The Union Home Minister Shri Rajnath Singh chaired the meeting on issues related to North East, here today. The Minister of State for Development of North Eastern Region (I/C), Prime Minister’s Office, Personnel, Public Grievances & Pensions, Atomic Energy and Space, Dr. Jitendra Singh, the Minister of State for Home Affairs, Shri Kiren Rijiju, National Security Advisor, Shri Ajit Doval and senior officers from the Central Government and North eastern states are attending the meeting.
Following is the text of Home Minister’s opening remarks at the meeting:
“विगत वर्षों में North-East की Security Situation में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। इस क्षेत्र का ज्यादातर हिस्सा militancy से मुक्त हो चुका है और बची हुई कुछ pockets में militancy अपना support तेजी से loose कर रही है। Effective counter insurgency, Responsive development orientation और पड़ोसी देशों के साथ बेहतर रिश्तों से स्थिति में काफी सुधार दर्ज हुआ है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में Armed Gangs, militancy की आड़ लेकर Extortion, Kidnapping एवं abduction जैसी गतिविधियों में लिप्त हैं।
सरकार द्वारा इस क्षेत्र में road, rail, air, power और digital infrastructure के fast track development हेतु लिये गए initiatives एवं local human resource के development पर emphasis देने से बेहतर सुरक्षा स्थिति सहित अन्य क्षेत्रों में भी और अच्छे परिणाम मिलने की आशा है। हमारी Act East Policy से इस region के द्वार South-East Asian markets के लिये खुल जायेंगे।
North-East India, Human और natural resources के मामले में काफी rich है। यहाँ के इस potential का उचित दोहन करने के लिये आवश्यक है कि हम इस क्षेत्र में secure एवं peaceful environment create करें।
इस संबंध में हमें निम्नलिखित प्रयास करने कि आवश्यकता है:-
i. इस क्षेत्र में लम्बे समय से चली आ रही militancy ने security eco-system को vitiate कर दिया था। security scenario में सुधार के साथ police को अपना orientation normal police function की ओर करना चाहिए यथा crimes का prevention और detection, जो पिछले दशक से काफी suffer कर रहा था। दुर्भाग्यवश North-East के कुछ राज्यों में criminal cases का prosecution और conviction ratio काफी poor है। एक राज्य में तो prosecution का ratio, all India average 86% की तुलना में मात्र 5% है। कई राज्यों में Kidnapping, Abduction और Extortion के cases काफी rampant हैं। परंतु इन cases के prosecution एवं conviction का ratio 1% से भी कम है जो स्वीकार करने लायक नहीं है। एक criminal जब crime करने के बावजूद court से छूट जाता है, तो आम जनता का विश्वास justice system से उठ जाता है। और जब acquittal का ratio काफी ज्यादा हो, तो इससे एक तरफ तो राज्य की moral legitimacy undermine होती है साथ ही यह crimes को भी incentivise करता है।
इतने ज्यादा acquittals होने का प्राथमिक कारण poor investigation है। ऐसा देखा गया है कि investigation के scientific tools adequately use नहीं हो रहे हैं। North-East के कई राज्यों में forensic science laboratories की स्थिति भी संतोषजनक नहीं है। इस दिशा में police chiefs और राज्य सरकारों को special attention देने की आवश्यकता है।
ii. इस क्षेत्र में illegal arms का proliferation भी बहुत तेजी से बढ़ा है। हांलाकि North-East का बड़ा area, militancy से मुक्त हो चुका है, परंतु इतनी बड़ी मात्रा में illegal arms की मौजूदगी के कारण crimes की संख्या भी अधिक है।
मैं सभी राज्यों के DGPs को सलाह दूंगा कि illegal arms के traders और उनके holders के against organised campaign चलाएं।
iii. West में स्थित Siliguri corridor को छोड़कर अन्य सभी sides से North-East क्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगा हुआ है। इन borders के through, illegal arms, drugs, narcotics और fake Indian currency की smuggling होती है। हमारे यह border areas, practically un-policed है। इन border areas में policing को प्राथमिकता देते हुए हमें पर्याप्त संख्या में police stations set up करने की आवश्यकता है। इससे cross border crimes में कमी आयेगी और साथ ही दूर-दराज के क्षेत्रों में रह रहे यहां के लोगों के मन में एक security का sense भी पैदा होगा।
