सीमावर्ती इलाकों में सड़क और पुल सम्पर्क में भारी सुधारों की शुरूआत करते हुए, रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में एक किलोमीटर लम्बे ऊझ पुल और साम्बा जिले में 617.40 मीटर लम्बे बसंतर पुल का उद्घाटन किया और इन्हें राष्ट्र को समर्पित किया।
ऊझ और बसंतर पुलों के निर्माण को बीआरओ की एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए, रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सड़क और पुल किसी भी देश की जीवन रेखा हैं और सुदूरवर्ती क्षेत्रों में लोगों के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। रक्षा मंत्री ने अपने परिवारों से दूर रहकर प्रतिकूल और कठिन इलाकों में कार्य करने के लिए बीआरओ जवानों की सराहना की। उन्होंने कहा कि बीआरओ रक्षा बलों की रणनीतिक आवश्यकताओं को पूरा कर सीमावर्ती इलाकों में सड़कों और पुलों के निर्माण और उनके रखरखाव के जरिये सराहनीय सेवाएं प्रदान कर रही है। जम्मू कश्मीर में सम्पर्कों को विकसित करने की केन्द्र सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नियमित रूप से इन परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी करते हैं और तदनुसार धनराशि उपलब्ध कराई जाती है।
बीआरओ द्वारा निर्मित एक किलोमीटर लम्बा ऊझ पुल सबसे लम्बा पुल है। इसे करीब 50 करोड़ रुपये की लागत से निर्धारित समय पर तैयार किया गया है। यह पुल परोले – कोरपन्नू – राजपुरा रोड पर ऊझ नाले पर स्थित है। बसंतर पुल करीब 41.7 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया गया है। यह पुल राजपुरा – मडवाल – पंगादुर – फुलपुर रोड पर बसंतर नाला दोनों पुलों को परियोजना संपर्क 69 आरसीसी / 13 बीआरटीएफ के अंतर्गत तैयार किया गया है। इन पुलों पर आवाजाही आसान हो जाएगी और सीमावर्ती इलाकों पर सेना की तैनाती के लिए यह महत्वपूर्ण है। दोनों पुल कठुआ और सांबा क्षेत्र के सीमावर्ती गांवों के स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ी राहत है क्योंकि मानसून के दौरान सड़क संपर्क बाधित हो जाता है।
प्रधानमंत्री कार्यालय में परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने भी केन्द्र सरकार के विकास कार्यक्रमों और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जम्मू-कश्मीर में संपर्क को बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला।
सीमा सड़क महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने देश के सुदूरवर्ती इलाकों में बेहद कठिन परिस्थितियों में बीआरओ के योगदान की चर्चा की। परियोजना संपर्क के योगदान की सराहना करते हुए, इस परियोजना से जुड़े सभी कर्मचारियों को बधाई देते हुए उन्होंने रक्षामंत्री, रक्षा राज्यमंत्री, सेनाध्यक्ष और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को उनके सहयोग और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर थल सेनाध्यक्ष जनरल विपिन रावत, 29 इन्फेंट्री डिवीजन के जीओसी मेजरल जनरल वाई.पी.खंडूरी और सेना और नागरिक प्रशासन के अन्य प्रमुख लोग मौजूद थे।