रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने स्वदेश निर्मित पनडुब्बी आईएनएस खंडेरी को नौसेना में कमीशन प्रदान किया

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने स्वदेश निर्मित पनडुब्बी आईएनएस खंडेरी को नौसेना में कमीशन प्रदान किया

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुम्बई में स्वदेश निर्मित पनडुब्बी आईएनएस खंडेरी को नौसेना में कमीशन किये जाने के अवसर पर आयोजित समारोह में कहा कि सरकार सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं के प्रति जागरूक है एवं इस पर वांछित ध्यान देने तथा इनके आधुनिकीकरण के लिये वित्तीय सहायता मुहैया कराने के प्रति प्रतिबद्ध है। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अत्याधुनिक हथियारों,  सेंसर्स एवं प्लेटफॉर्म्स के समयबद्ध अधिग्रहण पर वांछित ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के हित में निर्णय लेने के लिये सरकार ने सशस्त्र बलों को और स्वतंत्रता एवं समर्थन प्रदान किया। उन्होंने कहा कि “हमारी रक्षा तैयारी में दूरगामी परिवर्तन लाने के लिये हम प्रतिबद्ध हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा कि “आप एक आत्मविश्वास से भरपूर नौसेना नहीं बना सकते, ऐसी नौसेना सदैव एक आत्मविश्वास वाली सरकार द्वारा ही निर्मित होती है।” उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना के पास वह विश्वास है जो हिन्द महासागर क्षेत्र में किसी देश के पास नहीं है।

श्री राजनाथ सिंह ने न सिर्फ सुरक्षा बलों बल्कि देश के हर नागरिक से जागरूक रहने और भविष्य में आने वाली किसी भी चुनौती के लिये एकजुट रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि “हमें सीमापार के सरकारी और ग़ैर-सरकारी तत्वों के प्रति सावधान और सुरक्षित रहना होगा।”

किसी देश की विकास यात्रा में समुद्र की महत्ता को रेखांकित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि समुद्र अवसरों का द्वार होने के साथ-साथ, यदि सामुद्रिक बल सावधान न हों, तो गंभीर ख़तरा भी ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि हिन्द महासागर क्षेत्र में मौजूद अंतिम व्यक्ति भारतीय नौसेना का होना चाहिए। रक्षा मंत्री ने कहा कि “हमें हिन्द महासागर क्षेत्र में शांति और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र के समुद्री गलियारों की सुरक्षा करनी होगी। हमें हिन्द महासागर की फिक्र है और यदि किसी ने शांति भंग करने की कोशिश की, तो हम कठोर कार्रवाई करेंगे।”

श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 1971 के युद्ध में निभाई गई विशिष्ट भूमिका को देश कभी नहीं भूल सकता है, जब ऑपेरशन पाइथन और ऑपेरशन ट्राइडेंट ने पाकिस्तानी नौसेना की कमर तोड़ दी थी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को आज समझना चाहिए कि सरकार की सुदृढ़ इच्छाशक्ति एवं आईएनएस खंडेरी जैसे शस्त्र जुड़ने से नौसैनिक क्षमता में हुई बढ़ोतरी के बाद भारत उसको और पहले से अधिक बड़ा झटका दे सकने में सक्षम है।

श्री राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में सरकार के प्रगतिशील कदमों को वैश्विक समर्थन मिल रहा है, जबकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बग़ैर सफलता के दर-दर भटक रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी की हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत सरकार की क्षमता को स्वीकार किया एवं उनका विचार था कि श्री मोदी पाकिस्तान आधारित आतंकवाद का सामना करने में सक्षम हैं।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आश्वस्त किया कि भारतीय नौसेना किसी भी शांतिप्रिय देश के लिये ख़तरा नहीं बनेगी लेकिन हिन्द महासागर क्षेत्र के सभी बड़े और छोटे देशों के साथ विश्वासपूर्ण एहसास एवं पारस्परिक भरोसे का निर्माण करेगी।

श्री राजनाथ सिंह ने “सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फ़ॉर ऑल इन द रीजन (सागर)” को चिह्नांकित किया, उन्होंने कहा कि व्यापक हिन्द महासागर क्षेत्र में भारत के सहयोगात्मक रवैये के अनुरूप प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इसको व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि, “हम अपने पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण तथा पारस्परिक रूप से लाभकारी सह-अस्तित्व में विश्वास करते हैं। रक्षा मंत्री ने साथ में कहा कि सुरक्षित समुद्री गलियारे व्यापार पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

