भाजपा ने केन्द्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अगली सरकार बनने की स्थिति में देश की नई अर्थव्यवस्था का खाका खींचते हुए आज कहा कि उसकी सरकार का प्रयास होगा कि अगले पांच साल में सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में ढांचागत क्षेत्रों में निवेश को दोगुना किया जा सके। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की दो दिवसीय बैठक का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘‘अटल जी ने इस देश में पहली ‘ढांचागत क्रान्ति’ का नेतृत्व किया था, वह मिशन अभी अधूरा है। उसे पूरा करने की अब यह महती जिम्मेदारी हमारे भावी प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी निभाएंगे। हमारी सरकार का प्रयास होगा कि अगले पांच साल में जीडीपी के अनुपात में ढांचागत क्षेत्र में निवेश दोगुना किया जा सके।’’ अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर देश की अर्थव्यवस्था को चौपट करने का आरोप लगाने वाली भाजपा की सरकार बनने की सूरत में अर्थव्यवस्था को लेकर योजनाओं का खुलासा करते हुए राजनाथ ने कहा कि शासन में आने पर भाजपा बेकाबू हो रहे चालू खाता घाटा और राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करेगी। उन्होंने कहा कि अटल जी के शासनकाल में भारत चालू खाता सरप्लस वाली अर्थव्यवस्था बन गया था। हम पुन: भारत को चालू खाता घाटे की अर्थव्यवस्था की बजाय चालू खाता सरप्लस वाली अर्थव्यवस्था बनाएंगे। राजनाथ ने कहा कि चालू खाता घाटा कम करने के लिए भाजपा का संभावित शासन निर्यात को बढावा देगा और अनावश्यक विदेशी आयात को घटाने तथा भारतीय वस्तुओं के निर्माण और निर्यात को बढाने के लिए समेकित योजना लायी जाएगी। राजनाथ ने कहा कि भारत को विकसित देशों की श्रेणी में आने के लिए भाजपा शासन विनिर्माण को बढावा देगा। उन्होंने कहा कि देश के पास सस्ता और कुशल श्रम है लेकिन हम उसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं क्योंकि देश में निर्माण उद्योग को बढावा देने की इच्छाशक्ति मौजूदा सरकार में नहीं है। उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य होगा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण का हिस्सा बढाकर 20 फीसदी से अधिक किया जाए। राजनाथ ने कहा कि देश के आधारभूत संरचना के निर्माण में सिर्फ देश के संसाधनों का ही नहीं बल्कि विदेश में भी मौजूद बडी संख्या में अनिवासी भारतीयों का भी हम सहयोग लेंगे। इस सिलसिले में चीन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि चीन के आर्थिक विकास की गाथा में चीन की जनता के साथ साथ विदेश में बसने वाले चीनी मूल के लोगों का भी योगदान है। ढांचागत क्षेत्र में निवेश के वास्ते धन जुटाने के लिए उन्होंने एक विकसित बांड मार्केट की जरूरत बतायी, जहां विभिन्न संस्थाएं और एजेंसियां आधारभूत संरचना के विकास के लिए धन जुटा सकें। भारत के बढते शहरीकरण और शहरों पर बढ रहे दबाव की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए भाजपा अध्यक्ष ने एक नई शहरी नवीकरण योजना बनाने का प्रस्ताव किया, जिससे देश के सभी नगरों की क्षमता और संभावनाओं का पूरा विकास हो सके। करों का सरलीकरण करने एवं करदाताओं को राहत देने का वायदा करते हुए राजनाथ ने कहा कि हम टैक्स ढांचे में व्यापक परिवर्तन करेंगे ताकि यह व्यावहारिक होने के साथ राजस्व और करदाताओं की सुविधाएं दोनों बढा सके। आयकर देने वाले वेतनभोगी मध्य वर्ग को अच्छी खासी राहत देने का भी उन्होंने वायदा किया।