केंद्र सरकार ने बाढ़ प्रभावित जम्मू कश्मीर में व्यापक सहायता प्रदान की। राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति द्वारा राहत कार्यों में नियमित समन्वय

केंद्र सरकार बाढ़ प्रभावित जम्मू कश्मीर राज्य में व्यापक राहत प्रदान कर रही है और बचाव कार्यों में समय पर समन्वय कर रही है। केबिनेट सचिव श्री अजित सेठ की अध्यक्षता में आज यहां राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति  (एनसीएमसी) की बैठक हुई, जिसमें पिछले दो हफ्तों में किए गए कार्यों की समीक्षा की गई और बाढ़ प्रभावित राज्य में रोजमर्रा की स्थिति का जायजा लिया गया। राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा करते हुए  केबिनेट सचिव ने सम्बद्ध केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों को निर्देश दिए कि वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराएं। अभी तक की स्थिति इस प्रकार हैः

 

  • बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दूरसंचार और सड़क सम्पर्क, ईंधन और बिजली की आपूर्ति ज्यादातर बहाल कर दी गई है।
  • बैंकिंग क्षेत्र में राज्य में सरकारी बैंकों की कुल 441 शाखाओं में से 352 में कामकाज शुरू हो गया है और 1956 एटीएम मशीनों में से 1190 काम करने लगी हैं।
  • विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जम्मू कश्मीर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 2,78,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इनमें से दो लाख लोगों को रक्षा सेनाओं ने और करीब 52,000 लोगों को एनडीआरएफ ने और 27,000 लोगों के सीआरपीएफ ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
  • राज्य में विभिन्न गंतव्य स्थलों पर फंसे हुए करीब 80,000 यात्रियों को भारतीय वायुसेना सहित विभिन्न विमान एजेंसियों द्वारा सुरक्षित निकाला गया है।
  • लगभग 400 ट्रक/ट्रिपर राहत सामग्री विभिन्न प्रभावित क्षेत्रों में भेजी गई है जिसमें खाने के पैकेट, शिशु आहार, पानी और दवाएं शामिल हैं। विभिन्न स्थानों पर राहत शिविर लगाए गए हैं और भोजन और शेल्टर की व्यवस्था की गई है।
  • करीब 2000 टेंट और 80,000 कम्बल विभिन्न एजेंसियों द्वारा प्रदान किए गए हैं। राज्य के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए करीब 400 टन चावल और 68 टन मिल्क पाउडर भेजा गया है।
  • सेना ने प्रभावित क्षेत्रों में एक बेस हास्पीटल और चार फील्ड अस्पतालों के अतिरिक्त 106 मेडिकल सहायता टीमें तैनात की हैं।
  • स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने एंटीबायोटिक गोलियां, ओआरएस पैकेटों और अन्य जीवन रक्षक दवाएं काफी मात्रा में श्रीनगर भेजी हैं।
  • केंद्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य टीमें 8 सितम्बर से जम्मू और कश्मीर में तैनात हैं ताकि स्वास्थ्य की स्थिति का तेजी से मूल्यांकन किया जा सके और किसी आकस्मिक स्थिति पर नियंत्रण किया जा सके। 29 चिकित्कों का एक दल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया गया है जिनमें विभिन्न चिकित्सा विशेषज्ञ शामिल हैं।

 

 

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