नई दुनिया, भोपाल। हिंदी भारत की राजभाषा है, लेकिन अब इसे राष्ट्रभाषा बना देना चाहिए। वह इसलिए, क्योंकि हिंदी देश के कोने-कोने में स्वीकार्य भाषा है। आज तक उसे यह दर्जा प्राप्त नहीं हो सका है तो यह हमारे नेतृत्व की कमी रही है। राजनीतिक लाभ-हानि का विचार करने के कारण हम इसका फैसला नहीं कर सके। यह बात केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को भोपाल में आयोजित 10वें विश्व हिंदी सम्मेलन के समापन अवसर पर कही। वह समारोह में मुख्य अतिथि के रू प में शिरकत कर रहे थे।