ब्रह्मोस भारतीय थलसेना, नौसेना और वायुसेना तीनों की रीढ़ बन चुका है: रक्षा मंत्री

Hindi Text of RM’s speech at BrahMos Manufacturing facility in Lucknow

यह मेरे लिए यह अत्यंत गौरव का विषय है, कि आज लखनऊ में Brahmos की, State of the art, Booster building का inauguration हो रहा है। साथ ही यह भी मेरे लिए बड़े हर्ष का विषय है, कि आज लखनऊ यूनिट से ब्रह्मोस missiles की, पहली खेप को फ़्लैग-ऑफ़ करने का अवसर प्राप्त हो रहा है।

अभी थोड़ी देर ही पहले, इस प्रांगण में, रुद्राक्ष के पौधे के plantation का भी सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ। रुद्राक्ष को तो वैसे भी हम रूद्र यानी महादेव का अंश मानते हैं। मेरी महादेव से प्रार्थना है, कि उनका आशीर्वाद इस facility पर, और सभी देशवासियों पर हमेशा बना रहे।

साथियों, आज का दिन, उत्तर प्रदेश की जनता,  ख़ास कर लखनऊ की जनता के लिए भी बड़ा महत्त्वपूर्ण है।

मैं उत्तर प्रदेश और लखनऊ की देवतुल्य जनता को भी, आज इस अवसर पर बधाई देता हूँ।

साथियों, लखनऊ मेरे लिए सिर्फ मेरा संसदीय क्षेत्र नहीं है, बल्कि यह शहर मेरी आत्मा में बसा हुआ है। लखनऊ और उत्तर प्रदेश के development को देखकर तो ख़ुशी होती ही है, लेकिन आज जब इस भूमि पर defence sector से जुड़ी इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल हो रही है, तो उस ख़ुशी के साथ, आज गौरव का भाव भी मेरे अंदर आ रहा है।

लखनऊ अब सिर्फ़ ‘तहज़ीब’ नहीं, ‘Technology’ का शहर बन गया है। अब यह industries का शहर बन गया है। Defence manufacturing के मामले में भी, लखनऊ अब एक अहम केंद्र बन चुका है। यहाँ से निकलने वाला हर कदम, भारत की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता हुआ कदम है।

आप सोचिए, 11 मई 2025 को हमने इस modern facility का उद्घाटन किया था। और आज, महज़ पांच महीने के भीतर,

हम यहाँ खड़े होकर इस ऐतिहासिक उपलब्धि को देख रहे हैं, कि लखनऊ से ब्रह्मोस मिसाइल की पहली खेप deliver हो रही है। और मुझे लगता है, कि समय के साथ ही, ब्रह्मोस की credibility के साथ-साथ लखनऊ की भी credibility बढ़ी है, क्योंकि इतनी तेज़ी से काम होना, अपने आप में एक रिकॉर्ड है। यह प्रोजेक्ट देश के बढ़ते आत्मविश्वास और बढ़ती ताकत का भी प्रतीक है।

अब लखनऊ उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर के छह nodes में से एक है। आज से कुछ साल पहले तक, कोई भला यह सोच सकता था क्या, कि लखनऊ से देश की सबसे आधुनिक मिसाइलें तैयार होंगी। लेकिन आज यह कोई सपना नहीं, बल्कि हक़ीक़त है।

साथियों, यह project मेरे लिए बहुत personal और important रहा है। वैसे तो मैं देश के अलग-अलग हिस्सों में शिलान्यास करता हूँ, उद्घाटन करता हूँ, कई प्रोजेक्ट्स से जुड़ा रहता हूँ।

लेकिन इस प्रोजेक्ट से मेरा रिश्ता कुछ अलग है। जब यह project सिर्फ draft में था, तबसे लेकर आज तक, हर पड़ाव पर मैंने इसे करीब से देखा है। मैं इसे ऐसे महसूस करता हूँ, जैसे कोई किसान अपने खेत में बीज बोता है, फिर दिन-रात उसकी देखभाल करता है, धूप-बरसात झेलता है और आखिरकार जब फसल लहलहाती है, तो वह ख़ुशी से भर उठता है। ठीक उसी तरह, ब्रह्मोस यूनिट की यह उपलब्धि भी हमारे धैर्य, मेहनत और संकल्प का फल है।

साथियों, जो लोग ब्रह्मोस के बारे में जानते हैं, उसकी capability से वाकिफ हैं, उनके जेहन में ब्रह्मोस नाम सुनकर सीधे ब्रह्मोस की image ही आती होगी। लेकिन आपने एक और चीज देखी होगी, कि देश के किसी भी हिस्से में जब लोग ब्रह्मोस की चर्चा करते हैं, तो भले ही उन्हें ब्रह्मोस की technicality के बारे में कुछ न पता हो, लेकिन बच्चों से लेकर बूढ़ों तक, बच्चियों से लेकर महिलाओं तक, ब्रह्मोस का नाम सुनकर सबके जेहन में missile के साथ-साथ, एक credibility की image भी आती है।

