नई दिल्ली। देश की बहुसंख्यक आबादी द्वारा बोली और लिखी जाने वाली भाषा हिंदी की उपेक्षा से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह बेहद चिंतित हैं। हिंदी को देश की सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बताते हुए राष्ट्रपति ने इसके अधिक से अधिक इस्तेमाल पर जोर दिया है। जबकि राजनाथ सिंह सरकारी कामकाज में इसके कम इस्तेमाल से दुखी हैं।
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