iv. अगर हम Future Security Threats की बात करें तो radicalisation की समस्या एक बड़े challenge के रूप में सामने आयी है। Radicalisation एक trans-national phenomenon है। अगर इसे रोका नहीं गया तो यह आतंकवाद के रूप में परिवर्तित हो सकता है। North-East और उसके आस-पास के क्षेत्रों की sensitivity ऐसे मामलों के प्रति इस क्षेत्र को ज्यादा ही vulnerable बना देती है। इसलिए यह आवश्यक है कि radicalisation के agents को identify किया जाए। इनके कुछ agents धर्म की आड़ लेकर operate कर रहे हैं। जबकि कुछ लोग NGOs और individual, socio cultural और educational development के नाम पर operate कर रहे हैं।
आवश्यकता है कि हम उनकी activities को closely monitor करें और जहां आवश्यक हो वहां pre-emptive action लें। इनमें से कतिपय agents की funding foreign से होती है। अत: यह भी आवश्यक है कि उनके foreign funds के flow एवं utilization को closely monitor किया जाए।
v. एक अन्य Emerging Security Threat, Cyber Crime है। Cyber Crime की घटनाएँ विश्व भर में बढ़ रही हैं। Financial Crimes के साथ साथ Cyber Space का उपयोग unrest और instability create करने के लिए किया जा रहा है। जैसा कि हम सब जानते है, किस प्रकार हमारे दुश्मनों ने 2012 में आसाम में कुछ ethnic clashes के बाद instability create करने के लिए Cyber Space का misuse किया था। अत: Cyber Crime को investigate करने की एवं digital media के abuse को prevent करने की capability में हमें काफी सुधार करने की आवश्यकता है। North East में हमें well-equipped cyber forensic laboratories स्थापित करने जरुरत तो है ही, साथ ही IT trained Police Officers के sizeable pool की भी आवश्यकता है।
vi. Brus जनजातियों का त्रिपुरा से मिज़ोरम repatriation और 50 वर्षों से अधिक समय से अरुणाचल में रह रहे Chakmas और Hajongs को citizenship देने जैसे कुछ issues काफी समय से pending हैं और इन्हें जल्द-से-जल्द resolve करने की आवश्यकता है। इन issues के settlement से tensions और crimes में कमी आयेगी। इस सम्बन्ध में राज्य सरकारों से active cooperation की आवश्यकता है जिससे हम इन्हें जल्द-से-जल्द resolve कर सकें।
vii. कई ethnic armed organizations अपने grievance के peaceful resolution के लिये सरकार के साथ engaged हैं। उनके armed cadres को designated camps में रखने की आवश्यकता है। साथ ही engagement के कुछ agreed ground rules को भी observe किये जाने की आवश्यकता है। जैसा कि मुझे बताया गया है कि उनमें से कुछ violent criminal activities जैसे- extortion, kidnapping आदि में सलंग्न है। ये गतिविधियाँ ground rules का serious violation हैं। designated camps के बाहर उनके unauthorised movements को तुरंत रोकने की आवश्यकता है और उल्लंघन करने वालों को कानून के तहत firmly deal किये जाने की आवश्यकता है।
भारत एक plural democracy है। जो विविधताओं से भरा हुआ है। विभिन्न race, religion और culture के लोग एक साथ शांति से रहते हैं। यह diversity, North-East में ज्यादा दिखती है। यहां लोग peaceful तरीके से हज़ारों वर्षों से एकसाथ रह रहे हैं। Modern State की growth ने resources और power के लिये प्रतिस्पर्धा create की है। ऐसी प्रतिस्पर्धा सामान्य रूप से हमें बेहतर बनने हेतु प्रेरित करती है परंतु कभी-कभी इससे तनाव भी बढ़ सकता है। कभी-कभी यह regional अथवा ethnic aspiration के रूप में प्रकट होती है। ऐसे negative articulation को sensitive तरीके से firmly discourage किये जाने की आवश्यकता है।
North-East region के लोग विशेषकर युवा काफी aspirational हैं। वे अपने बेहतर और समृद्ध भविष्य की तरफ देख रहे हैं तथा देश के दूसरे हिस्सों की प्रगति के साथ कदम-से-कदम मिलकर चलना चाहते हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनके लिए एक बेहतर माहौल तैयार करें। आइये हम सब अपने North-East के लिए एक बेहतर, सुंदर और समृद्ध भविष्य के लिए कार्य करें।”