देश के लोगों को लगता है, कि हमारे पास ब्रह्मोस है, मतलब हमारी सेनाओं के पास कोई तो ताकतवर missile है।

और मैं यह कहना चाहूँगा, कि देश के लोगों को गलत नहीं लगता।  ब्रह्मोस सिर्फ़ एक मिसाइल नहीं है, यह भारत की बढ़ती हुई स्वदेशी क्षमताओं का प्रतीक है। एक तरफ इसमें traditional warhead है, advance guided system है, तो दूसरी तरफ यह सुपरसोनिक गति से लंबी दूरी तक मार कर सकता है। Speed, accuracy और power का यह combination,

ब्रह्मोस को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रणालियों में से एक बनाता है। हमारे लिए यह गौरव की बात है, कि आज ब्रह्मोस भारतीय थलसेना, नौसेना और वायुसेना तीनों की रीढ़ बन चुका है।

इसलिए साथियों, आज यह अवसर सिर्फ़ एक launching event नहीं है। यह आने वाली पीढ़ियों को यह संदेश देने वाला क्षण है, कि भारत अपने सपनों को हकीकत में बदलने की ताकत रखता है। हमारे इसी भरोसे ने हमें operation sindoor में भी ताकत दी, जहाँ ब्रह्मोस ने खुद को सिर्फ़ एक सिस्टम नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा का,

सबसे बड़ा practical proof साबित किया। “ऑपरेशन सिंदूर” ने यह सिद्ध कर दिया कि अब जीत हमारे लिए कोई incident नहीं है, बल्कि जीत हमारी एक आदत बन चुकी है। अब हमें इस आदत को न सिर्फ बनाए रखना है, बल्कि इसे और मज़बूत करते रहने का संकल्प भी हमें लेना होगा।

ऑपरेशन सिंदूर ने ब्रह्मोस को सिर्फ़ एक trial से बहुत आगे ले जाकर practical proof बना दिया।

और यही वजह है कि आज वैज्ञानिको से लेकर सामान्य आदमी तक,  बड़े शहर के लोगों से लेकर छोटे गाँव के लोगों तक, पढ़े-लिखे लोगों से लेकर कम पढ़े-लिखे लोगों तक, सबको ब्रह्मोस की ताकत के बारे में पता है। देश को यह विश्वास है, कि हमारे adversaries अब ब्रह्मोस से बच नहीं पाएँगे। पाकिस्तान की जहाँ तक बात है, तो अब उसकी एक-एक इंच जमीन ब्रह्मोस की पहुँच में है। ऑपरेशन सिन्दूर में जो हुआ, वह तो सिर्फ ट्रेलर था। पर उस trailor ने ही पाकिस्तान को यह एहसास दिला दिया, कि अगर भारत, पाकिस्तान को जन्म दे सकता है, तो समय आने पर वह,……….अब आगे मुझे बताने की जरूरत नहीं है, आप सभी समझदार हैं।

कहने का अर्थ यह है साथियों, कि ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस का जो practical demonstration हुआ, उसने देशवासियों और पूरी दुनिया में ब्रह्मोस के लिए confidence पैदा किया है। इसलिए इस confidence को बनाए रखना, अब आपकी जिम्मेदारी है। देश और दुनिया की यह जो expectation है,

यह हमारे लिए एक बड़ी opportunity है। आप सभी engineers, technicians और workers के ऊपर बड़ी responsibility है, कि इस भरोसे पर खरा उतरें।

साथियों, आज मैं यहां केवल defence sector की बात नहीं करना चाहता। मैं उस बड़े परिवर्तन की भी बात करना चाहता हूँ, जो उत्तर प्रदेश में हो रहा है। हम सभी जानते हैं, कभी उत्तर प्रदेश की पहचान गुंडाराज और बिगड़े हुए law and order से की जाती थी। लोग डर में जीते थे, investors यहाँ आने से कतराते थे। लेकिन आज का उत्तर प्रदेश बदल चुका है। यह परिवर्तन किसी और की वजह से नहीं, बल्कि हम सबके जनप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मजबूत नेतृत्व का नतीजा है। योगीजी, आपने जिस तरह से प्रदेश के law and order को संभाला है, वह अपने आप में एक मिसाल है।

