भारतीय वायुसेना के इतिहास में MiG-21 का अध्याय स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा- रक्षा मंत्री

RM’s speech at the Decommissioning Ceremony of the IAF MiG-21 in Chandigarh.
सबसे पहले मैं देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता को अक्षुण्ण बनाएरखने में, अपना अहम योगदान देने वाले, Indian Air force के वीरों कोनमन करता हूँ।
आज़ादी से लेकर अब तक, आप सबने, भारत की सुरक्षा को ensure करने के लिए, जिस शौर्य और पराक्रम का परिचय दिया है, वह अपनेआप में inspirational है। आपकी वीरता की यह जो journey रही है, इसके पीछे मैं समझता हूँ, MiG-21 का भी बड़ा योगदान रहा है।
साथियों, आज हम सब MiG-21 की, final operational sortie केलिए एकत्र हुए हैं। इस मौके पर आप सबके बीच आकर, मेरे मन में कईसारे emotions तैर रहे हैं। मेरे मन में इस समय pride भी है, और एकतरह की gratitude की भावना भी है।
आज जब हम MiG-21 को, उसकी operational journey से विदाई देरहे हैं, तो मुझे लगता है, हम एक ऐसे अध्याय को विदा करने जा रहे हैं, जो केवल Indian Air Force के इतिहास में, बल्कि हमारी पूरीmilitary aviation की journey में, golden letters से लिखा जाएगा।Mig-21 केवल एक Aircraft या Machine भर नहीं है, बल्कि यहभारत और Russia के बीच गहरे संबंधों का भी एक प्रमाण है।
साथियों, एक तरफ तो Military aviation का खुद का जो इतिहास है, वह अपने आप में, incredible है ही, दूसरी तरफ MiG-21 ने, Military aviation की इस journey में, कई और proud moments जोड़े हैं।दुनिया के Military aviation के इतिहास में, ऐसा कोई fighter jet नहींहुआ, जो इतनी बड़ी संख्या में निर्मित हुआ हो। दुनिया भर में MiG-21के, 11,500 से अधिक विमान बनाए गए, और उनमें से लगभग 850 विमान भारतीय वायुसेना का हिस्सा रहे। यह संख्या अपने आप में, इसfighter Aircraft की popularity, credibility और उसकी multidimensional capabilities की testimony है। अभी आप लोगों नेदेखा, कि Mig-21 की final fly past को, Air Chief Marshal A.P. Singh ने स्वयं lead किया है। यह इस Machine की credibility, औरAir warriors के मन में इसके सम्मान को दिखाता है।
इतने लंबे समय तक MiG-21, अनेक वीरतापूर्ण कृत्यों का साक्षी रहाहै। इसका योगदान, किसी एक घटना तक, या एक युद्ध तक सीमित नहींरहा। 1971 के war से लेकर कारगिल के युद्ध तक, या फिर बालाकोटएयरस्ट्राइक से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक, ऐसा कोई क्षण नहीं रहा, जबMiG-21 ने हमारी armed forces को, जबरदस्त मज़बूती प्रदान कीहो। 1971 का war भला कौन भूल सकता है। MiG-21 ने पाकिस्तान केसाथ युद्ध के दौरान, विपरीत परिस्थितियों में, जिस दिन ढाका के गवर्नरहाउस पर हमला किया, उसी दिन, उस युद्ध के परिणाम की रूपरेखा तयकर दी गई। इसके अलावा भी, इसके लम्बे इतिहास में अनेक ऐसे मौकेआए, जब MiG-21 ने अपनी decisive capacity साबित की।
कोई भी ऐतिहासिक missions हो, हर बार MiG-21 ने तिरंगे कासम्मान बढ़ाया। इसलिए यह farewell, हमारी collective memories का भी है, हमारे national pride का भी है, और उस journey का भी है, जिसमें courage, sacrifice और excellence की कहानी लिखी गई है।
साथियों, मैं MiG-21 की इस शानदार journey और इस कार्यक्रम को, एक अलग नज़रिये से भी देख रहा हूँ। यह नज़रिया हमारे प्राचीन भारतीयपरम्पराओं की भी एक झलक दे रहा है। हमारा जो ancient culture है, वह हमें यही सिखाता है, कि केवल living ही नहीं, बल्कि non-livingthings में भी ईश्वर का वास होता है। हमारे यहाँईशावास्य मिदं सर्वंकहा गया है। यानी हर एक चीज में ईश्वर के रूप को देखा गया है।
