Hindi Text of RM’s speech at LBSNAA, Mussoorie
यह मेरे लिए अत्यंत हर्ष का विषय है, कि आज, मैं Lal Bahadur Shastri, National Academy of Administration में आयोजित, 100th Common Foundation Course की Valedictory Ceremony में, आप सभी के बीच उपस्थित हूँ।
यह वह संस्थान है, जहाँ All India Services, Central Services, तथा Royal Bhutan Civil Services के Young Officers, Nation Building की अपनी Journey का, पहला Strong, और Meaningful कदम रखते हैं। इस स्थान पर, भारत के Governance Framework की नींव बनती है।
मैं मानता हूँ, Foundation Course सिर्फ एक Training Module नहीं है, यह एक Commitment है: A commitment to build a governance system that is efficient, capable, and truly sensitive to the needs of common people.
लबासना को, officers training की जो जिम्मेदारी दी गई है, उस जिम्मेदारी को तो यह संस्थान बखूबी निभा ही रहा है, लेकिन इसके साथ-साथ यह संस्थान, Joint civil military programme, Border Economy, Border Development, Disaster management, Climate change, Economic Inclusion for Women, Artificial intelligence और digital transformation जैसे कई valuable courses भी officers को provide करवाता है, जो हमारे officers के overall development में contribute करता है। यह सारी चीज़ें, लबासना को एक ‘Complete institution’ बनाती हैं, जिससे इस संस्थान की महत्ता और भी बढ़ जाती है।
आज की यह Valedictory Ceremony उसी Commitment की सार्थकता, और एक नई शुरुआत की प्रतीक है। मैं आप सभी को इस Remarkable Milestone के लिए हार्दिक बधाई देता हूँ।
Dear officer trainees,
आज से आपकी Professional Journey नया आयाम लेगी। देश को आपसे बहुत उम्मीदें हैं। इसलिए आपका उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए, Serve With Integrity, Lead with Humility, और Deliver with Excellence.
आप सभी ने One of the toughest examinations को सफलतापूर्वक पास किया है। यह उपलब्धि एक बात को बिल्कुल स्पष्ट करती है: आप सभी में Commitment, Discipline, Dedication और Hard work की असाधारण क्षमता है। किसी भी Field में सफलता इन्हीं गुणों पर टिकी होती है।
लेकिन आपकी यात्रा को सबसे अलग बनाती है, आपकी choice. इतनी प्रतिभा और क्षमता के साथ, आप किसी भी lucrative और high-paying career में जा सकते थे। फिर भी, आपने Civil Services को चुना।
यह निर्णय बताता है, कि आपकी प्रेरणा व्यक्तिगत सफलता की ही नहीं, बल्कि देश और समाज के लिए कुछ Meaningful करने की भी है।
आप सब लोग, ‘Serving the nation, Empowering its people, and Driving real change’ की भावना से प्रेरित हैं, और यही भावना आपको एक उत्कृष्ट, और Impactful Public Servant बनाएगी।
साथियों, हमारे प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में, पिछले कुछ दशकों में, हमारे देश का Socio-economic landscape तेजी से बदला है। Higher Education में enrolment सैकड़ों गुना बढ़ चुका है, Job Opportunities अभूतपूर्व रूप से बढ़ी हैं। IT sector, Engineering, Medical fields और Service sector में नए अवसर पैदा हुए हैं।
Start Up Culture बढ़ा है। जिसने देश के बहुत से प्रतिभाशाली युवाओं को आकर्षित किया है। लेकिन आज भी Civil Services का आकर्षण कम नहीं हुआ है। आज भी देश का युवा वर्ग, Civil Services की कुछ सीमित सीटों के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा करता है।