आईएनएस खंडेरी को एक शक्तिशाली लड़ाका बताते हुए श्री राजनाथ सिंह ने नौसेना तथा इसकी पश्चिमी कमान को इसके प्रवेशण तथा नौसेना में शामिल किये जाने से पहले इसकी परिचालन संबंधी तैयारी का उच्च स्तर प्राप्त करने के लिये बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत का अपनी पनडुब्बी स्वयं बनाने में सक्षम होना बड़े गर्व की बात है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि पनडुब्डियों का निर्माण न सिर्फ उद्योग को लाभ पहुंचाता है, वरन सख़्त गुणवत्ता नियंत्रण एवं जटिल इंजीनियरिंग के विकास में भी मदद करता है। उन्होंने आगे कहा कि, “यह ‘मेक इन इण्डिया’ में महत्वपूर्ण योगदान देते हुए देश की अर्थव्यवस्था में पुनर्निवेश होने के कारण लाभकारी है।”

श्री राजनाथ सिंह ने आईएनएस खंडेरी को नौसेना में शामिल किये जाने को सरकार की मंशा और इच्छाशक्ति दर्शाने वाला एक और महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक कदम बताया।

श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, “खंडेरी नाम समुद्र के अधोभाग के निकट तैरते हुए शिकार करने के लिये जानी जाने वाली घातक ‘सोर्ड टूथ मछली’ से प्रेरित है। खंडेरी महान मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा बनवाए गए द्वीपीय किले का भी नाम है। वह महान पराक्रम, साहस एवं इच्छाशक्ति वाले व्यक्ति थे। वह मध्यकालीन युग के उन भारतीय शासकों में प्रथम थे जिन्होंने नौसेना की महत्ता को पहचाना। आईएनएस खंडेरी को नौसेना में शामिल किये जाने से समुद्र में वही तीखापन व पराक्रम आएगा।”

आईएनएस खंडेरी भारतीय नौसेना की कलवरी क्लास की डीज़ल इलेक्ट्रिक अटैक पनडुब्बियों में दूसरी पनडुब्बी है। यह भारत में फ्रांसीसी स्कोर्पीन डिज़ाइन से निर्मित की गई है एवं प्रोजेक्ट-75 की दूसरी पनडुब्बी है। मझगाँव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा स्वदेश में निर्मित आईएनएस खंडेरी नौसेना के पारंपरिक शस्त्रागार में घातक पनडुब्बी है और पानी की सतह के इर्द-गिर्द ख़ामोश एवं गुप्त ऑपेरशनों को अंजाम देने के लिये डिज़ाइन की गई है।

आईएनएस खंडेरी आईएनएस कलवरी, जो कि फ़्रांसीसी मूल की भारत में निर्मित की जा रही स्कोर्पीन क्लास की पहली पनडुब्बी थी, के बाद इस श्रेणी में जुड़ी है।

2017 में पहली बार समुद्र में जलावतरण के बाद उसकी लड़ने की क्षमता को मान्यता देने के लिये खंडेरी के विस्तृत समुद्री परीक्षण, टॉरपीडो और मिसाइल फायरिंग आदि हुए हैं। 19 सितंबर 2019 को परीक्षण पूरे होने के बाद उसको भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया। 67.5 मीटर लंबी और 12.3 मीटर ऊंची खंडेरी में पानी के भीतर गुप्त, मौन ऑपेरशन को अंजाम देने के लिये अत्याधुनिक तकनीक है एवं यह अनेक प्रकार के टॉरपीडो, मिसाइल तथा सेंसर्स से लैस है जो शत्रु के लक्ष्यों को खोजने, उनकी पहचान करने एवं नष्ट करने में इसकी सहायता करते हैं।

भारतीय नौसेना में पहली पनडुब्बी 6 दिसंबर 1968 को कमीशन की गई थी एवं राष्ट्र की 20 वर्षों सेवा करने के बाद 18 अक्टूबर 1989 को सेवानिवृत्त कर दी गई थी।