उग्रवादियों से मुकाबला करते हुए अपनी आंखों की रोशनी गंवाने वाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारी के शनिवार को आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा जब केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह उनसे मिलने पहुंचे और उनके परिवार के साथ भोजन भी किया।
सिंह यहां एक पासिंग आउट समारोह में शामिल होने आए थे। बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें सहायक कमांडेंट संदीप मिश्रा और उनकी पत्नी इंद्राक्षी के बारे में बताया। संदीप मिश्रा की 2000 में असम में उग्रवादियों के हमले में आंखों की रोशनी चली गई थी। उसके चार साल बाद दोनों की शादी हुयी थी। मिश्रा की एक बेटी है जो नौ साल की है।
दिल को छू लेने वाली पहल करते हुए गृह मंत्री सीमा सुरक्षा बल परिसर में स्थित मिश्रा के घर गए। उन्होंने अधिकारी के साहस की सराहना की। उन्होंने परिवार के साथ भोजन के अनुरोध को खुशीपूर्वक स्वीकार कर लिया। सिंह ने कहा कि उन्होंने दृष्टिबाधित बीएसएफ सहायक कमाडेंट संदीप मिश्रा के परिवार से मुलाकात की।
सिंह ने कहा कि यह देश के प्रति उनका प्यार है जो संदीप और इंद्राक्षी को एकसाथ जोड़ता है। टेकनपुर में उनके घर में भोजन कर काफी प्रसन्नता हुई। गृह मंत्री करीब एक घंटा मिश्रा और उनके परिवार के साथ रहे। उन्होंने कहा कि बीएसएफ अधिकारी को अपनी पत्नी से शक्ति मिलती है जिन्होंने उनके विशिष्ट रूप से योग्य होने के बावजूद उनसे शादी करने का फैसला किया।
It is their love for the country which binds Sandip and Indrakshi together. It was a delight to have Lunch at their house in Tekanpur. pic.twitter.com/YAgxidKcqo
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) March 25, 2017
BSF AC Shri Sandip Mishra derives strength from his wife Indrakshi who decided to marry him in spite of him being specially abled.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) March 25, 2017
Met the family of visually challenged BSF Assistant Commandant Shri Sandip Mishra who lost his eye sight during an ambush in 2000 pic.twitter.com/dOPQLBYnTD
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) March 25, 2017
Source: हिन्दुस्तान