हमारे यहां जमीन, आसमान, पेड़, पौधे, यहाँ तक कि घास को भी पूजाजाता है। हम तो पत्थर में भी देवता का वास मानते हैं। हम तोमाताभूमिः पुत्रो अहं पृथिव्याःकहने वाले लोग हैं। यानि हम सब इस भूमि कोमाता और खुद को इसकी संतान मानते हैं।
आप सबने देखा होगा, जब कोई नया घर बनता है तो हम उसमें प्रवेशकरने से पहले पूजा करते हैं। जब कोई नई गाड़ी आती है तो उसका भीपूजन करते हैं। और अभी कुछ ही दिनों में, हम सब दशहरा में शस्त्र पूजनभी करेंगे। यह परंपरा केवल faith नहीं है, यह हर tool के प्रति, हरsystem के प्रति, हर instrument के प्रति, हमारी gratitude की भावनाहै, जो हमें protect करती है, जो हमें empower करती है। हमारीcivilization और हमारी culture हमें यही सिखाती है, कि respect सिर्फ humans को ही नहीं, बल्कि हर उस चीज़ को दिया जाना चाहिए, जिसने हमारे जीवन में कुछ कुछ योगदान दिया है।
जब हम हर छोटीबड़ी चीज को इतना सम्मान देते हैं, तो MiG-21 तोहमारा national pride है।  यह तो हमारी रक्षा का shield रहा है, हमारीशक्ति का symbol रहा है, और इसलिए इसका सम्मान करना भला हमकैसे छोड़ सकते हैं।
इसलिए आज, आज जब हम MiG-21 को farewell देने के लिएएकत्रित हुए हैं, तो इसे सिर्फ एक formal military ceremony की तरहनहीं देखना चाहिए।  यह एक सांस्कृतिक परंपरा का extension है। जैसेहम अपने soldiers की retirement पर उन्हें सम्मान देते हैं, उसी तरहआज हम इस mighty machine को सम्मान दे रहे हैं, जिसने decades तक हमारी सुरक्षा का भार अपने wings पर उठाया।
भारत के गाँवों का बच्चाबच्चा MiG-21 के बारे में जानता है, इसकेशौर्य और पराक्रम के बारे में जानता है। यह Aircraft हमारे देश कीmemories और emotions में deeply embedded है। 1963 में जबMiG-21 पहली बार हमारे साथ जुड़ा था, तब से लेकर आज तक 60 सेभी ज्यादा वर्षों का यह सफर अपने आप में unmatched है। मुझे लगताहै, कि हमारे कुछ veterans को छोड़ दें, तो यहाँ मौजूद अधिकांश लोगोंका उस समय जन्म भी नहीं हुआ होगा, जब यह machine पहली बारIndian skies में उड़ी थी।
यही बात इसे और भी special बनाती है। हम सबके लिए यह सिर्फएक fighter jet नहीं, बल्कि एक family member जैसा है, जिसकेसाथ हमारा attachment बहुत गहरा है। MiG-21 ने हमारे confidence को shape किया है, हमारी strategy को मज़बूत दिया है, और हमेंglobal stage पर establish करने में मदद की है। अपनी इतनी लंबीjourney में, इस fighter jet ने, हर चुनौती का सामना किया, और हरबार अपनी काबिलियत साबित की।
साथियों, जब MiG-21 की बात होती है, अक्सर यह कहा जाता है, किभारतीय वायुसेना 60 साल पुराने विमान उड़ा रही थी।  मैं इस अवसर परएक important fact भी स्पष्ट कर देना चाहता हूँ। 1960 और 1970 केदशक में जो मिग-21 विमान हमारी armed forces के पास आए थे, वेबहुत पहले ही सेवा से बाहर हो चुके हैं। जो MiG-21 विमान आज तकहम उड़ा रहे थे, वे maximum 40 वर्ष पुराने हैं। 40 साल की lifetime,ऐसे aircraft के standard में, बिल्कुल normal है। कई देशों में ऐसेfighter jets को इतने ही time तक active रखा जाता है। लेकिनMiG-21 की एक ख़ास बात यह है कि इसे तकनीकी रूप से हमेशाupdated रखा गया। आज जो MiG-21 हम देख रहे हैं, यह तो Trishul, Vikram, Badal, और Bison जैसे नामों से भी जाना गया है। इसकावर्तमान रूप तो updated था। यहाँ मैं हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड कीभी सराहना करता हूँ, जिसने अपने advanced radars, Avionics से,Mig-21 को लगातार update करने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका कानिर्वहन किया।