यह जरूरी भी है, क्योंकि जिस गति से भारत इस समय विकास के पथ पर अग्रसर है, उसे देखते हुए युवाओं के अंदर उत्साह होना बहुत जरूरी है। हम यदि सही मायनों में भारत को विकसित बनाना चाहते हैं, तो हमें यह ensure करना होगा, कि समाज का हर वर्ग इस विकास यात्रा में समान भागीदारी निभाए।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए, जब आप एक सिविल सेवक के रूप में, समाज के वंचित या कमजोर वर्गों से मिलें, तो उनके प्रति Empathetic और Compassionate रहें। यह समझें, कि उनकी वर्तमान स्थिति, केवल उनकी क्षमता या मेहनत का प्रतिबिंब नहीं है। उसके पीछे अनेक सामाजिक, आर्थिक और परिस्थितिजन्य कारण होते हैं। यही संवेदना आपको एक सच्चा और अच्छा people-centric administrator बनाएगी।
यहाँ Training प्राप्त कर रहे आप सभी Trainee Officers को, बहुत कम उम्र में एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी मिलने जा रही है। शायद इस बात की गंभीरता आपको इस समय महसूस न हो। लेकिन जैसे-जैसे आप सेवा के मार्ग पर आगे बढ़ेंगे, आपको समझ आएगा कि भारत के राष्ट्र निर्माताओं ने Civil Servants को कितनी बड़ी जिम्मेदारी दी है। कितना महत्व दिया है? उन्होंने Nation Building और Development का बड़ा कार्य आपको सौंपा है।
आज, जब आप इस सफर की शुरुआत कर रहे हैं, तो मैं संविधान सभा के सभापति और हमारे प्रथम राष्ट्रपति Dr. Rajendra Prasad जी का एक महत्वपूर्ण संदेश आपको याद दिलाना चाहता हूँ। इससे आपको अपनी जिम्मेदारी की विशालता का बोध होगा। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जी ने, संविधान सभा में कहा था, and I Quote:
“… the welfare of the country will depend upon the way in which the country is administered. That will depend upon the men who administer it… India needs today nothing more than a set of honest men who will have the interest of the country before them.” Unquote
(“यानि…देश का कल्याण उस रीति पर निर्भर करेगा जिसके अनुसार देश का प्रशासन किया जायेगा। देश का कल्याण उन व्यक्तियों पर निर्भर करेगा जो देश पर प्रशासन करेंगे।… देश को आज तक ऐसे ईमानदार लोगों के वर्ग से अधिक किसी अन्य वस्तु की आवश्यकता नहीं है जो अपने सामने देश के हित को रखें।“)
Dr. Rajendra Prasad जी के यह शब्द, Civil Servants की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाते हैं। आपसे जुड़ी उस बड़ी उम्मीद को व्यक्त करते हैं, जो देश ने आपसे रखी है।
आप देश की प्रशासन व्यवस्था संभालेंगे। नीति निर्माण से जुड़े फैसले लेंगे। नीति को धरातल पर उतारेंगे। आपके द्वारा किए गए कार्य भारत का भविष्य तय करेंगे। यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, जिसे आपको सफलतापूर्वक निभाना है।
हम जानते हैं, कि Civil Services की जड़ें colonial times में थीं। उस समय accountability, Whitehall यानि London में थी। 6000 मील दूर। लेकिन आज परिस्थितियाँ पूरी तरह बदल चुकी हैं। आज accountability यहीं है, आपके अपने आसपास, अपने देश के नागरिकों के प्रति। आज का Civil Servant सचमुच Servant of the people है। आपसे अपेक्षा की जाती है, कि Policy making हो या implementation, you will respond directly to people’s aspirations. और आप लोगों की immediate ज़रूरतों को भी समझेंगे और उनकी long-term hopes को भी।
You should work, with this sense of responsibility, and public accountability. यही भावना आपको एक सक्षम, संवेदनशील और प्रभावी Public Servant बनाएगी।
