केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्य अल्पसंख्यक आयोगों के 10वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन किया
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सरकार के सामने एक चुनौती है : राजनाथ सिंह
केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने राज्य अल्पसंख्यक आयोगों के 10वें वार्षिक सम्मेलन का आज यहां उद्घाटन करते हुए कहा कि सरकार अल्पसंख्यकों को सुविधाएं देने और उनके कल्याण की विकास परियोजनाओं के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों की राष्ट्र भक्ति पर प्रश्न नहीं उठाया जा सकता और किसी धर्म का अन्य धर्मों पर प्रभुत्व सिद्ध करने का कोई कारण नहीं है। उन्होंने देश में धर्मांतरण और धर्मांतरण रोधी कानून की आवश्यकता का मुद्दा भी उठाया।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कानून और व्यवस्था राज्य का विषय होने के बावजूद भारत सरकार देश के लोगों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अल्पसंख्यकों में असुरक्षा की भावना बड़ी चुनौती है और सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
श्री राजनाथ सिंह ने लोगों से आग्रह किया कि वे बिना किसी भय के स्वतंत्र और खुले तौर पर अपने विचार व्यक्त करें। उन्होंने सभी राज्य सरकारों से भी अनुरोध किया कि वे हाल में कुछ गिरिजाघरों पर हुए हमलों की घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई करे और दोषियों को सज़ा दें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस तरह की घटनाएं देश में कहीं भी दोबारा न हों।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ऐसा एकमात्र राष्ट्र है जहां दुनिया के सभी प्रमुख धर्म के मानने वाले हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा भारतीय परंपरा एवं पौराणिक कथाओं के प्राचीन मूल्य के कारण है। यहां सभी धर्मों का अस्तित्व है जो एक दूसरे के प्रति पूरा सम्मान करते हैं। भारत एकमात्र राष्ट्र है जहां इस्लाम के 72 संप्रदाय है जो कि पूरी दुनिया के किसी भी देश में नहीं है। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे पुराने गिरिजाघरों में से एक गिरिजाघर केरल में है। गृह मंत्री ने अपने भाषण में निम्नलिखित सवाल उठाए क्योंकि इन मुद्दों पर राष्ट्रीय बहस की जरूरत है:-
• क्या धर्मांतरण आवश्यक है?
• क्या बिना धर्मांतरण का सहारा लिए समाज सेवा नहीं की जा सकती?
• क्या धर्मांतरण को बढ़ावा दिए बगैर कोई धर्म फल-फूल नहीं सकता?
• क्या कोई देश अपने जनसांख्यिकीय चरित्र में परिवर्तन की अनुमति देगा?
• अल्पसंख्यक समुदाय दुनियाभर में धर्मांतरण के विरूद्ध कानून की मांग करते हैं फिर ऐसा भारत में क्यों नहीं हो सकता?
अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री श्रीमती नजमा हेप्तुल्ला ने अपने अध्यक्षीय भाषण में आश्वासन दिया कि सरकार अल्पसंख्यकों के आर्थिक एवं शैक्षिक पिछड़ेपन की समस्या सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ.जितेन्द्र सिंह ने कहा कि विभिन्न समुदायों में अविश्वास और भय के कारणों को दूर करने के लिए सोच में बदलाव की जरूरत है। अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, समृद्धि एवं शिक्षा सरकार के लिए महत्वपूर्ण है। श्री नकवी ने आश्वासन दिया कि अल्पसंख्यक कल्याण के लिए आवंटित धन को उचित तरीके से उपयोग किया जाएगा। इस अवसर पर अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री नसीम अहमद ने कहा कि आयोग अधिसूचित अल्पसंख्यकों के संवैधानिक, कानूनी एवं नागरिक अधिकारों की सुरक्षा का प्रयास कर रहा है।