MiG-21 ने अपने buyers और अपने sellers दोनों की अपेक्षाओं सेकहीं बेहतर प्रदर्शन किया। 1950 के दशक में जिस डिज़ाइन पर यह jet बना था, वह उस समय की technology के हिसाब से best था। समयके साथ इसमें state of the art system जोड़े गए।  बेहतर radar system जोड़ा गया। इसके अलावा भी इसमें अनेक air to air missiles जोड़ी गईं, target missiles जोड़ी गईं, free fall bomb भी जोड़े गए।यही कारण है कि मिग-21 को इतने लंबे समय तक हमारी वायुसेना काभरोसा और सम्मान मिलता रहा।
इसलिए आज जब हम इसे विदाई दे रहे हैं, तो यह moment हमें याददिला रहा है, कि हमारी strength सिर्फ modern technology में नहीं है, बल्कि उस legacy में भी है,जिसे हमने दशकों से build किया है।  उसlegacy को celebrate करना और उसका सम्मान करना हमारीजिम्मेदारी है।
साथियों, एक interesting बात यह है, कि यह कार्यक्रम चंडीगढ़ में होरहा है। यहीं से भारतीय वायुसेना की सुपरसोनिक यात्रा की शुरुआत हुईथी। No. 28 Squadron जिसे “First Supersonics” कहा जाता है, यहीं से मिग-21 का इंडक्शन हुआ था। यह स्थान इसलिए भी खास है, क्योंकि यह उस गौरवशाली अध्याय का गवाह है, जिसने भारत की air power को नई पहचान दी।
आप सबके समक्ष मिग-21 के बारे में विस्तार से बताने की जरूरत तो हैही नहीं। यहाँ बैठे हुए आप सभी, चाहे air warriors हों, veterans हों याफिर defence expert हों, सब इसके performance से भलीभाँतिपरिचित हैं। लेकिन मेरी नज़र से इसकी जो सबसे खास विशेषता रही, वह है, इसकी versatility. यह एक ऐसा fighter jet रहा, जिसने अपनेलंबे operational life में हर तरह के role निभाए हैं। इसको, ‘Bird of all seasons ऐसे ही नहीं कहा जाता।
एक interceptor के तौर पर, इसने दुश्मन को रोकने का काम किया।Ground attack में, इसने अपनी आक्रामक क्षमता दिखाई। Air Defence fighter jet के रूप में, इसने skies  को protect किया, औरसिर्फ इतना ही नहीं, इसने एक trainer aircraft के तौर पर भी असंख्यair warriors को तैयार किया। कहने का मतलब यह है कि, मिग-21 नेहर उड़ान के साथ, भारत के भविष्य को और भी मजबूत किया है।
साथियों, MiG-21 अगर इतने वर्षों तक भारत की सुरक्षा में अपनायोगदान देता रहा, तो इसके पीछे की ताकत Indian Air force का हरपायलट, हर air warrior और हर ground crew ने दी है। मिग-21 केसाथ उन्होंने अपना साहस और अपना समर्पण जोड़ा है।
अगर आप 80 और 90 के दशक की तरफ नज़र डालें तो आप देखपाएँगे कि MiG-21 सिर्फ़ एक fighter aircraft ही नहीं, बल्कि हमारीIndian Air Force के लिए एक training ground के रूप में भी कार्यकर रहा था। इस legendary प्लेटफॉर्म पर खड़े होकर जाने कितनेजांबाज़ पायलट्स ने उड़ान भरी, सीखा कि आसमान से कैसे बात करनीहै, कैसे हर परिस्थिति में अपनी मशीन को control करना है, और कैसेमुश्किल हालात में भी शांत रहकर mission पूरा करना है। आज जोहमारे पास highly skilled fighter pilots हैं, उनकी नींव कहींकहींMiG-21 ने ही रखी थी। यही वजह है कि भारत की सुरक्षा यात्रा मेंMiG-21 एक सारथी की तरह हमेशा हमारे साथ खड़ा रहा।
