गृह मंत्रालय द्वारा हिंदी दिवस समारोह का आयोजन
हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य पर राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज यहां एक समारोह में वर्ष 2014-15 के राजभाषा पुरस्कार प्रदान किए। समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने आह्वान किया कि हिन्दी के प्रयोग को तकनीकी संस्थानों में बढ़ावा देना चाहिए और सरल भाषा में अनुवाद अपनाना चाहिए। श्री मुखर्जी ने संतोष व्यक्त किया कि संचार और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हिन्दी का प्रयोग बढ़ा है। राष्ट्रपति ने टिप्पणी की कि हिन्दी हमारी संस्कृति और इतिहास को वर्तमान से जोड़ने वाली कड़ी है। उन्होंने आशा जताई कि निकट भविष्य में हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र संघ में राजभाषा का दर्जा प्राप्त होगा।
अपने अध्यक्षीय भाषण में केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने अफसोस जताया कि हमने हिन्दी को राजभाषा का दर्जा वर्ष 1949 में जरूरी दिया पर इस पर उम्मीद से कम अमल किया और हिन्दी को उचित सम्मान नहीं दिया। उन्होंने इस तर्क को मिथ्य बताया कि दक्षिण भारत में लोग हिन्दी की बजाया अंग्रेजी भाषा को अधिक महत्व देते हैं। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतवर्ष की 75 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या हिन्दी को समझ या बोल सकती है। उन्होंने कहा कि गैर-हिन्दी भाषी प्रदेश के अग्रणी नेता जैसे मराठी भाषी बाल गंगाधर तिलक, तमिल भाषी एन. गोपाला स्वामी अय्यर और गुजरात के स्वामी दयानन्द सरस्वती ने हिन्दी भाषा को राष्ट्र भाषा का दर्जा देने के लिए योगदान दिया। गृह मंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में हाईटेक सॉफ्टवेयर कंपनियों ने हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा दिया है। उन्होंने बताया कि देश में इंटरनेट पर 94 प्रतिशत सामग्री हिन्दी में उपज होती है। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम भारत को महाशक्ति के रूप में नहीं, अपितु जगत गुरु के रूप में उभारना चाहते हैं। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों से कहा कि आज हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में हम यह शपथ लें कि शुरूआत में कम से कम अपना हस्ताक्षर हिन्दी में करें।
गृह राज्य मंत्री श्री किरेन रिजीजू ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि हिन्दी भाषा सरकार और जनता के बीच संवाद का माध्यम है। उन्होंने कहा कि हिन्दी को निरंतर प्रयोग में लाने से इसकी लोकप्रियता बढ़ेगी और शासन जनमानस पर अधिकार जाहिर कर सकेगा। श्री रिजीजू ने कहा कि संविधान में हिन्दी भाषा को राष्ट्रीय एकता के प्रतीक के रूप में राजभाषा का दर्जा दिया है और इसका अधिकाधिक प्रयोग ही हमारा सामुदायिक उत्तरदायित्व है।
समारोह में गृह राज्य मंत्री श्री हरीभाई पार्थीभाई चौधरी भी उपस्थित थे और सभा को सचिव राजभाषा विभाग श्री गिरिश शंकर ने भी संबोधित किया।
संविधान निर्माताओं ने 14 सितम्बर, 1949 को हिंदी को संघ की राजभाषा के रूप में सर्वसम्मति से स्वीकार किया था। तद्नुसार इस दिन की याद में प्रति वर्ष 14 सितम्बर हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों, कार्यालयों, उपक्रमों, स्वायत्त संस्थानों में हिंदी सप्ताह, हिंदी पखवाड़ा, हिंदी माह का आयोजन किया जाता है। विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं में सफल उम्मीदवारों को पुरस्कृत किया जाता है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा समारोह में राजभाषा के प्रयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सर्वश्रेष्ठ प्रगति हासिल करने वाले मंत्रालयों/ विभागों एवं कार्यालयों को तथा हिंदी में उच्च कोटि के मौलिक पुस्तक लेखन हेतु पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया जाता है।
राजभाषा विभाग ने हिंदी के प्रयोग को बढ़ाने के लिए दो मुख्य प्रोत्साहन योजनाएं शुरू की हैं| राजभाषा नीति के सर्वश्रेष्ठ कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप राजभाषा के प्रयोग में बेहतर प्रगति दर्ज करने वाले सरकारी संगठनों को राजभाषा कीर्ति पुरस्कार के लिए प्रत्येक क्षेत्र के लिए प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार के लिए शील्ड देकर सम्मानित किया जाता है। सरकार के संगठनों और प्रतिष्ठानों द्वारा राजभाषा हिंदी में पत्र-पत्रिकाएं भी प्रकाशित की जा रही हैं। श्रेष्ठ हिंदी गृह पत्रिकाओं को भी राजभाषा विभाग द्वारा प्रत्येक क्षेत्र के लिए प्रथम एवं द्वितीय पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाता है।
आधुनिक ज्ञान/विज्ञान की विभिन्न विधाओं एवं राजभाषा हिंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मौलिक रूप से राजभाषा हिंदी में पुस्तक लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए राजभाषा गौरव पुरस्कार योजना चलाई जा रही है। इस योजना के अंतर्गत तीन श्रेणियों में भारत के नागरिकों को हिंदी में ज्ञान-विज्ञान मौलिक पुस्तक लेखन के लिए, केन्द्र सरकार के कार्मिकों (सेवानिवृत्त सहित) को हिंदी में मौलिक लेखन के लिए तथा केन्द्र सरकार के कार्मिकों (सेवानिवृत्त सहित) को हिंदी में उत्कृष्ट लेख के लिए पुरस्कृत किया जाता है।
इस समारोह में राष्ट्रपति ने वर्ष 2014-15 के लिए 57 राजभाषा कीर्ति पुरस्कार, राजभाषा गौरव पुरस्कार के लिए के अलावा वर्ष 2013 में प्रकाशित पुस्तकों के लिए 35 पुरस्कार प्रदान किए।