इस मुद्दे पर भाजपा की पूरी किसान लॉबी राजनाथ सिंह के पीछे एकजुट है और संघ नेतृत्व से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने इस मामले में बीच का रास्ता निकालने की जिम्मेदारी राजनाथ सिंह को दी है। विवादित भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के पैरोकार मंत्रियों को फिलहाल किनारे कर दिया गया है।