नई दिल्ली स्थित नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) देश का रक्षा और सामरिक शिक्षा का सर्वोच्च स्थान है। एनडीसी के प्रतिष्ठित पाठ्यक्रम के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीति के सभी पक्षों पर समग्र शिक्षा प्रदान की जाती है। प्रत्येक पाठ्यक्रम में वरिष्ठ कमांडर रैंक के अधिकारी हिस्सा लेते हैं, जिनके पद भारतीय सशस्त्र बलों, सिविल सेवा और विदेशी मित्र देशों के अधिकारियों के समकक्ष होते है।
इस एक वर्षीय पाठ्यक्रम में अधिकारियों को चेन्नई स्थित प्रतिष्ठित मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा और सामरिक अध्ययन में एम.फिल की डिग्री दी जाती है। 58वें एनडीसी पाठ्यक्रम (2028 बैच) के 60 स्नातकों को आज आयोजित शानदार दीक्षांत समारोह में डिग्रियां प्रदान की गईं।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि थे। उन्होंने अधिकारियों को डिग्रियां प्रदान कीं। इस अवसर पर एनडीसी के कमांडेंट एयर मार्शल डी. चौधरी और मद्रास विश्वविद्यालय के रक्षा सामरिक अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ.) उत्तम कुमार जमदग्नि उपस्थित थे। श्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में राष्ट्र की समर्पित सेवा में 60 वर्ष पूरा करने के लिए एनडीसी के कमांडेंट और स्टॉफ को बधाई दी। उन्होंने कहा कि कॉलेज से कई रक्षा और सामरिक विद्वान निकले हैं, जो अनेक देशों और सशस्त्र बलों में उच्च पदों पर विराजमान रहे हैं। इनमें घाना के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल फ्रेडरिक विलियम क्वासी अकूफो, बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति लेफ्टिनेंट जनरल हुसैन मोहम्मद इरशाद और भूटान नरेश महामहिम जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक शामिल हैं। श्री अजीत डोवाल, जनरल बिपिन रावत और श्री लवासा जैसे जाने-माने लोग भी यहां अध्ययन कर चुके हैं।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज के पेचीदा और महत्वपूर्ण रक्षा हालात को देखते हुए हमें न सिर्फ पारम्परिक खतरों, बल्कि नये गैर-पारम्परिक खतरों से निपटने के लिए भी तैयार रहना होगा। एम.फिल डिग्री प्राप्त करने वाले अधिकारियों को बधाई देते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह पाठ्यक्रम पूरा कर लेने के बाद निश्चित रूप से सभी अधिकारी भविष्य की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुके हैं तथा वे राज्यशक्ति के सभी घटकों के साथ काम करने में सक्षम हैं।
अपने स्वागत संबोधन में एयर मार्शल डी. चौधरी ने कहा कि एनडीसी पाठ्यक्रम पूरा कर लेने के बाद सभी स्नातक राष्ट्रीय मुद्दों पर लीक से हटकर विचार करेंगे। वे नीतिगत मामलों और उनको लागू करने में समग्रता से काम करेंगे, जैसा कि कौटिल्य ने 2000 वर्ष पूर्व कहा था। उन्होंने कहा कि समग्र राष्ट्रीय शक्ति के प्रति समझ और राष्ट्र निर्माण में उसकी भूमिका के मद्देनजर यहां अध्ययन करने वाले सभी अधिकारी योगदान करने में सक्षम होंगे। एयर मार्शल डी. चौधरी ने रक्षा मंत्री के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की कि उन्होंने यहां आकर नेशनल डिफेंस कॉलेज का सम्मान बढ़ाया।