रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर में दखल करने का कोई अधिकार नहीं है, उसे पाक अधिकृत कश्मीर में मानवाधिकार हनन पर ध्यान देना चाहिए’

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा मंत्री डा. मार्क टी. एस्पर से टेलीफोन पर बात की

दोनों नेताओं ने रक्षा संबंधों में प्रगति पर प्रसन्नता जाहिर की तथा संबंधों को और मजबूती देने का प्रण लिया

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा मंत्री डा. मार्क टी. एस्पर के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। रक्षा मंत्री ने डा. एस्पर को अमेरिकी रक्षा मंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति पर बधाई दी।

दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग में हुई उल्लेखनीय प्रगति पर प्रसन्नता जाहिर की और आगे संबंधों को मजबूत एवं प्रगाढ़ बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों ने सैन्य सहयोग, रक्षा नीति, अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) सहयोग, रक्षा व्यापार, तकनीक एवं औद्योगिक सहयोग से संबंधित मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने इस साल होने वाले तीनों सेनाओं के पहले संयुक्त अभ्यास और लेमोआ एवं कॉमकासा जैसे समझौतों के संचालन के लिए उठाए गए कदमों पर संतोष जाहिर किया।

रक्षा मंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत अमेरिकी कंपनियों को भारत के रक्षा उत्पादन क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।

श्री राजनाथ सिंह ने भारत को प्रभावित कर रहे सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा उठाया और क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता बनाए रखने के भारत के प्रयास के लिए अमेरिका के समर्थन की सराहना की। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 से संबंधित मुद्दा भारत का आंतरिक मामला है, जिसका उद्देश्य विकास एवं आर्थिक वृद्धि में सुधार,  लोकतंत्र और जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए समृद्धि लाना है।

अमेरिकी रक्षा मंत्री ने भारत के इस रुख को सराहा कि जम्मू-कश्मीर का हालिया घटनाक्रम भारत का आंतरिक मामला है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी मुद्दे को द्विपक्षीय रूप से हल किया जाएगा।

दोनों मंत्रियों को इस वर्ष अमेरिका में होने वाली 2+2 वार्ता का इंतजार है।