रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने गोवा के समुद्र में आईएनएस विक्रमादित्य पर ‘डे एट सी’ के दौरान पश्चिमी जहाजी बेड़े के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय नौसेना सभी तरह के खतरों से निपटने और देश की सुरक्षा के लिए तैयार है। पश्चिमी जहाजी बेड़े के शौर्य और उसकी मारक क्षमता का प्रत्यक्ष अनुभव करने के बाद उन्होंने कहा कि वे भारतीय नौसेना के जांबाज नाविकों की तैयारी, प्रतिबद्धता और उत्साह से काफी प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि वे आश्वस्त है कि देश की सुरक्षा की बागडोर सही हाथों में हैं।
देश की सुरक्षा के लिए समुद्र में ताकत बढ़ाने पर जोर देते हुए श्री राजनाथ सिंह ने समुद्र में भारतीय क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नौसेना के बहुपक्षीय तैयारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि हिंद महासागर के नाजुक क्षेत्रों में नौसेना के मिशन आधारित तैनाती से क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा वातावरण मजबूत हुआ है।
रक्षा मंत्री ने पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में बालाकोट के आतंकी शिविरों पर जवाबी कार्रवाई के बाद हाल ही में उत्तरी अरब सागर की सामरिक जगहों पर तैनात पश्चिमी जहाजी बेड़े की सराहना की। उन्होंने कहा कि पश्चिमी जहाजी बेड़े की तैनाती से यह सुनिश्चित हुआ है कि समुद्र में वे कोई गलत गतिविधियां नहीं कर सकते। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय नौसेना की भूमिका परमाणु हमले से बचाव में अहम हो सकती है। उन्होंने समुद्र में तैनाती को कूटनीति का महत्वपूर्ण साधन बताया जिससे मित्र राष्ट्रों को जोड़े रखने में मदद मिलेगी।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नौसेना को मजबूत और आधुनिक बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता अटल सरकार के समय में दिखी जब नौसेना की समुद्र में क्षमता बढ़ाने के लिए युद्धपोतों के निर्माण की राशि बढ़ाने पर ठोस नीति का फैसला लिया गया। इस दिशा में सरकार द्वारा लागू किए गए उपायों की चर्चा करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत आधुनिक संसाधनों के नौसेना में शामिल करने से भारतीय नौसेना विश्व की नौसेनाओं में अत्यधिक उन्नत मानी जाती है। उन्होंने कहा कि हमारे स्वदेश निर्मित विध्वंसक, युद्धपोत, पनडुब्बियां, गश्ती जहाज और हमले की क्षमता देश की औद्योगिक ताकत का प्रमाण हैं तथा घरेलू प्रौद्योगिकियों और उद्योगों को सशक्त बनाने की दिशा में नौसेना की भूमिका उल्लेखनीय है।
स्कॉर्पीन श्रेणी की दूसरी स्वदेश निर्मित पनडुब्बी आईएनएस खंडेरी को नौसेना में शामिल करने, स्वदेशी परियोजना 17 ए की पहली युद्धपोत ‘नीलगिरि’ को लॉन्च करने और नौसेना डॉकयार्ड में विमानवाहक जहाज पर रक्षा मंत्री ने कहा कि यह एक भारत की आत्मनिर्भरता का एक संकेत है और हमारी समुद्री ताकत में विश्वास बढ़ाता है जो देश के उज्ज्वल भविष्य का भी संकेत है।
रक्षा मंत्री सुबह योग के दौरान जहाज के चालक दल में शामिल हो गए और विमान वाहक के चारों ओर टहलने लगे। उन्हें भारतीय नौसेना की पहुँच के बारे में भी बताया गया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ नौसेना अध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वेस्टर्न नेवल कमांड वाइस एडमिरल अजीत कुमार और रियर एडमिरल जसजीत सिंह, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग वेस्टर्न भी मौजूद थे।