Dear officer trainees, देश इस समय विकास के पथ पर बढ़ रहा है, ऐसे में जब मैं अपने युवाओं को, ख़ासकर बेटियों को आगे बढ़ते देखता हूँ, तो मुझे बड़ी ख़ुशी होती है। हमारी बेटियाँ आज हर जगह अपना परचम लहरा रही हैं। इस वर्ष के Civil Services Examination का परिणाम भी, इस बात का एक मजबूत प्रमाण है, जिसमें Top rank एक महिला ने हासिल किया है। Top five candidates में तीन महिलाएं थीं। Top 25 Candidates में भी 11 महिलाएं थी। इस Trend को देखकर मुझे पूरा विश्वास है कि जल्द ही Civil Services में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों के बराबर होगी। वर्ष 2047 तक, जब हमारा Viksit Bharat का लक्ष्य साकार होगा, तब तक भारत में कई महिलाएं Cabinet Secretaries भी बन चुकी होंगी। यह सारी चीज़ें बताती हैं, कि हमारी नारी शक्ति भी इस देश की विकास यात्रा में अपना contribution देने के लिए तैयार हैं, और मौका मिलने पर कोई ऐसा पद नहीं, जिसे वो हासिल न कर सकें।
भारत में Civil Services की शुरुआत Colonial शासन के दौरान हुई थी। ये Impersonal, rule-bound, और hierarchical थीं। तब ये, न ही Indian थीं, न ही Civil, न ही इनमें Service की भावना थी। अधिकारियों को “Bureaucrat” कहा जाता था। नौकर शाह कहा जाता था। जो Imperial Master के लिए कार्य करते थे।
“Bureaucrat” सुनते ही लोगों के मन में आता है: फाइलें, लाल-फीता शाही और एक ऐसा व्यक्ति जो नियम का बहाना बनाकर काम को टालता है।
लेकिन आज Civil Services का अर्थ बदल गया है। मैं आज आपसे कहता हूँ कि आप Bureaucrat नहीं हैं। आप नौकर शाह नहीं हैं। आप लोक सेवक हैं। आज आप भारत के नागरिकों के लिए कार्य करते हैं। आपके हर कार्य से करोड़ों जीवन जुड़े हुए हैं। करोड़ों सपने जुड़े हुए हैं। आपके कार्य देश का भविष्य निर्धारित करते हैं। लोगों के जीवन की दिशा निर्धारित करते हैं।
इसका एक example यदि मैं आपको दूँ, तो आप देखिये, कि अभी हाल ही में Operation Sindoor हुआ। हमारी सेनाओं ने पाकिस्तान based terrorist camps को तबाह किया। हालाँकि हमने बेहद संतुलित उत्तर दिया था, हमारा जवाब escalatory नहीं था, लेकिन पाकिस्तान के रवैये ने operation Sindoor के बाद border पर situation को normal नहीं रहने दिया। इस दौरान जिस तरह से देश भर में mock drills हुए, और हमारे प्रशासनिक अधिकारियों ने उस mock drill को successfully जनता तक समझाते हुए पहुँचाया, वह आप सबके लोक सेवक होने का एक brilliant example है। आप सबको भी, भविष्य में होने वाली ऐसी किसी भी स्थिति के लिए अपने आप को मानसिक रूप से तैयार रखना है।
Friends, रटगर ब्रेगमैन, in his book Moral Ambition, has said that true ambition is the kind that inspires us to bring transformation in the lives of others. Today, when humanity faces numerous moral challenges, we need civil servants who do not merely say that they want to bring change, but who continuously strive and work toward it. यानी, असली महत्वाकांक्षा वही है, जो हमें दूसरों के जीवन में परिवर्तन लाने की प्रेरणा दे। आज जब मानवता के सामने कई नैतिक चुनौतियां हैं, तब हमें ऐसे Civil Servants की ज़रूरत है जो सिर्फ यह न कहें कि हम बदलाव लाना चाहते हैं बल्कि इसके लिए निरंतर प्रयास भी करें। इसलिए आज हमें Moral Ambition वाले Civil Servants चाहिए, जो अपनी प्रतिभा का उपयोग केवल निजी सफलता के लिए नहीं, बल्कि समाज और मानवता के कल्याण के लिए करें।
आपको एक ऐसे Benchmarks स्थापित करने हैं, जिस पर आने वाली पीढ़ियाँ गर्व करें। आपके जीवन की सार्थकता इस बात में नहीं कि आपने कितना धन संचय किया या क्या पद पाया? बल्कि इसी बात में है कि कितने लोगों का जीवन, आपने बेहतर किया?
