रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद को राज्य की नीति के रूप में अपनाने वाले देशों को अलग-थलग करने का आह्वान किया

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद को राज्य की नीति के रूप में अपनाने वाले देशों को अलग-थलग करने का आह्वान किया

  • उज्बेकिस्तान के सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और क्षमता निर्माण में पूरी सहायता देने का आश्वासन दिया

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज उज्बेकिस्तान के ताशकंद में उज्बेकिस्तान के रक्षा मंत्री मेजर जनरल बाखोदीर निजामोविच कूर्बानोव की उपस्थिति में भारत और उज्बेकिस्तान के बीच अब तक के सबसे पहले संयुक्त अभ्यास – “दस्तलीक 2019” को संबोधित करते हुए उन सभी देशों को अलग-थलग करने का आह्वान किया, जो अपने देश की नीति के रूप में आतंकवाद को अपनाते हैं और अनेक प्रकार से दुनिया को प्रभावित करते हैं।

 श्री राजनाथ सिंह ने कहा, “आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है।  ऐसे कई उदाहरण हैं, जब देशों ने अपने देश की नीति के रूप में आतंकवाद को अपनाया है। ऐसे देशों की निंदा करना और उन्हें अलग-थलग करना समय की मांग है।”

  “दस्तलीक 2019” को भारत और उज्बेकिस्तान के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग का उदाहरण बताते हुए, रक्षा मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि जरूरत के समय दोनों देशों की सेनाएं कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहेंगी।

 श्री राजनाथ सिंह ने दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने उज्बेकिस्तान सरकार को आश्वासन दिया कि भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से  उज्बेकिस्तान के सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और क्षमता निर्माण में सभी संभव सहायता दी जायेगी।

 श्री राजनाथ सिंह ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि “दस्तलीक 2019” को अच्छी सफलता मिलेगी और दोनों देशों की सेनाएं अभ्यास के दौरान सर्वश्रेष्ठ पेशेवरवाद को प्रदर्शित करेंगी।  उन्होंने 2020 में उज्बेकिस्तान के सशस्त्र बलों को संयुक्त अभ्यास के लिए भारत आने का न्यौता दिया।

 ताशकंद के निकट किर्किक प्रशिक्षण क्षेत्र में 4 – 13 नवंबर, 2019 के बीच “दस्तलीक 2019” का आयोजन किया जायेगा।