पटना भगदड़ में अनमोल जीवन के नुकसान पर गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने शोक व्यक्त किया. उन्होंने दुर्घटना में घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. उन्हौने बिहार के मुख्यमंत्री से घायलों के बेहतर इलाज़ की व्यवस्था हेतु कहा।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना दिवस विजयादशमी के अवसर पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने समस्त देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ दी। उन्हौने कहा कि पुण्यभूमि मातृभूमि भारत माता की मैं वंदना करता हूँ।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राजधानी की अकेली नदी गोमती को गुजरात की साबरमती नदी के तर्ज पर विकसित करने का फैसला किया है। भाजपा के कार्यकर्ता सम्मेलन में हिस्सा लेने सोमवार को लखनऊ पहुंचे राजनाथ ने कई लुभावने वादे किए।मंगलवार को लोक अधिकार मंच के गोमती सफाई अभियान में हिस्सा लेने पहुंचे राजनाथ सिंह […]
लखनऊ। केंद्रीय गृह मंत्री तथा लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह आज से उत्तर प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे। राजनाथ सिंह दिन में एक बजे लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उतरेंगे। राजनाथ सिंह आज लखनऊ में भाजपा के कार्यकर्ता सम्मेलन में हिस्सा लेने के साथ ही अपने सम्मान समारोह में भी […]
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुपस्थिति में हुई कैबिनेट की पहली बैठक ने मंत्रिमंडल में नंबर दो पर चल रहे कयासों पर पूर्ण विराम लगा दिया है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला किया गया। शुक्रवार को मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के इस्तीफे […]
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मतभेद की खबरों को सिरे से खारिज करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि मोदी से उनके रिश्ते ‘बेहद पवित्र, भावुक और गहरे’ हैं। बकौल राजनाथ ‘व्यक्तिगत नुकसान’ के बावजूद वह इन्हें खराब नहीं होने देंगे। सिंह ने यह भी कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में मोदी […]
काठमांडू। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने नेपाल यात्रा के दौरान सीमा पार अपराध के मुद्दे पर यहां के नेतृत्व से चर्चा की। राजनाथ ने बताया कि नकली नोटों पर रोकथाम समेत सीमा पार से हो रहे अपराधों पर अंकुश लगाने को लेकर एक तंत्र विकसित करने के लिए नेपाली अधिकारियों से विस्तृत चर्चा हुई। साथ […]
प्रिय देशवासियों ! हिंदी दिवस के अवसर पर आप सब को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं! स्वाधीनता संग्राम के दौरान स्वराज, स्वदेशी और स्वभाषा पर ज़ोर दिया गया था। यह हमारा राष्ट्रीय मत था कि बिना स्वदेशी और स्वभाषा के स्वराज सार्थक सिद्ध नहीं होगा। हमारे तत्कालीन राष्ट्रीय नेताओं, विद्वानों, मनीषियों एवं महापुरुषों की यह दृढ़ अवधारणा थी कि […]