एक घटना का जिक्र मैं आपसे कर रहा हूँ। एक बार की बात है, बताते हैं, कि अल्बर्ट आइंस्टीन अपने छात्रों की परीक्षा ले रहे थे। एक छात्र ने उनसे पूछा, कि इस साल की परीक्षा के प्रश्न पिछले साल जैसे ही क्यों हैं। आइंस्टीन ने मुस्कुराकर जवाब दिया “चिंता मत करो; इस साल Answers अलग होंगे।” यह बात भारत और Civil Servants के लिए अत्यंत प्रासंगिक है।
ऐसे बहुत से सवाल, जो वर्ष 1947 में हमारे लिए महत्वपूर्ण थे, आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं। जैसे, अपने नागरिकों का जीवन हम कैसे और बेहतर कर सकते हैं? सभी नागरिकों को कैसे और अधिक गरिमामय जीवन दे सकते हैं? कैसे हम Ease of Living और बढ़ा सकते हैं?
लेकिन आज इन प्रश्नों के जवाब बदल चुके हैं। उनका Context बदल चुका है। इसलिए उनके answers भी बदल चुके हैं।
पिछले कुछ दशकों में वैश्विक स्तर पर Development Paradigm में गहरा परिवर्तन आया है। अनेक देशों ने ‘Nanny State’ मॉडल की जगह ‘Enabling State’ मॉडल अपनाया है। जहाँ राज्य लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में विश्वास करता है। जहाँ State को सिर्फ “Provider” नहीं, बल्कि “Enabler” के रूप में देखा जाता है।
इसलिए आज New Public Management ने, Public administration की जगह ले ली है। State-driven nation-building के साथ Collaborative state का Model अपनाया जा रहा है। इसलिए Red Tapism भी कम हुआ है। Ease of doing business को बढ़ावा मिला है। Good Governance को बढ़ावा मिला है।
भारत में भी, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने, Minimum Government, Maximum Governance का मंत्र दिया है। प्रधानमंत्री जी ने Reform, Perform और Transform का मंत्र दिया है।
इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर, पिछले 11 वर्षों में केंद्र सरकार ने 1,500 से अधिक Archaic कानूनों को खत्म किया है। हमने 40,000 से ज्यादा Compliances खत्म कर दिए हैं। कई कानूनों को De-criminalize कर दिया है।
जन विश्वास के पहले edition में, लगभग 200 छोटे अपराधों को, अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया था। दूसरे edition में 300 से ज़्यादा छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है।
हमने ग़ुलामी की मानसिकता को समाप्त करने के लिए ‘भारतीय न्याय संहिता’, ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता’ और ‘भारतीय साक्ष्य अधिनियम’ को पारित कराया है।
ये सभी सुधार आज आत्मनिर्भर और विकसित भारत की यात्रा को गति दे रहे हैं। इस नए परिप्रेक्ष्य में आपकी भूमिका भी बदल रही है। आप “Platonic Guardians” नहीं हैं बल्कि “People’s Servants” हैं। Now you are not just providers, but facilitators of empowerment.