आज जब हम उसे farewell दे रहे हैं, तो यह भरोसा भी ले रहे हैं, किआने वाले कल में हमारी नई पीढ़ी इसी spirit के साथ defence manufacturing और air power को और ऊँचाइयों पर ले जाएगी। मुझेविश्वास है कि आने वाले समय में, जब दुनिया भारत को देखेगी, तोकहेगी यह वो देश है जिसने MiG-21 से शुरुआत की और आज future technology में दुनिया का leader है। यही हमारी journey है, यहीहमारा pride है।
और मैं रक्षा मंत्री होने के नाते नहीं, एक भारतीय होने के नाते कहता हूँकि इस legacy को हमें टूटने नहीं देना है। MiG-21 का योगदान सिर्फ़इतिहास नहीं है, वह सीख है, वह DNA है, जो हमें आगे बढ़ाएगा। हमेंLCA-Tejas की सफलता को अपनी next mission की शुरुआतमाननी है; और आने वाले fighter aircraft, Advanced Medium Combat Aircraft (AMCA) और अन्य programs में यहआत्मविश्वास भरना है कि भारत हर चुनौती को पार कर सकता है। आजहमारे defence ecosystem में remarkable बदलाव हो रहा है हमारीresearch labs, academia, Defence PSUs, private sector, हमारेyouth, हमारे startups, यह सब मिलकर, बदलाव की इस गाड़ी कोतेज़ी से आगे बढ़ा रहे हैं।
आज का दिन हमें यह भी याद दिलाता है, कि हमें अतीत को तो सम्मानदेना ही है, साथ ही साथ भविष्य की ओर कदम भी बढ़ाते रहना है। पुरानेसाधन भले ही आज सेवा से बाहर हो जाएँ, लेकिन हमें ध्यान रखना है, कि उनकी legacy हमें हमेशा प्रेरित करती रहे। MiG-21 ने हमें यहसिखाया है कि बदलाव से घबराना नहीं है, बल्कि उससे नई ऊर्जा लेकरआगे बढ़ना है। हम तो इस भाव को लेकर चलने वाले लोग हैं, कितंत्र हैनूतन भले ही, चिरपुरातन साधना।
हमारे पूर्वजों ने हमें यह दर्शन दिया कि साधना, यानी मूल भावना औरआदर्श, शाश्वत होते हैं। उन्हें प्रकट करने के लिए जो साधन यानी तंत्रऔर उपकरण हैं, वह सब तो समय के साथ बदलते रहते हैं। जैसे इसेआप इस तरह से समझिये, कि हमारे सैनिकों का साहस, अनुशासन औरउनकी राष्ट्रभक्ति चिरपुरातन साधना है। लेकिन उन्हें व्यक्त करने केलिए जिन हथियारों, jets और technology की आवश्यकता होती है, वेनूतन तंत्र हैं। लगातार updated होता रहा मिग-21, इस दर्शन का जीवंतउदाहरण है।
अंत में, मैं उन सभी pilots, technicians, ground staff, और इससेजुड़े HAL के समस्त engineers और अन्य staffs को भी हृदय से नमनकरता हूँ, जिनकी मेहनत, समर्पण और साहस ने MiG-21 को भारतीयवायुसेना की आत्मा का हिस्सा बनाया। हमारे pilots ने अपने प्राणों कीपरवाह किए बिना आसमान में हमारी सीमाओं की रक्षा की, औरtechnicians और Ground staffs ने अपने पसीने और कौशल से यहसुनिश्चित किया, कि हमारे विमान हर बार पूर्ण शक्ति के साथ उड़ान भरसके। आज जब हम इस गौरवशाली अध्याय को विदा कर रहे हैं, तो यहउन अनगिनत नायकों को भी स्मरण करने का क्षण है, जिनके त्याग ने इसमशीन को एक जीवंत विरासत बना दिया। उनका योगदान हमेशा हमारीराष्ट्रीय स्मृतियों में अमर रहेगा।
साथियों, अंत में, मैं बस इतना ही कहना चाहता हूँ, कि MiG-21 जिसतरह दशकों तक हमारी security का piller बना रहा, वह हम सबकेलिए गर्व का विषय है। मुझे ख़ुशी है, कि मैं एक भारतीय नागरिक के रूपमें भी इस पल को आप सबके साथ बाँट रहा हूँ। साथ ही हमें आज यहप्रण भी लेना होगा, कि आने वाले कल में, हमारी वायुसेना की उड़ान औरऊँची होगी, और भारत की आकाश रक्षा और अभेद्य होगी। इसी प्रण केसाथ, MiG-21 को विदाई देते हुए, और इसके प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता व्यक्त करते हुए, मैं अपनी बात समाप्त करता हूँ।

बहुतबहुत धन्यवाद!

जय हिन्द!