वक्त के साथ किस तरह हालात बदलते हैं और साथ ही लोगों का नजरिया, इसका पता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अतिरिक्त उनके मंत्रियों के रुख-रवैये और कामकाज के प्रति आम जनता के भरोसे से भी जाहिर होता है। पिछले पांच माह में देश में बहुत कुछ बदला है, लेकिन जिस बात को आसानी से महसूस किया जा सकता है वह है लोगों का यह यकीन कि देश की बागडोर सही हाथों में है और वह बिगड़ी चीजों को बनाने के लिए ईमानदारी और पूरी प्रतिबद्धता से सक्त्रिय हैं। शायद यही कारण रहा कि दीपावली के ठीक पहले जब गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यह कहा कि वह इस त्योहार पर आतंकी हमले की आशंका से इन्कार नहीं कर सकते तो इसे लेकर वैसे मातमी स्वर नहीं उभरे जैसे शिवराज पाटिल या सुशील कुमार शिंदे के ऐसे ही बयानों पर उभरे होते।
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