नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लंबे जीवन में यूं तो चर्चा पिछले पंद्रह-सोलह साल की ही होती रही है, लेकिन इन वर्षों में भी उनके पुराने जीवन का संघर्ष बार-बार झलकता है। उनकी सोच, पुराने कथन और भाव उनके आज के जीवन में भी प्रतिबिंबित होते हैं। तीस साल पहले एक प्रचारक रहते हुए उन्होंने जो देखा और कहा वह कई बार हाल के विवाद तक की याद दिला जाते हैं, जब उन्हें प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित किया गया था।