साथियों, आप लोग political will को धरातल स्तर पर उतारने का भी काम करते हैं। मुझे याद है, जब मैं उत्तर प्रदेश का शिक्षा मंत्री था, तो मैं नकल विरोधी अधिनियम लेकर आया था। उस समय इस अधिनियम को लेकर राजनीतिक महकमे में मुझे बहुत विरोध भी झेलना पड़ा था। लेकिन मुझे विद्यार्थियों के भविष्य के लिए उठाए जा रहे उस कदम पर भरोसा था। उस भरोसे का एक कारण यह भी था, कि उत्तर प्रदेश के जो हमारे लोकसवेक थे, वो मेरे साथ खड़े थे। मुझे याद है, उस समय हमारे principal secretary ने मुझसे कहा था, कि यह act बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए जरूरी है। उसके बाद लोक सेवकों ने हमारे इस political will को धरातल पर उतारा।
यह example मैंने इसलिए दिया, क्योंकि अब आपको ऐसे अधिकारी की तरह कार्य करना है जो नागरिकों को उनकी क्षमता पहचानने, विकसित करने और आगे बढ़ने में मदद करें। आपको सिर्फ अब कानूनों और नियमों के Letter या Text को ही ध्यान में रखकर कार्य नहीं करना है बल्कि उनकी Spirit को ध्यान में भी रखना है।
आज Technology भी एक Enabler की भूमिका निभा रही है। जैसे आज Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana में Technology के प्रयोग से 300 से अधिक सरकारी योजनाओं के लिए Direct Benefit Transfer प्रदान किया जा रहा है। इससे Leakage कम हुआ है। Middlemen की भूमिका समाप्त हुई है।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन से देश भर के अस्पतालों के डिजिटल स्वास्थ्य समाधानों को एक-दूसरे से Link किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत Technology Sub-Mission के माध्यम से कम लागत के गुणवत्तापूर्ण आवास निर्माण संभव हो सका है।
देश भर में सरकार द्वारा नए-नए reforms किये जा रहे हैं, उन reforms के प्रति भी आपको खुद को accommodate करना है। जैसे आपने देखा होगा, कि Income tax department के द्वारा Faceless Assessment Scheme शुरू की गई है, ताकि taxpayers और tax officials के बीच physical interface को कम किया जा सके और transparency लाई जा सके। इसके अतिरिक्त यदि मैं रक्षा मंत्रालय की बात करूं, तो आप सबने SAMPURNA initiative के बारे में भी सुना होगा। SAMPURNA एक AI driven automation system है, जो Defence procurement and payments, को बड़े ही transparent manner में analyze करता है।
कहने का तात्पर्य यह है, कि आज आप सभी को भी इस बदलते परिवेश में Innovative तरीके से कार्य करना है। आपको लोगों की छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी समस्या का हल ढूँढना है।
एक और बात जो यहाँ Important है, वह यह, कि Technology हमारे लिए एक medium होना चाहिए, end नहीं। आपको Technology का प्रयोग Public Outreach, Accessibility, और Transparency बढ़ाने के लिए करना है। Technology के प्रयोग से Welfare को बढ़ावा देना है। समावेशिता बढ़ानी है।
एक बात और याद रखें, कि आपको Social media के प्रयोग में anonymity के सिद्धांत को भी याद रखना है। Social media का प्रयोग Real Change लाने के लिए हो, न कि अपनी आत्म-मुग्धता में Reels बनवाने के लिए। आपकी सच्ची Image वो लोग बनाएंगे जिनकी आप सेवा करेंगे, न कि Social Media पर Followers.
Dear officer trainees, 21 अप्रैल, 1947 को Civil Services के पहले बैच को संबोधित करते हुए सरदार पटेल ने जो बात कही थी, उसे आपको हमेशा याद रखना है। हम इस वर्ष सरदार पटेल की 150वीं जयंती मना रहे हैं। आज भी उनके द्वारा कही गई बातें, हमारे लिए relevant हैं। उन्होंने कहा था, “It will be your bounden duty to treat the common men in India as your own, or to put it correctly, to feel yourself to be one of them and amongst them, and you will have to learn not to despise or to disregard them. In other words, you will have to adapt yourselves to democratic ways of administration”.
उन्होंने यह भी कहा था कि “Above all, I would advise you to maintain the utmost impartiality and incorruptibility of administration…no Service worth the name can claim to exist if it does not have in view the achievement of the highest standard of integrity.”
