भारत आपदा जोखिम पर पहला एशियाई मंत्री स्तरीय सम्मेलन आयोजित करेगा
भारत 2015 अवधि के बाद आपदा जोखिम में कमी लाने पर पहला एशियाई मंत्री स्तरीय सम्मेलन आयोजित करेगा। यह घोषणा सेंडई, जापान में 14 से 18 मार्च 2015 तक आपदा जोखिम में कमी लाने के बारे में हुए सम्मेलन में गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने की। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र आपदा जोखिम कटोती कार्यालय के सहयोग से एशियाई मंत्री स्तरीय सम्मेलन 2016 में आयोजित किया जाएगा।
मंत्री स्तरीय सम्मेलन आपदा जोखिम में कमी लाने के लिए 2015 के बाद नये ढांचे को लागू करने के क्षेत्रीय कार्यान्वयन योजना को स्वीकृति देगा। यह नये ढांचे को लागू करने की शुरुआती वैश्विक प्रयास का प्रमुख तत्व होगा। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सम्मेलन आयोजित करने के निर्णय से एशियाई क्षेत्र में आपदा जोखिम में कमी लाने में भारत की प्रतिबद्धता और नेतृत्व दिखता है।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अभी हम जोखिम संवेदी विकास को प्रोत्साहित करने तथा विकास लाभों की रक्षा के लिए आपदा के प्रभाव में कमी लाने की सबसे बड़ी चुनौती से जूझ रहे हैं। उन्होंने भाग ले रहे देशों से बातचीत शुरू करने का आग्रह किया ताकि 2015 के बाद आपदा जोखिम में कमी के ढांचे को लागू करने का एशियाई क्षेत्रीय योजना पर सहमति हो सके।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 2016 में होने वाले सम्मेलन में भारत सभी स्तर पर विकास नीतियों में मुख्य आपदा जोखिम कमी के लिए अपने कदमों को प्रस्तुत करेगा। उन्होंने भारत सरकार की ओर से 2015 के बाद के ढांचे, उसके लक्ष्यों तथा उसकी प्राथमिकताओं को सहयोग देने की वचनबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत आपदा जोखिम में कमी के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के सहयोग से क्षमता, सृजन एवं प्रशिक्षण के जरिए क्षेत्र के देशों और उसके बाहर मजबूत राष्ट्र और समुदाय के प्रति प्रतिबद्ध है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव की विशेष प्रतिनिधि सुश्री मारग्रेटा वालस्ट्रोम ने सम्मेलन की आयोजन करने के लिए भारत को बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत के समर्थन और नेतृत्व से क्षेत्र आपदा जोखिम में कमी लाने के लिए 2015 के बाद के ढांचे को लागू करने में छलांग लगाएगा।