझता हूं कि लोकसभा में मतदान से भी अधिक मतदान इस बार जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में रहा है। इसके लिए जम्मू-कश्मीर के जनता बधाई की पात्र है।

मैं समझता हूं कि विशेष रूप से आज जो मुद्दा सदन में उठाया गया है इस मुद्दे के संबंध में मैं विश्वास के साथ और प्रधानमंत्री जी के साथ हुई बातचीत के आधार पर जो हमारी जानकारी है उसके बाद मैं कह रहा हूं कि इस संबंध में उनकी जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के साथ कोई बातचीत नहीं हुई थी इसलिए मैं समझता हूं कि स्वयं प्रधानमंत्री जी का सदन में आकर बयान देने का कोई प्रश्न नहीं है।