इसलिए आपको इस अकादमी के Motto “‘शीलं परम भूषणम्” को चरितार्थ करना होगा। अक्सर ऐसा माना जाता है, कि Power corrupts. लेकिन मैं मानता हूँ कि Power Corrupts only weak. The strong use power to do good for others.
देश की बागडोर आपके हाथ में है। माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में, हमने वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने का लक्ष्य रखा है। हमने आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा है। हमने एक ऐसा भारत बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें विकास का लाभ सभी क्षेत्रों और नागरिकों, खासकर हमारे युवाओं, महिलाओं, किसानों, ओबीसी, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों तक और भी पहुंचे।
इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आप एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसलिए यह आवश्यक है,कि आप स्वयं को लोगों के सेवक के रूप में देखें। आपका ‘Character’ Incorruptible हो। आपका आचरण Integrity से परिपूर्ण हो। आपको ऐसा Culture बनाना है जहां ईमानदारी न एक गुण हो, न ही अपवाद; बल्कि आम जीवन की सामान्य सी बात हो।
आपके जीवन में बहुत से ऐसे क्षण आएंगे जब आपको बहुत प्रलोभन दिए जाएंगे। आपको गलत लेकिन आसान या मुश्किल लेकिन नैतिक रास्ते के बीच चुनाव करना होगा। लेकिन यदि आपने integrity से समझौता कर लिया तो आपका जीवन निरर्थक हो जाएगा।
आपको याद रखना है, कि आपकी Training जिस Academy में हुई है, उसका नाम लाल बहादुर शास्त्री जी के नाम पर है। उनका पूरा जीवन हमें हर समस्या में, हर दुविधा में, हर परिस्थिति में; नैतिक रास्ते का चयन सिखाता है चाहे वह कितनी मुश्किलों से भरा क्यों न हो।
शांत और सरल दिखने वाले शास्त्री जी के भीतर अद्भुत साहस और अटल संकल्प था। उन्होंने साबित किया कि सच्ची शक्ति किसी को Dominate करने में नहीं, खामोशी से बड़े बदलाव लाने में होती है। ईमानदारी से जनसेवा करने में होती हैं। देश के विकास के लिए कार्य करने में होती है।
उन्होंने Green Revolution को बढ़ावा दिया और भारत को आत्मनिर्भरता की राह दिखाई। और जब जरूरत पड़ी तो वर्ष 1965 के युद्ध में, उन्होंने दृढ़ता और साहस के साथ दिखाया, कि सादगी कमजोरी नहीं बल्कि ताकत है। उन्होंने “जय जवान, जय किसान” का नारा दिया। और दुनिया को दिखलाया कि भारत एक वक्त का भोजन छोड़ सकता है, लेकिन अपनी स्वतंत्रता और संप्रभुता से समझौता नहीं कर सकता है। अपनी Integrity से समझौता नहीं कर सकता है।
सिर्फ 19 महीने के कार्यकाल में शास्त्री जी ने सादगी, ईमानदारी, साहस और जनसेवा का जो आदर्श स्थापित किया, वह आपके जीवन की कसौटी होना चाहिए।
साथियों, इस वर्ष UPSC अपने 100 वें वर्ष में प्रवेश कर चुकी है। 100 वर्ष किसी भी आयोग के लिए, बहुत लंबी और गौरवशाली यात्रा होती है। UPSC की इस journey ने भारत को गढ़ा है। और उस crafting में लबासना, एक strong helping hand के रूप में दिखा है। मैं समझता हूँ, UPSC और लबासना का यह जो संगम है, यह निश्चित रूप से आपस में मिलकर देश के भविष्य को और भी मजबूत करेगा।
अंत में, Director लबासना और उनकी पूरी team समेत, मैं आप सभी को एक बार फिर, 100th Common Foundation Course की सफलतापूर्वक समाप्ति पर हार्दिक बधाई देता हूँ, और आपके सुनहरे भविष्य की कामना करते हुए, अपना निवेदन समाप्त करता हूँ।
जय हिन्द! जय भारत!
धन्यवाद!