भारत का सुशासन के लिए दक्षेस केन्द्र स्थापित करने का प्रस्ताव (19-सितम्बर, 2014 )

भारत का सुशासन के लिए दक्षेस केन्द्र स्थापित करने का प्रस्ताव

केन्द्रीय गृह मंत्री ने दक्षेस देशों के गृह मंत्रियों की छठी बैठक में भाग लिया

केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज काठमांडू, नेपाल में आयोजित दक्षेस देशों के गृह मंत्रियों की छठी बैठक में भाग लिया। सभी दक्षेस सदस्य देशों-अफगानिस्तान, बंगलादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के गृह मंत्री भी इस बैठक में शामिल हुए।

बैठक के दौरान श्री राजनाथ सिंह ने स्थिर, शांतिपूर्ण और समृद्ध दक्षिणी एशियाई पड़ोस के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार की दक्षेस देशों के साथ भारत के संबंधों को सुधारने के लिए प्रमुखता देने की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया।

उन्होंने इस क्षेत्र के लिए आतंकवाद को प्रमुख चिंता का एक मुद्दा बताया और इसके लिए आंतरिक, क्षेत्रीय के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय कारकों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि उग्र और कट्टरपंथी विचार धाराओं वाले समूह अस्थिर सुरक्षा वातावरण में अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के पार खतरा पैदा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अफगानिस्तान से विदेशी सेनाओं की वापसी के प्रभाव का सावधानी से मूल्यांकन कर रहा है। उन्होंने इस क्षेत्र में उग्रवाद, आंतकवाद और हिंसा के बढ़ते खतरों पर भी चिंता व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार नवंबर, 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के दौरान लोगों के मारे जाने जैसे गंभीर आतंकवादी हमलों के शिकार व्यक्तियों के परिवारों को न्याय दिलाने के लिए वचनबद्ध है।

श्री राजनाथ सिंह ने विशेष रूप से पंजाब में, नशीली दवाओं की तस्करी, मनीलांडरिंग, आतंकवादियों को धन उपलब्ध कराने, साइबर अपराध, मानव तस्करी और राष्ट्रीय सीमाओं के पार हथियारों की अवैध आवाजाही जैसी भारत के सामने आ रही समस्याओं का उल्लेख किया है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद, नशीली दवाओं के दुरुपयोग और तस्करी के खतरे से तभी बेहतर रूप से लड़ा जा सकता है, अगर हम संचालन स्तर पर अपने अनुभवों को साझा करें। उन्होंने सुशासन के लिए दक्षेस केन्द्र की स्थापना का प्रस्ताव किया, जहां सभी सदस्य देशों के अधिकारी एक साथ बैठक कर सुशासन पर अपने अनुभवों का आदान-प्रदान कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि दक्षेस देशों की आवधिक बैठकों से भारत को इस क्षेत्र में विशेष रूप से आतंकवाद और संगठित अपराध के खिलाफ सार्थक और महत्वपूर्ण सहयोग पर समय रहते जोर देने का अवसर उपलब्ध होता है।

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