यह ब्रह्मोस, केवल हमारी सेनाओं की शक्ति का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह एक message भी है, कि उत्तर प्रदेश अब किसी भी challenge को handle करने के लिए, तैयार है। चाहे वह internal security का हो, या external threat का, उत्तर प्रदेश अब सभी जिम्मेदारियाँ लेने को तैयार है। मैं इस अवसर पर योगीजी को बहुत धन्यवाद देना चाहता हूँ,  जिस तरह से आपने इस facility को स्थापित करने में सहयोग किया, वह अत्यंत सराहनीय है।

साथियों, यदि मैं इस facility की बात करूँ, तो आप देख पा रहे होंगे, करीब 200 acres में यह facility खड़ी की गई है।

इसका total cost करीब 380 करोड़ रुपये है, और peak time पर सैकड़ों लोगों को इसमें रोज़गार मिलेगा। यह project सिर्फ एक defense facility नहीं है, बल्कि रोजगार और विकास का नया द्वार भी है। यदि output की बात करें, तो हर साल करीब 100 missile systems यहां से निकलेंगे। यहां से missile, Army को भी मिलेगा, Navy को भी मिलेगा और Air Force को भी। यानी production तीनों services के लिए होगा, और साथ ही यह future developments को भी,

cater करेगा। मुझे लगता है, कि यह सिर्फ शुरुआत है। जिस तरह से उत्तर प्रदेश में investment आ रहा है, और जिस तरह से योगीजी के नेतृत्व में प्रदेश प्रगति की राह पर बढ़ रहा है, उसे देखते हुए मैं कह सकता हूँ, कि उत्तर प्रदेश अब development और defence, दोनों के नए युग का प्रतीक बनने जा रहा है।

साथियों, उत्तर प्रदेश में ऐसी facility का निर्माण तो महत्त्वपूर्ण है ही। लेकिन इस तरह की facilities के साथ छोटी-छोटी allied industries को भी विकसित करना, भी उतना ही जरूरी है। आप सब scientists और engineers यहाँ बैठे हैं। आप तो जानते ही हैं, कि किसी भी बड़े weapon system के पीछे हज़ारों छोटे components, spare parts और technologies काम करती हैं। जैसे-जैसे technological development होता है, supply chain भी लंबी और diversified होती जाती है। और ये supply chain, कई बार दूसरे देशों से भी जुड़ी होती हैं। आज कल हमें supplier countries द्वारा, spare parts के weaponization की खबरें भी देखने को मिल रही हैं, यानी अब spare parts के supply chain को बाधित करने को भी, हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।

इसे आप ऐसे समझिये, कि कोई भी बड़ी industry जो होती है, उसका एक backward linkage होता है, यानी कि कोई industry जो final सामान बनाती है, उस सामान में लगने वाले अलग-अलग materials अलग-अलग जगह से आते हैं। अब आप मान लीजिए,

कि आप कोई सामान बना रहे हैं, और उस समान का एक जरूरी part आप कहीं और से import करते हैं। अब अगर उस आदमी, या कंपनी या देश ने, ऐन मौके पर वो part देने से मना कर दिया, तब तो आपका सामान बन ही नहीं पाएगा। यह जो spare parts का weaponization है, ऐसी चीजें भी हमें आज की दुनिया में देखने को मिल रही है, इन चीजों को avoid करने का सिर्फ एक ही तरीका है, कि हम अपने छोटे उद्योगों को इतना मजबूत कर लें,

कि हमें किसी spare part के लिए भारत से बाहर जाने की जरूरत न पड़े। चाहे वो advance seekers हों, या फिर ramjet engine हो, हमें छोटी-बड़ी हर तरीके की technology को, भारत में ही develop करना होगा, ताकि हमारी supply chain भी भारत में ही रहे। हमें अपने spare parts के लिए कहीं बाहर न जाना पड़े।

इसलिए, इस facility की स्थापना के साथ, हर छोटे उद्यमी, हर local entrepreneur के लिए यहां पर एक बड़ी opportunity खड़ी हो रही है।

अब जरूरत है, कि इनके लिए एक proper project map तैयार हो, ताकि वे भी defense ecosystem का हिस्सा बन सकें। उत्तर प्रदेश का defense corridor तभी पूरी तरह सफल होगा, जब बड़ी कंपनियों के साथ-साथ, ये छोटी industries भी grow करेंगी। मुझे विश्वास है, कि आने वाले समय में यूपी, न सिर्फ manufacturing hub बनेगा बल्कि छोटे-बड़े सभी उद्यमियों के लिए, innovation और रोजगार का नया epi-center साबित होगा।

