Shri Rajnath Singh to give away Raksha Mantri Excellence Awards for employees of Defence Accounts Department on its annual day tomorrow

श्री राजनाथ सिंह ने रक्षा लेखा विभाग के कर्मचारियों को वार्षिक दिवस के उपलक्ष पर रक्षा मंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किए

भारत सरकार के अंतर्गत आने वाले सबसे पुराने विभागों में से एक रक्षा लेखा विभाग कल अपना वार्षिक दिवस मनाने जा रहा है। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह इस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे जो दिल्ली कैंट के मानेकशॉ केंद्र में आयोजित किया जाएगा। रक्षा राज्यमंत्री श्री श्रीपद नाईक इस अवसर पर सम्मानित अतिथि होंगे। इसके अलावा रक्षा बलों और प्रशासन दोनों के वरिष्ठ अधिकारियों के इस समारोह में हिस्सा लेने की उम्मीद है। अनुकरणीय प्रदर्शन मानक दिखाने वाले संबंधित विभाग के कर्मचारियों को भी इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्रालय उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।

रक्षा लेखा विभाग प्रति वर्ष 1 अक्टूबर को अपना वार्षिक दिवस मनाता है ताकि अपने समृद्ध इतिहास को चिन्हित कर सके और भारत सरकार व रक्षा बलों की सेवा में ख़ुद को प्रतिबद्ध कर सके। इसकी उत्पत्ति की शुरुआत वर्ष 1750 में ढूंढ़ी जा सकती है जब कोलकाता के फोर्ट विलियम्स में किले की सेना के लिए पहला सैन्य वेतन मास्टर नियुक्त किया गया था।

रक्षा लेखा विभाग दरअसल सेना, नौसेना, वायु सेना और रक्षा से संबंधित अन्य संगठनों जैसे डीआरडीओ, आयुध कारखानों, सीमा सड़कों, तटरक्षक व कैंटीन स्टोर विभाग और मंत्रालय के तहत अन्य विभागों के लिए वित्तीय सलाह, भुगतानों, लेखा और आंतरिक लेखा परीक्षा आदि की जिम्मेदारी रखता है। 250 स्थानों पर अपने 1,100 से अधिक कार्यालयों के माध्यम से इस विभाग की उपस्थिति पूरे देश भर में है।

यह विभाग 14 लाख से अधिक रक्षा बलों और 3.5 लाख रक्षा नागरिकों को वेतन और भत्तों के भुगतान के लिए जिम्मेदार है। यह लगभग 32 लाख रक्षा पेंशनरों के पेंशन खातों और 16 लाख ग्राहकों के भविष्य निधि खातों का रख-रखाव भी करता है। रक्षा लेखा विभाग 24 लाख व्यक्तिगत दावों, 18 लाख तीसरे पक्ष के दावों और 3.1 लाख वित्तीय सलाह के मामलों की भी प्रक्रिया करता है। यह विभाग चार लाख करोड़ का रक्षा बजट सालाना संभालता है जिसमें एमओडी (सिविल) और पेंशन बजट शामिल हैं।

इस विभाग ने फील्ड फॉर्मेशन में भी एकीकृत वित्तीय सलाहकारों की भूमिका को लगातार विस्तार देते हुए वित्तीय निर्णय लेने की प्रक्रिया में भी अपनी हिस्सेदारी को बढ़ाया है।