राष्ट्रपति कोविंद सार्वजनिक सेवा को परम धर्म मानते हैं, जिसकी झलक उनके कई भाषणों में दिखती है: राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में आज ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के चुनिंदा भाषणों के संकलन- ‘लोकतन्त्र के स्वर’ और ‘द रिपब्लिकन एथिक’ का लोकार्पण किया। इस अवसर पर केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन, सूचना और प्रसारण और भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर और अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

इस अवसर पर बोलते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद के भाषणों का यह संकलन उनके काम, व्यक्तित्व और मूल्यों की एक व्यापक तस्वीर प्रस्तुत करता है। इन भाषणों में संवेदनशील और आदर्शवादी लोक सेवक की प्राथमिकताएं, नैतिकता पर आधारित जीवन जीने वाले निष्पक्ष व्यक्ति को देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति सार्वजनिक सेवा को परम धर्म मानते हैं, जिसकी झलक उनके कई भाषणों में दिखती है। रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि राष्ट्रपति के संबोधन में भारतीय मूल्यों के महत्व को भी रेखांकित करते हैं जिसका अधिक प्रभाव पड़ता है क्योंकि ये मूल्य उनके निजी जीवन का हिस्सा हैं।

राष्ट्रपति के व्यक्तित्व के बारे में बताते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति के शब्दों और कार्यों के बीच कोई अंतर नहीं है जो महान व्यक्तित्वों का प्रतीक है। बातचीत में वह अक्सर श्रोता पर गहरा प्रभाव छोड़ते हैं। श्री सिंह ने कहा कि उनके भाषण स्वाभाविक रूप से और सरल तरीके से धारा प्रवाह चलते हैं, जो विनम्रता के मुख्य मूल्यों, गरीबों की सेवा, सहानुभूति और सभी जीवों के प्रति दया के मूल मूल्यों को दर्शाते हैं।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भविष्य की भारत की अवधारणा, आशाओं और आकांक्षाओं की झलक के साथ, उन्हें हासिल करने के मार्ग भी इन भाषणों में रेखांकित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे विविध समाज और संस्कृति और हमारे जीवंत लोकतंत्र की सभी आवाजें देश के प्रथम नागरिक के भाषणों के माध्यम से अभिव्यक्ति पाती हैं। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह संग्रह समकालीन भारत को समझने के लिए एक अमूल्य दस्तावेज होगा।

श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति के भाषणों की एक झलक में लड़कियों की शिक्षा, महिलाओं के सशक्तीकरण, कमजोर वर्गों के कल्याण जैसे मुद्दों पर उनकी चिंता को दर्शाता है जो उनके बुलंद मन की तस्वीर प्रस्तुत करता है। रक्षा मंत्री ने कहा कि वह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लंबे समय से जानते हैं और हमेशा उन्हें बड़े दिल और उच्च नैतिक मूल्यों का व्यक्ति पाया है। सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन सहित आगे की स्थानों की यात्रा करने की राष्ट्रपति की इच्छा का उल्लेख करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि यह हमारी सीमाओं पर लड़ रहे सैनिकों की भावनाओं को ऊपर उठाने के प्रति उनके संकल्प को दर्शाता है।

एक ऐसी ही घटना को याद करते हुए जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने पूर्व शिक्षकों के पैर छुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस इशारे ने न केवल उनके गुरुओं के प्रति अपने सम्मान को दिखाया बल्कि छात्रों के लिए एक मिसाल कायम की।

सूचना और प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने राष्ट्रपति के भाषणों पर पुस्तक के ई-संस्करण का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के भाषणों का यह संकलन राष्ट्र के आत्मविश्वास को दर्शाता है। यह पुस्तक उन सभी के लिए संदर्भ मूल्य होगी जो इस समय भारत का अध्ययन करना चाहते हैं और अतिरिक्त तौर पर संस्थानों के पुस्तकालयों के साथ-साथ लोगों के लिए एक मूल्यवान साबित हो सकती है।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री अमित खरे ने रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और सूचना और प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर को इन संस्करणों को लेकर उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही पुस्तक के संकलन और उत्पादन में प्रकाशन विभाग की भूमिका की सराहना की।

इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाणे, एयर स्टाफ के वाइस चीफ एयर मार्शल हरजीत सिंह अरोड़ा, राष्ट्रपति सचिवालय और सूचना और प्रसारण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रकाशन विभाग ने ‘लोकतन्त्र के स्वर’ और ‘द रिपब्लिकन एथिक’ का प्रकाशन किया है, जो भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद के भाषणों का क्रमशः हिंदी और अंग्रेजी में चुनिंदा भाषणों के संग्रह की पुस्तकों की श्रृंखला है। आज जारी तीसरे खंड में राष्ट्रपति के तीसरे वर्ष के दौरान दिए गए उनके 57 चयनित भाषण शामिल हैं।