रक्षा मंत्री ने सशस्‍त्र सेना झंडा दिवस निधि में उदारतापूर्वक योगदान देने का आह्वान किया

रक्षा मंत्री ने सशस्‍त्र सेना झंडा दिवस निधि में उदारतापूर्वक योगदान देने का आह्वान किया

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने राष्‍ट्र की नि:स्‍वार्थ भाव से सेवा करने वाले भूतपूर्व सैनिकों के कल्‍याण के लिए सशस्‍त्र सेना झंडा दिवस (एएफएफडी) में उदारतापूर्वक योगदान देने के लिए देशवासियों से अपील की है। आज नई दिल्‍ली में एएफएफडी नैगमिक सामाजिक दायित्‍व (सीएसआर) सम्‍मेलन 2019 को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने भूतपूर्व सैनिकों, दिव्‍यांग सैनिकों और देश की सुरक्षा में अपने जीवन का बलिदान करने वाले सैनिकों के परिवारों का कल्‍याण सुनिश्चित करने के लिए लोगों से अपना दायित्‍व निभाने के लिए कहा।

रक्षा मंत्री ने उस समय के अनुभव का उल्‍लेख किया जब वे गृह मंत्री थे तो उस दौरान भारत के वीर अभियान चलाया गया था। उन्‍होंने विश्‍वास जाहिर किया कि जब बात राष्‍ट्र के आत्‍म-सम्‍मान की होती है तो लोग उदारता से दान करते हैं। एएफएफडी निधि और भारत के वीर निधि में कोई अंतर नहीं है। ये दोनों निधियां शहीद हुए केन्‍द्रीय सशस्‍त्र पुलिस बल के जवानों के परिवारों की सहायता के लिए नैगमिक क्षेत्र की मदद से स्‍थापित की गई हैं। उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा कि जब मैंने गृह मंत्रालय छोड़ा तो मैं बहुत संतुष्‍ट था क्‍योंकि भारत के वीर निधि में 300 करोड़ रुपये की राशि थी। उन्‍होंने सभी लोगों से जवानों के परिवारों की मदद के उसी तंत्र के साथ सामने आने और इसके साथ-साथ एएफएफडी निधि में योगदान करने का अनुरोध किया।

रक्षा मंत्री ने इसे बुजुर्गों और शहीद जवानों के आश्रितों को समग्र सहायता उपलब्‍ध कराने के लिए उद्योग दिग्‍गजों सहित देश के नागरिकों की ओर से उत्तरदायित्‍व और गर्व की भावना बताया। उन्‍होंने कहा कि कठिन समय में इन परिवारों के साथ खड़ा होना एक बहुत बड़ा नैतिक गुण है। श्री राजनाथ सिंह ने स्‍वतंत्रता आंदोलन के दौरान असफाकुल्‍लाह खान और चन्‍द्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों द्वारा दिए गए महान बलिदानों का स्‍मरण किया। उन्‍होंने शॉर्ट सर्विस कमीशन के माध्‍यम से सेना में शामिल होने के अपने प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्‍हें पारिवारिक कारणों से इसमें सफलता नहीं मिली। उन्‍होंने कहा कि जो कोई सशस्‍त्र बलों में शामिल होता है तो उसके लिए यह केवल एक कैरियर ही नहीं, बल्कि देश की सेवा करना और जरूरत पड़ने पर बलिदान देना भी इसमें शामिल है।

सीएसआर सम्‍मेलन भूतपूर्व सैनिक कल्‍याण विभाग, रक्षा मंत्रालय की एक विशिष्‍ट पहल है जिसका उद्देश्‍य भूतपूर्व सैनिकों द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों और इन सैनिकों के पुनर्वास में कॉरपोरेट सेक्‍टर द्वारा निभाये जाने वाले महत्‍वपूर्ण योगदान के बारे में जागरूकता पैदा करना है। यह सम्‍मेलन अपने किस्‍म का पहला आयोजन था जिसमें कॉरपोरेट सीएसआर प्रमुखों को आमंत्रित किया गया था। रक्षा मंत्री ने उन 13 कॉरपोरेट्स प्रति‍निधियों को सम्‍मानित किया जिन्‍होंने एएफएफडी निधि में उदारतापूर्वक बड़ा योगदान दिया था। कुछ प्रतिभागियों ने भूतपूर्व सैनिकों के कल्‍याण के लिए मौके पर ही योदागन दिया।

केन्‍द्रीय सैनिक बोर्ड के सचिव ब्रिगेडि‍यर मृगेन्‍द्र कुमार ने एएफएफडी निधि संग्रह, वर्षों में इसकी उपयोगिता और भूतपूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के कल्‍याण में योगदान के लंबे समय में निजी क्षेत्र की सहायता के बारे में एक प्रस्‍तुति दी। सचिव (भूतपूर्व सैनिक कल्‍याण) श्रीमती संजीवनी कुट्टी ने भी उपस्थित जनों को संबोधित किया।