लखनऊ. गुरुद्वारा ननकाना साहिब मामले (Gurdwara Nankana Sahib) पर हुए हमले को लेकर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने रविवार को लखनऊ (Lucknow) में बड़ा दिया. बीजेपी के जनजागरण में महासंपर्क अभियान का नेतृत्व करने लखनऊ पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह चिंता का विषय है और ऐसे ही हालात के चलते नागरिकता संशोधन अधिनियम लाना पड़ा. मीडिया से बातचीत में रक्षामंत्री ने कहा कि नागरिक संशोधन अधिनियम उनके लिए है जिनका धार्मिक उत्पीड़न हुआ है. उन्होंने कहा कि विपक्ष से ये मेरा सवाल है कि जब पहले इस तरह की व्यवस्था की गई तो अब अवय्वस्था क्यों उत्पन्न की जा रही है.
राजनाथ सिंह ने कहा कि यह पक्की सोच है जो पक्का हिंदुस्तान का है और वो जाति पंथ के आधार पर नहीं होगा. उन्होंने कहा कि इस नागरिकता से किसी पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा. पिछले 6 वर्षों में 3 हजार लोगों को देश की नागरिकता दी गई, जिसमें इस्लाम के मानने वाले भी हैं. उन्होंने कहा कि गुमराह करने का सिलसिला बंद होना चाहिए. भारत की सांस्कृतिक विशेषता है कि सारे देश को अपना मानते हैं. रक्षामंत्री आगे कहते हैं कि यह नागरिकता संशोधन पुस्तक वितरित कर रहे हैं, लोग उसे पढ़ें. वहीं एनआरसी पर पूछे गए सवाल पर राजनाथ सिंह ने कहा एनआरसी (NRC) केवल असम में लागू हो रही है और वो भी कोर्ट के आदेश पर हुई है.
इससे पहले आज सुबह 11.30 बजे रक्षामंत्री लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे और वहां से सीधे कानपुर रोड स्थित जस्टिस खेम करन के आवास पहुंचे. जहां उन्होंने जस्टिस खेमकरन के साथ जस्टिस भगवान दीन, जस्टिस एपी सिंह, पूर्व डीआईजी सुधीर कुमार, डॉ. जेपी गुप्ता, समाजसेवी रेखा त्रिपाठी से मुलाकात की और नागरिक संशोधन अधिनियम 2019 के बारे में बातचीत की.
बता दें कि गुरुद्वारा ननकाना साहिब को गुरुद्वारा जन्म स्थान के रूप में भी जाना जाता है. यह पाकिस्तान के लाहौर के निकट स्थित है, जहां सिखों के पहले गुरू, गुरू नानक देव जी का जन्म हुआ था. गौरतलब है कि शुक्रवार को भीड़ ने गुरुद्वारा पर कथित तौर पर हमला किया और पथराव किया था.
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