भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत में विदेशी निवेश नहीं आने के लिए वह विपक्ष को जिम्मेदार ठहराते हैं लेकिन उनके पास इस बात का जवाब नहीं है कि घरेलू निवेशक भारत छोड़कर क्यों जा रहे हैं। राजनाथ ने दिल्ली विश्वविद्यालय में अपने भाषण में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने संसद में कहा था कि भाजपा के लोग सदन को नहीं चलने देते, इस कारण विदेशी निवेश भारत में नहीं आ पाता और इसी वजह से भारत की आर्थिक स्थिति खराब है।’’ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘क्या भारत में मानव संसाधनों की कमी है? राष्ट्रीय संसाधनों की कमी है? क्यों यह कहा जाता है कि भारत विदेशी पूंजी के बिना खड़ा नहीं हो सकता? अगर ऐसा है तो हमारे घरेलू निवेशक भारत को छोड़कर क्यों जा रहे हैं? इसका कोई जवाब नहीं है। जनता की आंखों में धूल झोंककर थोड़े समय के लिए सरकार चलाई जा सकती है, देश नहीं।’’ राजनाथ ने कहा कि राजनैतिक क्षेत्र में काम कर रहे लोगों का मकसद केवल सरकार बनाना नहीं होना चाहिए। सुशासन के बारे में सबसे पहली जरूरत जनता के मन में स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और ऐसे अनेक क्षेत्रों को लेकर सुरक्षा की भावना पैदा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले राजनीतिक दल जनता से कई वायदे करते हैं लेकिन जब सरकारें ये वायदे नहीं निभा पातीं तो जनता के मन में आक्रोश होता है। उन्होंने देश में महंगाई और भ्रष्टाचार का भी जिक्र किया और कहा कि केवल लोकपाल पारित होने से या कानूनों से भ्रष्टाचार पर पूरी तरह से लगाम नहीं लगेगी। इसके लिए व्यवस्था में बदलाव और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता जरूरी है।