साथियों, इस तरह की सुविधाएँ न केवल हमारे देश की सुरक्षा को मजबूत करती हैं, बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था को भी नई ताकत देती हैं। एक मज़ेदार बात तो यह है, कि आज हम सब धनतेरस मना रहे हैं, और इस शुभ दिन पर चार ब्रह्मोस मिसाइलों की डिलीवरी भी हो रही है।  जब ये चार मिसाइलें deliver हो रही हैं, तो इससे अच्छा खासा GST भी सरकार को मिल रहा है। अब बताइए, इससे बड़ा “धनतेरस गिफ्ट” देश के लिए और क्या हो सकता है? एक तरह से हम कह सकते हैं,

कि आज लक्ष्मी जी की कृपा हमारी security के साथ-साथ, हमारी economy पर भी जमकर बरसी है। इसका सीधा मतलब यह है, कि हर एक missile सिर्फ हमारी रक्षा नहीं करती, बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था को भी ताक़त दे रही है।

आप इसे simple शब्दों में ऐसे समझिए, कि सिर्फ एक मिसाइल के production से मिलने वाले टैक्स से, सरकार कई स्कूल बना सकती है, कई हॉस्पिटल खड़े कर सकती है, और ऐसी योजनाएं चला सकती है,

जो सीधे आम आदमी की ज़िंदगी को बेहतर करें। यानी ब्रह्मोस सिर्फ हथियार नहीं है, यह हमारे बच्चों के लिए education, हमारे परिवारों के लिए health care, और पूरे समाज के लिए opportunities का रास्ता भी खोलता है। मुझे पूरा यकीन है, कि आने वाले समय में यह synergy और मज़बूत होगी, और ब्रह्मोस जैसी परियोजनाएं, न सिर्फ हमें दुश्मन पर बढ़त दिलाएंगी, बल्कि हर भारतीय नागरिक के जीवन में नई रोशनी भी लेकर आएंगी।

साथियों, आज का अवसर उस बड़ी journey की झलक है, जो भारत ने बीते वर्षों में तय किया है, और आने वाले कल में तय करने वाला है। आज भारत उस मुकाम पर खड़ा है, जहाँ हम सिर्फ़ अपनी सुरक्षा को मज़बूत नहीं कर रहे, बल्कि दुनिया को यह दिखा भी रहे हैं, कि भारत defence और technology दोनों ही क्षेत्रों में एक credible partner है। हमारे scientists, हमारे engineers और हमारे youth मिलकर, इस देश की ताक़त को नई ऊँचाइयों पर ले जा रहे हैं।

Defence industry से निकलने वाला हर innovation, हर investment, हमारी economy और हमारे समाज दोनों को मज़बूत करता है।

ब्रह्मोस जैसी उपलब्धियाँ हमें यह विश्वास दिलाती हैं, कि “Made in India” अब सिर्फ़ एक नारा नहीं, बल्कि एक global brand बन चुका है। और यह brand अब पूरी दुनिया में सम्मान पा रहा है। आप सबको पता ही होगा, कि फिलीपींस के साथ हमने ब्रह्मोस export करने का contract sign किया है।

चाहे फिलीपींस को ब्रह्मोस का export हो, या आने वाले समय में दूसरे देशों के साथ सहयोग हो, भारत अब सिर्फ़ taker की नहीं बल्कि giver की भूमिका निभा रहा है। यही आत्मनिर्भर भारत की असली पहचान है, जिस सोच के साथ हमने 2014 में अपनी यात्रा शुरू की थी।

साथियों, हमारे प्रधानमंत्री जी ने हमें 2047 तक के भारत का vision दिया है, एक ऐसे भारत का जो पूरी तरह विकसित हो, आत्मनिर्भर हो और दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार हो।

उस vision तक पहुँचने में, Defence sector की भूमिका निश्चित रूप से decisive होगी। मुझे पूरा विश्वास है, कि हमारी Defence industries उस भूमिका को, इसी enthusiasm के साथ निभाएंगी।

अंत में, मैं इस अवसर पर ब्रह्मोस एयरोस्पेस, DRDO, हमारी armed forces और उन सभी scientists और engineers को दिल से बधाई देता हूँ, जिनकी मेहनत से यह moment possible हुआ है।

साथ ही, मैं उन अनगिनत हाथों को भी धन्यवाद देता हूँ, जिन्होंने production से लेकर delivery तक, इस सपने को हकीकत बनाया। मैं ईश्वर से आप सभी लोगों के आरोग्य और ऐश्वर्य की कामना के साथ, आप सभी को धनतेरस की भी ढेरों शुभकामनाएं देता हूं।

अंत में, मैं उत्तर प्रदेश की जनता को, उत्तर प्रदेश की सरकार को, यहाँ के अधिकारियों को, और इस facility से जुड़े हुए सभी stakeholders को,

दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएँ देते हुए अपनी बात समाप्त करता हूँ। बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय हिंद!